जासूसों की एक अलग ही दुनिया होती है। वह दूसरे देशों में जाकर वहां की खुफिया जानकारी अपने देश की खुफिया एजेंसी को भेजते हैं, लेकिन यह कहने-सुनने में जितना आसान लगता है, असल जिंदगी में यह उतना ही मुश्किल काम है। या यूं कहें कि इसमें जान का खतरा हमेशा बना रहता है। अगर जासूसी करते दूसरे देश में पकड़े गए तो वहां के कानून के हिसाब से उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाती है। आज हम आपको एक ऐसे ही जासूस के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दूसरे देश में जाकर वहां की जासूसी करता है और एक वक्त ऐसा भी आता है, जब उसे वहां के राष्ट्रपति की ओर से उप-रक्षा मंत्री बनने का प्रस्ताव मिलता है। हालांकि बाद में वह अपनी गलती के कारण पकड़ा जाता है और उसे बीच चौराहे पर सैकड़ों लोगों के सामने फांसी दे दी जाती है।