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भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) त्योहारी सीजन के दौरान मिठाई में होने वाले मिलावट को लेकर खासा सख्त हो गया है। एफएसएसएआई ने दिल्ली-एनसीआर में मिठाई में नकली खोया (मावा) और घी जैसे दुग्ध उत्पादों की मिलावट पर निगरानी बढ़ा दी है। एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एफएसएसएआई ने दुग्ध उत्पादों विशेषकर मिठाइयों के निर्माण में बुनियादी स्वच्छता और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में मदद के लिए खाद्य कारोबार चलाने वालों को पारंपरिक खाद्य उत्पादों पर दिशानिर्देश भी जारी किए।
पनीर आधारित मिठाइयों जैसे पारंपरिक दुग्ध उत्पादों के निर्माण और कारोबार करने वालों भारत में हलवाई कहा जाता है। खाद्य नियामक ने कहा कि विशेषकर त्योहारी सीजन के दौरान मांग और आपूर्ति में भारी अंतर के मद्देनजर ऐसे डेयरी उत्पादों में मिलावट की खासी आशंका होती हैं।
संवादताओं से बातचीत में अग्रवाल ने बताया, ‘हमने त्योहारी सीजन के दौरान दिल्ली-एनसीआर में दुग्ध उत्पादों की निगरानी शुरू कर दी है। 44 स्थानों की पहचान की गई है और नमूने लिए जा रहे हैं। इन्हें गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय प्रयोगशाला को भेजा जा रहा है।’ इन नमूनों का तीन नवंबर तक परीक्षण किया जाएगा और नतीजों का एलान अगले महीने की पहली तारीख को किया जाएगा।
अग्रवाल ने कहा, ‘इस कवायद का उद्देश्य दुग्ध उत्पादों में मिलावट की पहचान करना और यह पता लगाना है कि वर्तमान में कौन से पदार्थ मिलाए जा रहे हैं। इनका सूक्ष्म जैविक विश्लेषण भी किया जाएगा।’
खाद्य कारोबारियों के लिए जारी दिशानिर्देशों में एफएसएसएआई ने मिठाइयों की शेल्फ-लाइफ सुनिश्चित करने, मिश्रण और स्वाद की गुणवत्ता की जांच आदि बातें शामिल हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) त्योहारी सीजन के दौरान मिठाई में होने वाले मिलावट को लेकर खासा सख्त हो गया है। एफएसएसएआई ने दिल्ली-एनसीआर में मिठाई में नकली खोया (मावा) और घी जैसे दुग्ध उत्पादों की मिलावट पर निगरानी बढ़ा दी है। एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एफएसएसएआई ने दुग्ध उत्पादों विशेषकर मिठाइयों के निर्माण में बुनियादी स्वच्छता और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में मदद के लिए खाद्य कारोबार चलाने वालों को पारंपरिक खाद्य उत्पादों पर दिशानिर्देश भी जारी किए।
पनीर आधारित मिठाइयों जैसे पारंपरिक दुग्ध उत्पादों के निर्माण और कारोबार करने वालों भारत में हलवाई कहा जाता है। खाद्य नियामक ने कहा कि विशेषकर त्योहारी सीजन के दौरान मांग और आपूर्ति में भारी अंतर के मद्देनजर ऐसे डेयरी उत्पादों में मिलावट की खासी आशंका होती हैं।
संवादताओं से बातचीत में अग्रवाल ने बताया, ‘हमने त्योहारी सीजन के दौरान दिल्ली-एनसीआर में दुग्ध उत्पादों की निगरानी शुरू कर दी है। 44 स्थानों की पहचान की गई है और नमूने लिए जा रहे हैं। इन्हें गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय प्रयोगशाला को भेजा जा रहा है।’ इन नमूनों का तीन नवंबर तक परीक्षण किया जाएगा और नतीजों का एलान अगले महीने की पहली तारीख को किया जाएगा।
अग्रवाल ने कहा, ‘इस कवायद का उद्देश्य दुग्ध उत्पादों में मिलावट की पहचान करना और यह पता लगाना है कि वर्तमान में कौन से पदार्थ मिलाए जा रहे हैं। इनका सूक्ष्म जैविक विश्लेषण भी किया जाएगा।’
खाद्य कारोबारियों के लिए जारी दिशानिर्देशों में एफएसएसएआई ने मिठाइयों की शेल्फ-लाइफ सुनिश्चित करने, मिश्रण और स्वाद की गुणवत्ता की जांच आदि बातें शामिल हैं।