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एक ऐसे समय में जब हर चीज की कीमत आसमान छू रही है, भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की लागत भी खतरनाक रूप से बढ़ रही है। 2018-19 में औसत स्वास्थ्य सेवा मुद्रास्फीति बढ़कर 7-14 फीसदी हो गई, जो 2017-18 में 4-39 फीसदी थी।
हर वर्ष 50 फीसदी से अधिक की दर से चिकित्सा महंगाई बढ़ने के साथ, एक पर्याप्त बीमा राशि के सहारे स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में निवेश करना वक्त की जरूरत बन गया है। इसके अलावा 30-35 वर्ष से कम आयु के वयस्कों में गंभीर बीमारियों के चलन को देखते हुए किसी को भी स्वास्थ्य बीमा के इस आवश्यक वित्तीय सुरक्षा उपकरण को खरीदने में देरी नहीं करनी चाहिए।
पिछले कुछ वर्षों से बदलती उपभोक्ता अपेक्षाओं के आधार पर ऐसी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी तैयार की जा रही हैं, जिनमें ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) कवर भी शामिल हैं। कम उम्र में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में निवेश सुनिश्चित करता है कि किसी के पास भी अधिक कवरेज होगा।
कई नवीनतम स्वास्थ्य योजनाएं युवा ग्राहकों के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करती हैं, जिसमें डे केयर प्रक्रिया शामिल हैं और वेक्टर-जनित रोगों के उपचार से लेकर मातृत्व लाभ और अन्य के साथ ओपीडी के खर्चों को कवर किया जाता है।
ओपीडी उपचार से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जिसमें कोई व्यक्ति किसी चिकित्सक या अस्पताल में या किसी चिकित्सक की सलाह के आधार पर निदान और उपचार के लिए संबद्ध क्लिनिक या अस्पताल की विजिट करता है और उसे डेकेयर या इन-पेशेंट के रूप में भर्ती नहीं होना पड़ता है।
स्वास्थ्य बीमा प्लान जो ओपीडी कवर की पेशकश करते हैं, बीमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान होने वाले खर्चों के अलावा अन्य क्लेम के लिए सहायता करते हैं।
ओपीडी कवर किसे लेना चाहिए
ओपीडी कवर ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए है जो स्वास्थ्य देखभाल की लागत को वहन करता है पर जिसे अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं होती है। यह वायरल बुखार के लिए दवाओं और मधुमेह, गठिया या पीठ दर्द जैसी कुछ पुरानी स्थितियों के मामलों में शामिल है। किसी भी अन्य पुरानी स्थिति के लिए जिसमें डॉक्टर के यहां नियमित विजिट की आवश्यकता होती है, ओपीडी बीमा कवर की अनुशंसा की जाती है।
ओपीडी कवर से किसी को अस्पताल में भर्ती न होने पर भी स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च का क्लेम करने की अनुमति मिलती है, डायग्नोस्टिक या छोटी-मोटी बीमारियों के साथ दवाओं की लागत भी इस पॉलिसी के तहत आती है। कोई भी भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स में छूट का दावा कर सकता है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ओपीडी उपचार केवल नेटवर्क क्लीनिक और अस्पतालों के लिए मान्य होता है।
आप लंबे इंतजार के बिना ओपीडी खर्च का दावा कर सकते हैं। यह आमतौर पर पॉलिसी का लाभ उठाने के 90 दिनों के भीतर होता है, अगर कोई पहले से मौजूद बीमारी के लिए दावा कर रहा है या किसी एक दिन से भी अगर वह पहले से मौजूद किसी मेडिकल कंडीशन से संबंधित नहीं है। जब तक यह सीमा समाप्त नहीं हो जाती है तब तक एक ही वर्ष में कई क्लेम किए जा सकते हैं।
यह भी ध्यान रहे
ओपीडी कवर का लाभ कई आकारों और प्रकारों में आता है। इसमें चिकित्सकों द्वारा किसी भी बीमारी के लिए किसी के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए चिकित्सकीय रूप से आवश्यक परामर्श और परीक्षा के लिए शुल्क शामिल है।
यह एक्स-रे, मस्तिष्क और बॉडी स्कैन और पैथोलॉजी जैसी चिकित्सकीय रूप से आवश्यक आउट-डायग्नोस्टिक प्रक्रियाओं को भी कवर करता है और इसी तरह निर्धारित दवाओं के साथ एक नैदानिक केंद्र से उपचार के लिए निदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा, मामूली सर्जिकल प्रक्रिया जैसे पीओपी, घाव में टांका लगाने, चोट पर ड्रेसिंग और जानवरों के काटने पर डॉक्टर की ओर से अंजाम दी जाने वाली ओपीडी प्रक्रियाओ को भी कवर किया जाता है।
यहां यह बताना भी समीचीन रहेगा कि ओपीडी कवर में सभी डे-केयर प्रक्रियाएं शामिल नहीं हो सकती हैं। इसलिए, स्वास्थ्य बीमाकर्ता से यह जान लेना हमेशा बुद्धिमानी भरा कदम होता है कि कौन सी प्रक्रियाएं इस लाभ के लिए दावा कर सकती हैं। इसके अलावा यह कवर आम तौर पर चश्मे, कॉन्टेक्ट लेंस, कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं, फिजियोथेरेपी और वॉकर, बीपी मॉनीटर, ग्लूकोमीटर. थर्मामीटर, आहार विशेषज्ञ शुल्क, विटामिन और पूरक आहार जैसे खर्चों को शामिल नहीं करता है।
अक्सर स्वास्थ्य बीमाकर्ता आधार पॉलिसी के साथ ओपीडी कवर को एड-ऑन के रूप में पेश करते हैं। आमतौर पर, चूंकि ओपीडी खर्च बीमाधारक द्वारा उपयोग किए जाने की अधिक संभावना है, इसलिए यह कवरेज अधिक लागत पर आता है। किसी को यह विश्लेषण करना चाहिए कि क्या इसकी यह प्रभावकारिता उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं और उम्र को ध्यान में रखते हुए लागत को उचित ठहराती है।
यह महत्वहीन और महंगा लग सकता है पर यह वास्तव में में उस दिन आपको महंगी लागत से बचा सकता है जब आप मुश्किल स्थिति में होंगे। ओपीडी कवर सभी के लिए यह सुनिश्चित करता है कि आपकी जेब पर अधिक भार डाले बिना आप स्वास्थ्य सेवा का सबसे अच्छा उपयोग कर सकें
(आनंद रॉय, प्रबंध निदेशक, स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से बातचीत पर आधारित लेख)
सार
एक ऐसे समय में जब हर चीज की कीमत आसमान छू रही है, भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की लागत भी खतरनाक रूप से बढ़ रही है। 2018-19 में औसत स्वास्थ्य सेवा मुद्रास्फीति बढ़कर 7-14 फीसदी हो गई, जो 2017-18 में 4-39 फीसदी थी।
विस्तार
एक ऐसे समय में जब हर चीज की कीमत आसमान छू रही है, भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की लागत भी खतरनाक रूप से बढ़ रही है। 2018-19 में औसत स्वास्थ्य सेवा मुद्रास्फीति बढ़कर 7-14 फीसदी हो गई, जो 2017-18 में 4-39 फीसदी थी।
हर वर्ष 50 फीसदी से अधिक की दर से चिकित्सा महंगाई बढ़ने के साथ, एक पर्याप्त बीमा राशि के सहारे स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में निवेश करना वक्त की जरूरत बन गया है। इसके अलावा 30-35 वर्ष से कम आयु के वयस्कों में गंभीर बीमारियों के चलन को देखते हुए किसी को भी स्वास्थ्य बीमा के इस आवश्यक वित्तीय सुरक्षा उपकरण को खरीदने में देरी नहीं करनी चाहिए।
पिछले कुछ वर्षों से बदलती उपभोक्ता अपेक्षाओं के आधार पर ऐसी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी तैयार की जा रही हैं, जिनमें ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) कवर भी शामिल हैं। कम उम्र में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में निवेश सुनिश्चित करता है कि किसी के पास भी अधिक कवरेज होगा।
कई नवीनतम स्वास्थ्य योजनाएं युवा ग्राहकों के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करती हैं, जिसमें डे केयर प्रक्रिया शामिल हैं और वेक्टर-जनित रोगों के उपचार से लेकर मातृत्व लाभ और अन्य के साथ ओपीडी के खर्चों को कवर किया जाता है।
ओपीडी उपचार से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जिसमें कोई व्यक्ति किसी चिकित्सक या अस्पताल में या किसी चिकित्सक की सलाह के आधार पर निदान और उपचार के लिए संबद्ध क्लिनिक या अस्पताल की विजिट करता है और उसे डेकेयर या इन-पेशेंट के रूप में भर्ती नहीं होना पड़ता है।
स्वास्थ्य बीमा प्लान जो ओपीडी कवर की पेशकश करते हैं, बीमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान होने वाले खर्चों के अलावा अन्य क्लेम के लिए सहायता करते हैं।
ओपीडी कवर किसे लेना चाहिए
ओपीडी कवर ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए है जो स्वास्थ्य देखभाल की लागत को वहन करता है पर जिसे अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं होती है। यह वायरल बुखार के लिए दवाओं और मधुमेह, गठिया या पीठ दर्द जैसी कुछ पुरानी स्थितियों के मामलों में शामिल है। किसी भी अन्य पुरानी स्थिति के लिए जिसमें डॉक्टर के यहां नियमित विजिट की आवश्यकता होती है, ओपीडी बीमा कवर की अनुशंसा की जाती है।
ओपीडी कवर से किसी को अस्पताल में भर्ती न होने पर भी स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च का क्लेम करने की अनुमति मिलती है, डायग्नोस्टिक या छोटी-मोटी बीमारियों के साथ दवाओं की लागत भी इस पॉलिसी के तहत आती है। कोई भी भुगतान किए गए प्रीमियम पर टैक्स में छूट का दावा कर सकता है। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ओपीडी उपचार केवल नेटवर्क क्लीनिक और अस्पतालों के लिए मान्य होता है।
आप लंबे इंतजार के बिना ओपीडी खर्च का दावा कर सकते हैं। यह आमतौर पर पॉलिसी का लाभ उठाने के 90 दिनों के भीतर होता है, अगर कोई पहले से मौजूद बीमारी के लिए दावा कर रहा है या किसी एक दिन से भी अगर वह पहले से मौजूद किसी मेडिकल कंडीशन से संबंधित नहीं है। जब तक यह सीमा समाप्त नहीं हो जाती है तब तक एक ही वर्ष में कई क्लेम किए जा सकते हैं।
यह भी ध्यान रहे
ओपीडी कवर का लाभ कई आकारों और प्रकारों में आता है। इसमें चिकित्सकों द्वारा किसी भी बीमारी के लिए किसी के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए चिकित्सकीय रूप से आवश्यक परामर्श और परीक्षा के लिए शुल्क शामिल है।
यह एक्स-रे, मस्तिष्क और बॉडी स्कैन और पैथोलॉजी जैसी चिकित्सकीय रूप से आवश्यक आउट-डायग्नोस्टिक प्रक्रियाओं को भी कवर करता है और इसी तरह निर्धारित दवाओं के साथ एक नैदानिक केंद्र से उपचार के लिए निदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा, मामूली सर्जिकल प्रक्रिया जैसे पीओपी, घाव में टांका लगाने, चोट पर ड्रेसिंग और जानवरों के काटने पर डॉक्टर की ओर से अंजाम दी जाने वाली ओपीडी प्रक्रियाओ को भी कवर किया जाता है।
यहां यह बताना भी समीचीन रहेगा कि ओपीडी कवर में सभी डे-केयर प्रक्रियाएं शामिल नहीं हो सकती हैं। इसलिए, स्वास्थ्य बीमाकर्ता से यह जान लेना हमेशा बुद्धिमानी भरा कदम होता है कि कौन सी प्रक्रियाएं इस लाभ के लिए दावा कर सकती हैं। इसके अलावा यह कवर आम तौर पर चश्मे, कॉन्टेक्ट लेंस, कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं, फिजियोथेरेपी और वॉकर, बीपी मॉनीटर, ग्लूकोमीटर. थर्मामीटर, आहार विशेषज्ञ शुल्क, विटामिन और पूरक आहार जैसे खर्चों को शामिल नहीं करता है।
अक्सर स्वास्थ्य बीमाकर्ता आधार पॉलिसी के साथ ओपीडी कवर को एड-ऑन के रूप में पेश करते हैं। आमतौर पर, चूंकि ओपीडी खर्च बीमाधारक द्वारा उपयोग किए जाने की अधिक संभावना है, इसलिए यह कवरेज अधिक लागत पर आता है। किसी को यह विश्लेषण करना चाहिए कि क्या इसकी यह प्रभावकारिता उनकी स्वास्थ्य आवश्यकताओं और उम्र को ध्यान में रखते हुए लागत को उचित ठहराती है।
यह महत्वहीन और महंगा लग सकता है पर यह वास्तव में में उस दिन आपको महंगी लागत से बचा सकता है जब आप मुश्किल स्थिति में होंगे। ओपीडी कवर सभी के लिए यह सुनिश्चित करता है कि आपकी जेब पर अधिक भार डाले बिना आप स्वास्थ्य सेवा का सबसे अच्छा उपयोग कर सकें
(आनंद रॉय, प्रबंध निदेशक, स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से बातचीत पर आधारित लेख)