पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दूसरे राष्ट्रपति खलीफा बिन जायद बिन सुल्तान अल नह्यन दुनिया के सबसे अमीर राष्ट्राध्यक्ष हैं। इनकी नेटवर्थ करीब 1286 अरब रुपये है। खलीफा दुनिया के किसी भी अन्य देश के राष्ट्राध्यक्ष की तुलना में सबसे बड़ी निजी संपत्ति के कर्ताधर्ता हैं। वे यूएई की यूनियन डिफेंस फोर्स के सुप्रीम कमांडर और सुप्रीम पेट्रोलियम काउंसिल के चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा वे अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं।
यहां किया है निवेश
अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी खलीफा की 61,976 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति का प्रबंधन करती है। खलीफा परिवार ने इस संस्था के जरिए 10626 अरब रुपये का निवेश किया हुआ है। खलीफा सक्रिय दानवीरों की अग्रणी पंक्ति में आते हैं। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान में दिया है। वे इस्लामिक देशों के साथ ही पश्चिमी देशों में भी मदद के लिए तैयार रहते हैं। हाल ही में उन्होंने 1065 करोड़ रुपये यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सस के कैंसर विभाग को दिए हैं।
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का नाम
दुबई में बनी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत 'बुर्ज' का नाम भी उनके सम्मान में बदलकर 'बुर्ज खलीफा' रखा गया। खलीफा 'कसर अल वतन' नाम के महल में रहते हैं, जिसकी कीमत करीब 3553 करोड़ रुपये है। इसके अलावा इनका एक महल फ्रांस के एवियन में भी है।
राजकीय जीवन
सात सितंबर 1948 को जन्में खलीफा ने सेंडहर्ट के शाही सैन अकादमी से स्नातक किया है। पिता की मौत के बाद खलीफा नवंबर 2004 से राष्ट्राध्यक्ष के पद पर बने हुए हैं। पिता की स्वास्थ्य समस्याओं के चलते वे इस पद की जिम्मेदारी वर्ष 1990 से ही निभा रहे हैं। जनवरी 2014 में खलीफा को ब्रेन स्ट्रोक का सामना करना पड़ा, जिसके बाद से वे राजकीय कार्यों में बेहद कम सक्रिय रहने लगे। अब उनके छोटे भाई शेख मोहम्मद बिन जायद अल नह्यन सभी जिम्मेदारियों को संभाल रहे हैं।
1966 में बने थे मेयर
वर्ष 1966 में जब उनके पिता अबु धाबी के शासक बने, तब खलीफा को अबु धाबी के पूर्वी क्षेत्र का मेयर बना दिया गया। एक फरवरी 1969 को उन्हें अबु धाबी का युवराज घोषित किया गया और अगले ही दिन उन्हें अबु धाबी के रक्षा मंत्रालय का प्रमुख बना दिया गया। उन्होंने अबु धाबी के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री जैसे प्रमुख पद भी संभाले हैं।
विवादों में रहे बड़े निवेश
खलीफा ने वर्ष 1995 के दौरान सेशेल्स में 20 लाख डॉलर में 66 एकड़ का एक द्वीप खरीदा था, जिस पर एक शाही महल का निर्माण कराया गया है। इस जमीन को लेकर कई विवाद सामने आए। महल निर्माण के दौरान करीब 8000 लोग प्रभावित हुए। निर्माण के दौरान पानी की लाइन खराब हो गई, जिसे लेकर काफी विरोध हुआ। इसके ऐवज में खलीफा ने करीब 15 लाख डॉलर स्थानीय लोगों को चुकाए और सेशल्स की सरकार को बड़ी मात्रा में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई गई, जिसमें 13 करोड़ डॉलर कीमत के इंजेक्शन भी शामिल थे।
वर्ष 2016 में खलीफा का नाम पनामा पेपर्स में भी आया था। पनामा पेपर्स के अनुसार, खलीफा ने लंदन के ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में खरीदी थी, जिसकी कीमत 121 अरब रुपये बताई गई थी।
4000 करोड़ कीमत की है याट
खलीफा के पास 593 फीट लंबी याट है, जिसकी अनुमानित कीमत 4291 करोड़ रुपये है। यह याट पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है। इसका निर्माण लॉरसेन याट कंपनी ने शेख के लिए वर्ष 2013 में किया था। दुनिया की सबसे लंबी याट के तौर पर मश्हूर इस याट में 60 क्रू मेंबर सफर करते हैं, जिनके लिए 30 केबिन तैयार किए गए हैं। इसमें 36 मेहमानों के लिए शाही केबिन बने हैं।
अबु धाबी शाही विमान सेवा
खलीफा के पास अपनी शाही विमान सेवा कंपनी भी है, जिसके जरिए यह अबु धाबी सरकार और शाही परिवार के सदस्यों को अपनी सेवाएं देती है। पिछले दिनों इसी परिवार के विमान से अमेरिका यात्रा करने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को विवादों का सामना करना पड़ा था।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दूसरे राष्ट्रपति खलीफा बिन जायद बिन सुल्तान अल नह्यन दुनिया के सबसे अमीर राष्ट्राध्यक्ष हैं। इनकी नेटवर्थ करीब 1286 अरब रुपये है। खलीफा दुनिया के किसी भी अन्य देश के राष्ट्राध्यक्ष की तुलना में सबसे बड़ी निजी संपत्ति के कर्ताधर्ता हैं। वे यूएई की यूनियन डिफेंस फोर्स के सुप्रीम कमांडर और सुप्रीम पेट्रोलियम काउंसिल के चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा वे अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं।
यहां किया है निवेश
अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी खलीफा की 61,976 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति का प्रबंधन करती है। खलीफा परिवार ने इस संस्था के जरिए 10626 अरब रुपये का निवेश किया हुआ है। खलीफा सक्रिय दानवीरों की अग्रणी पंक्ति में आते हैं। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान में दिया है। वे इस्लामिक देशों के साथ ही पश्चिमी देशों में भी मदद के लिए तैयार रहते हैं। हाल ही में उन्होंने 1065 करोड़ रुपये यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सस के कैंसर विभाग को दिए हैं।
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का नाम
दुबई में बनी दुनिया की सबसे ऊंची इमारत 'बुर्ज' का नाम भी उनके सम्मान में बदलकर 'बुर्ज खलीफा' रखा गया। खलीफा 'कसर अल वतन' नाम के महल में रहते हैं, जिसकी कीमत करीब 3553 करोड़ रुपये है। इसके अलावा इनका एक महल फ्रांस के एवियन में भी है।
राजकीय जीवन
सात सितंबर 1948 को जन्में खलीफा ने सेंडहर्ट के शाही सैन अकादमी से स्नातक किया है। पिता की मौत के बाद खलीफा नवंबर 2004 से राष्ट्राध्यक्ष के पद पर बने हुए हैं। पिता की स्वास्थ्य समस्याओं के चलते वे इस पद की जिम्मेदारी वर्ष 1990 से ही निभा रहे हैं। जनवरी 2014 में खलीफा को ब्रेन स्ट्रोक का सामना करना पड़ा, जिसके बाद से वे राजकीय कार्यों में बेहद कम सक्रिय रहने लगे। अब उनके छोटे भाई शेख मोहम्मद बिन जायद अल नह्यन सभी जिम्मेदारियों को संभाल रहे हैं।
1966 में बने थे मेयर
वर्ष 1966 में जब उनके पिता अबु धाबी के शासक बने, तब खलीफा को अबु धाबी के पूर्वी क्षेत्र का मेयर बना दिया गया। एक फरवरी 1969 को उन्हें अबु धाबी का युवराज घोषित किया गया और अगले ही दिन उन्हें अबु धाबी के रक्षा मंत्रालय का प्रमुख बना दिया गया। उन्होंने अबु धाबी के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री जैसे प्रमुख पद भी संभाले हैं।
विवादों में रहे बड़े निवेश
खलीफा ने वर्ष 1995 के दौरान सेशेल्स में 20 लाख डॉलर में 66 एकड़ का एक द्वीप खरीदा था, जिस पर एक शाही महल का निर्माण कराया गया है। इस जमीन को लेकर कई विवाद सामने आए। महल निर्माण के दौरान करीब 8000 लोग प्रभावित हुए। निर्माण के दौरान पानी की लाइन खराब हो गई, जिसे लेकर काफी विरोध हुआ। इसके ऐवज में खलीफा ने करीब 15 लाख डॉलर स्थानीय लोगों को चुकाए और सेशल्स की सरकार को बड़ी मात्रा में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई गई, जिसमें 13 करोड़ डॉलर कीमत के इंजेक्शन भी शामिल थे।
वर्ष 2016 में खलीफा का नाम पनामा पेपर्स में भी आया था। पनामा पेपर्स के अनुसार, खलीफा ने लंदन के ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में खरीदी थी, जिसकी कीमत 121 अरब रुपये बताई गई थी।
4000 करोड़ कीमत की है याट
खलीफा के पास 593 फीट लंबी याट है, जिसकी अनुमानित कीमत 4291 करोड़ रुपये है। यह याट पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है। इसका निर्माण लॉरसेन याट कंपनी ने शेख के लिए वर्ष 2013 में किया था। दुनिया की सबसे लंबी याट के तौर पर मश्हूर इस याट में 60 क्रू मेंबर सफर करते हैं, जिनके लिए 30 केबिन तैयार किए गए हैं। इसमें 36 मेहमानों के लिए शाही केबिन बने हैं।
अबु धाबी शाही विमान सेवा
खलीफा के पास अपनी शाही विमान सेवा कंपनी भी है, जिसके जरिए यह अबु धाबी सरकार और शाही परिवार के सदस्यों को अपनी सेवाएं देती है। पिछले दिनों इसी परिवार के विमान से अमेरिका यात्रा करने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को विवादों का सामना करना पड़ा था।