न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Mon, 30 Nov 2020 02:38 PM IST
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कृषि कानूनों को लेकर लगातार पांच दिनों से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान दिल्ली में प्रवेश करने के लिए इसकी सीमाओं पर लगातार डटे हुए। वहीं केंद्र सरकार के मंत्रियों ने मोर्चा संभालते हुए उन्हें आश्वस्त किया है कि नए कृषि कानून एपीएमसी-मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि विरोध गलत धारणाओं को लेकर हो रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन पर अपनी राय दी है। उन्होंने सोमवार को कहा कि यह विरोध प्रदर्शन गलतफहमी के कारण हो रहा है और किसानों से बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार खरीद तंत्र से संबंधित मुद्दों के डर को दूर करने के लिए किसानों से बात करना चाहती है। इसलिए मेरा मानना है कि बातचीत होनी चाहिए। ये विरोध प्रदर्शन गलत धारणाओं के कारण हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, केंद्र से उनकी (किसानों) बातचीत हो जाएगी तो सही मायने में किसानों को यह जानकारी मिल जाएगी कि किसी भी फसल की खरीद में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने वाली है। फसल की खरीद होगी और जो दाम केंद्र द्वारा निर्धारित किया जाता है वह उनको मिलेगा। देश भर में इसके बारे में जो किया गया है, जरूरत इस बात की है कि लोगों के बीच बताया जाए, केंद्र सरकार चाहती है कि किसानों के साथ बातचीत हो।
यह भी पढ़ें- राहुल-प्रियंका गांधी का केंद्र पर निशाना, कहा- सरकार को सुननी चाहिए किसानों की आवाज
किसानों को समझाने मे जुटे केंद्रीय मंत्री
वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री कानूनों को लेकर किसानों को समझाने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा, 'नए कृषि कानून एपीएमसी मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।'
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा, 'कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज्यादा एमएसपी पर बेचा। एमएसपी भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।'
कृषि कानूनों को लेकर लगातार पांच दिनों से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान दिल्ली में प्रवेश करने के लिए इसकी सीमाओं पर लगातार डटे हुए। वहीं केंद्र सरकार के मंत्रियों ने मोर्चा संभालते हुए उन्हें आश्वस्त किया है कि नए कृषि कानून एपीएमसी-मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि विरोध गलत धारणाओं को लेकर हो रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन पर अपनी राय दी है। उन्होंने सोमवार को कहा कि यह विरोध प्रदर्शन गलतफहमी के कारण हो रहा है और किसानों से बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार खरीद तंत्र से संबंधित मुद्दों के डर को दूर करने के लिए किसानों से बात करना चाहती है। इसलिए मेरा मानना है कि बातचीत होनी चाहिए। ये विरोध प्रदर्शन गलत धारणाओं के कारण हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, केंद्र से उनकी (किसानों) बातचीत हो जाएगी तो सही मायने में किसानों को यह जानकारी मिल जाएगी कि किसी भी फसल की खरीद में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने वाली है। फसल की खरीद होगी और जो दाम केंद्र द्वारा निर्धारित किया जाता है वह उनको मिलेगा। देश भर में इसके बारे में जो किया गया है, जरूरत इस बात की है कि लोगों के बीच बताया जाए, केंद्र सरकार चाहती है कि किसानों के साथ बातचीत हो।
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किसानों को समझाने मे जुटे केंद्रीय मंत्री
वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री कानूनों को लेकर किसानों को समझाने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा, 'नए कृषि कानून एपीएमसी मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।'
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा, 'कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज्यादा एमएसपी पर बेचा। एमएसपी भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।'