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नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के तीन तख्तों से गुरुवार सुबह रवाना हुआ शिरोमणि अकाली दल का किसान मार्च देर रात चंडीगढ़ सीमा पर पहुंचा। चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश कर रहे अकालियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें छोड़ीं। इसमें कई कार्यकर्ता जख्मी हुए। पुलिस ने शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर समेत कई अकालियों को हिरासत में ले लिया। इन्हें करीब आधे घंटे हिरासत में रखने के बाद रात करीब 11 बजे छोड़ दिया गया। वहीं, प्रदर्शन के कारण लगने वाले जाम से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
धरने पर बैठे सुखबीर सिंह बादल।
पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब, सांसद हरसिमरत कौर बादल ने तख्त श्री दमदमा साहिब और पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा व पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने तख्त श्री केसगढ़ साहिब में अरदास की और किसान मार्च के साथ चंडीगढ़ रवाना हुए।
शिअद प्रधान के सुबह साढ़े दस बजे रवाना हुए मार्च में करीब 150 गाड़ियां शामिल थीं। उनके साथ खुले वाहन में बिक्रम सिंह मजीठिया और अन्य अकाली नेता भी थे। हरसिमरत कौर बादल अपने ससुराल गांव बादल से तख्त दमदमा साहिब पहुंचीं। यहां माथा टेकने के बाद दोपहर 12 बजे मौड़ मंडी होते हुए रामपुरा गईं। जिले से शिअद का 300 गाड़ियों का काफिला निकला।
पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की मांग की लेकिन पुलिस ने मना कर दिया
मुल्लांपुर बैरियर से रात नौ बजे के करीब सुखबीर बादल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की। यहां पुलिस ने अकालियों पर लाठियां भांजीं और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ीं। यहां पुलिस ने सुखबीर और यूथ विंग के प्रधान बिक्रम सिंह मजीठिया समेत कई नेता और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। अकालियों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की मांग की लेकिन पुलिस ने मना कर दिया।

पुलिस सभी को ले गई सेक्टर- 17 थाने
मोहाली, डेराबस्सी, लांडरां, फतेहगढ़ सहिब के साथ लगते इलाके के नेता एयरपोर्ट रोड स्थित छत गांव में इकट्ठा हुए। यहां पर पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर तलवंडी साहिब से कार्यकर्ताओं के लंबे काफिले के साथ छत गांव पहुंचीं। उसके बाद नेताओं का काफिला जीरकपुर की ओर बढ़ा। रात नौ बजे कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने लठियां चला दीं।
पुलिस ने हरसिमरत कौर बादल सहित पूर्व मंत्री एनके शर्मा, पूर्व सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा को हिरासत में ले लिया। सभी अकाली नेताओं को पुलिस चंडीगढ़ के सेक्टर-17 थाने ले आई। दूसरी तरफ सुखबीर बादल कुराली से सिसवां होते हुए मुल्लांपुर पहुंचे। यहां पर उनके साथ खरड़, कुराली व नयागांव के नेता साथ थे। पुलिस उन्हें भी मुल्लांपुर से गिरफ्तार कर सेक्टर 17 थाने ही ले आई। देर रात 11 बजे सभी को छोड़ दिया गया।
भारी पुलिस बल था तैनात
कृषि कानूनों के खिलाफ अकालियों ने 40 हजार गाड़ियों व दो लाख कार्यकर्ताओं के साथ चंडीगढ़ में पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का एलान कर रखा था। इन्हें रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने मुल्लांपुर व जीरकपुर के रास्तों पर भारी-भरकम पुलिस तैनात कर रखी थी।
शांतिपूर्ण विरोध पर बर्बर लाठीचार्ज लोकतंत्र का काला दिन: बादल
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने चंडीगढ़ पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण अकाली नेताओं, कार्यकर्ताओं और किसानों पर हिंसक बल के दमनकारी प्रयोग की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध पर बर्बर लाठीचार्ज ने लोकतंत्र के लिए एक दर्दनाक और काला दिन बना दिया। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी संख्या में अकाली कार्यकर्ताओं और किसानों को किसान मार्च में शामिल होने के लिए धन्यवाद देते हुए बधाई दी।

नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने तीनों तख्तों से शुरू हुई शिअद (बादल) की ट्रैक्टर रैली को नाटक बताया है। उन्होंने कहा कि अब यही अकाली दल अपनी खिसकती राजनीतिक जमीन हासिल करने और सिखों की धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाकर राजनीतिक ताकत हासिल करने को तीनों तख्त साहिबानों से राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन की शुरुआत की है।
इससे पंजाबियों और पंथ रूपी संगत में भारी रोष है। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जब तक मोदी सरकार ने किसान विरोधी विधेयक पास नहीं किए तब तक तो शिअद ने भाजपा की हां में हां मिलाई। सुखबीर बादल भाजपा का गुणगान कर रहे थे और बैठकों में कृषि विरोधी काले-कानूनों की जोरशोर से वकालत करते रहे।
पंथ और किसानों के साथ विश्वासघात कर चुकी है शिअद: रंधावा
कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को भुलाने वाले सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाले दल को तीन तख्त साहिबान से मार्च निकालते समय शर्म क्यों न आई। रंधावा ने कहा कि बादल परिवार के अकाली नेतृत्व ने सबसे पहले श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को तिलांजलि दी।
संघीय ढांचे को चोट पहुंचाते हुए जब केंद्र सरकार ने कृषि कानून बनाने से पहले अध्यादेश पास किए तो उस समय अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल कैबिनेट का हिस्सा थीं। आज पंजाब के लोगों खासकर किसानों को गुमराह करने के लिए शिअद किस मुंह के साथ मार्च निकाल रहा है। अब अकाली दल सबसे छोटी अंगुली में खून लगाकर शहीद बनने का नाटक कर रहा है।
पंजाब के तीन तख्तों से शुरू हुआ शिअद का किसान मार्च
नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के तीन तख्तों से गुरुवार को शिरोमणि अकाली दल का किसान मार्च शुरू हुआ। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और माझा के वरिष्ठ नेताओं ने सुबह करीब सवा नौ बजे अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब में माथा टेककर नए कृषि कानून के विरुद्ध किसान मार्च शुरू किया।

जगह-जगह रहा ट्रैफिक जाम।
सुखबीर ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मांग की है कि वह किसानों के मुद्दे पर संसद का विशेष इजलास बुलाएं ताकि इन किसान विरोधी कानून को रद्द किया जा सके। मार्च में करीब 150 गाड़ियां थीं। सुखबीर बादल एक खुले वाहन में बिक्रम सिंह मजीठिया, गुलजार सिंह रणिके, तलबीर सिंह गिल, गुरप्रताप सिंह टिक्का और अन्य अकाली नेताओं के साथ एक काफिले में मोहाली रवाना हुए।
जिले से शिअद की 300 गाड़ियों की अगुवाई कर रहे पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने कहा कि केंद्र की ओर से बनाए गए कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल को जो भी लड़ाई लड़नी पड़ी वह लड़ी जाएगी। इस दौरान शिअद कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजमार्ग पर गलत साइड में गाड़ियों को चलाकर ट्रैफिक नियम तोड़ते नजर आए। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
श्री आनंदपुर साहिब से सुबह 11 बजे शिरोमणि अकाली दल का विशाल किसान मार्च रवाना हुआ। किसान मार्च शुरू करने से पहले तख्त श्री केसगढ़ साहिब में अरदास की गई। यह मार्च पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा की अगुवाई में निकाला गया।
किसान मार्च बेशक श्री आनंदपुर साहिब से शुरू हुआ लेकिन पड़ाव दर पड़ाव काफिले में कार्यकर्ता का इजाफा होता रहा। श्री कीरतपुर साहिब, भरतगढ़ और घनौली से अकाली कार्यकर्ता किसान मार्च में शामिल हुए। लगभग सौ गाड़ियों का काफिला श्री आनंदपुर साहिब से चंडीगढ़ रवाना हो गया। इस दौरान अकाली नेता कोविड-19 के संबंध में जारी निर्देशों का पालन करना पूरी तरह भूल गए। मार्च में सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं रखा गया।
वहीं चंडीगढ़ की सीमाएं सील कर दी गई थीं। यूटी के चार बैरियर पर पंजाब और चंडीगढ़ के 2400 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात रहे। आठ वज्र वाहन, गैस वाहन और इतनी ही संख्या में फायर ब्रिगेड तैनात रही। मोहाली के फेज छह, मतार बेरियर, जीरकपुर और मुल्लापुर बेरियर से चंडीगढ़ में किसानों ने प्रवेश किया। इन्हें रोकने के लिए मुल्लांपुर, मटौर, जीरकपुर सीमा इलाका समेत अन्य जगहों पर पुलिस की तैनाती की गई।
सीआईडी समेत अन्य शाखाएं अलर्ट
हजारों किसानों के रैली में पहुंचने की खबर से पुलिस अलर्ट रही। इसके साथ सीआईडी समेत अन्य शाखाएं भी नजर रखे रहीं। पुलिस के अनुसार, किसानों को चंडीगढ़ में आने से रोकने के लिए सीमांत इलाकों में मजबूत इंतजाम किया गया।

सार
- कृषि कानूनों का विरोध: शिअद ने पंजाब के तीन तख्तों से निकाला चंडीगढ़ तक किसान मार्च
- हजारों की संख्या में पहुंचे अकाली कार्यकर्ता, चंडीगढ़ पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ीं
- मुल्लांपुर की ओर से सुखबीर और जीरकपुर की तरफ से हरसिमरत कौर आईं
विस्तार
नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के तीन तख्तों से गुरुवार सुबह रवाना हुआ शिरोमणि अकाली दल का किसान मार्च देर रात चंडीगढ़ सीमा पर पहुंचा। चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश कर रहे अकालियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें छोड़ीं। इसमें कई कार्यकर्ता जख्मी हुए। पुलिस ने शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर समेत कई अकालियों को हिरासत में ले लिया। इन्हें करीब आधे घंटे हिरासत में रखने के बाद रात करीब 11 बजे छोड़ दिया गया। वहीं, प्रदर्शन के कारण लगने वाले जाम से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
धरने पर बैठे सुखबीर सिंह बादल।
पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब, सांसद हरसिमरत कौर बादल ने तख्त श्री दमदमा साहिब और पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा व पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने तख्त श्री केसगढ़ साहिब में अरदास की और किसान मार्च के साथ चंडीगढ़ रवाना हुए।
शिअद प्रधान के सुबह साढ़े दस बजे रवाना हुए मार्च में करीब 150 गाड़ियां शामिल थीं। उनके साथ खुले वाहन में बिक्रम सिंह मजीठिया और अन्य अकाली नेता भी थे। हरसिमरत कौर बादल अपने ससुराल गांव बादल से तख्त दमदमा साहिब पहुंचीं। यहां माथा टेकने के बाद दोपहर 12 बजे मौड़ मंडी होते हुए रामपुरा गईं। जिले से शिअद का 300 गाड़ियों का काफिला निकला।
पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की मांग की लेकिन पुलिस ने मना कर दिया
मुल्लांपुर बैरियर से रात नौ बजे के करीब सुखबीर बादल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की। यहां पुलिस ने अकालियों पर लाठियां भांजीं और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ीं। यहां पुलिस ने सुखबीर और यूथ विंग के प्रधान बिक्रम सिंह मजीठिया समेत कई नेता और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। अकालियों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की मांग की लेकिन पुलिस ने मना कर दिया।
पुलिस सभी को ले गई सेक्टर- 17 थाने
मोहाली, डेराबस्सी, लांडरां, फतेहगढ़ सहिब के साथ लगते इलाके के नेता एयरपोर्ट रोड स्थित छत गांव में इकट्ठा हुए। यहां पर पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर तलवंडी साहिब से कार्यकर्ताओं के लंबे काफिले के साथ छत गांव पहुंचीं। उसके बाद नेताओं का काफिला जीरकपुर की ओर बढ़ा। रात नौ बजे कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ में घुसने की कोशिश की तो पुलिस ने लठियां चला दीं।
पुलिस ने हरसिमरत कौर बादल सहित पूर्व मंत्री एनके शर्मा, पूर्व सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा को हिरासत में ले लिया। सभी अकाली नेताओं को पुलिस चंडीगढ़ के सेक्टर-17 थाने ले आई। दूसरी तरफ सुखबीर बादल कुराली से सिसवां होते हुए मुल्लांपुर पहुंचे। यहां पर उनके साथ खरड़, कुराली व नयागांव के नेता साथ थे। पुलिस उन्हें भी मुल्लांपुर से गिरफ्तार कर सेक्टर 17 थाने ही ले आई। देर रात 11 बजे सभी को छोड़ दिया गया।
भारी पुलिस बल था तैनात
कृषि कानूनों के खिलाफ अकालियों ने 40 हजार गाड़ियों व दो लाख कार्यकर्ताओं के साथ चंडीगढ़ में पंजाब के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का एलान कर रखा था। इन्हें रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने मुल्लांपुर व जीरकपुर के रास्तों पर भारी-भरकम पुलिस तैनात कर रखी थी।
शांतिपूर्ण विरोध पर बर्बर लाठीचार्ज लोकतंत्र का काला दिन: बादल
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने चंडीगढ़ पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण अकाली नेताओं, कार्यकर्ताओं और किसानों पर हिंसक बल के दमनकारी प्रयोग की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध पर बर्बर लाठीचार्ज ने लोकतंत्र के लिए एक दर्दनाक और काला दिन बना दिया। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी संख्या में अकाली कार्यकर्ताओं और किसानों को किसान मार्च में शामिल होने के लिए धन्यवाद देते हुए बधाई दी।
मोदी सरकार किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है लेकिन शिअद उनके साथ खड़ा रहेगा। हमने संसद में काले कानूनों का विरोध किया और बाद में मंत्रालय और एनडीए गठबंधन भी छोड़ दिया। मैं किसानों को विश्वास दिलाता हूं कि शिअद न केवल उनके अधिकारों के लिए लड़ेगी बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि वे सुरक्षित रहें। सुखबीर सिंह बादल, प्रधान, शिअद

शिअद का किसान मार्च नाटक: आप
चंडीगढ़ की सीमाएं सील
- फोटो : अमर उजाला
नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने तीनों तख्तों से शुरू हुई शिअद (बादल) की ट्रैक्टर रैली को नाटक बताया है। उन्होंने कहा कि अब यही अकाली दल अपनी खिसकती राजनीतिक जमीन हासिल करने और सिखों की धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाकर राजनीतिक ताकत हासिल करने को तीनों तख्त साहिबानों से राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन की शुरुआत की है।
इससे पंजाबियों और पंथ रूपी संगत में भारी रोष है। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जब तक मोदी सरकार ने किसान विरोधी विधेयक पास नहीं किए तब तक तो शिअद ने भाजपा की हां में हां मिलाई। सुखबीर बादल भाजपा का गुणगान कर रहे थे और बैठकों में कृषि विरोधी काले-कानूनों की जोरशोर से वकालत करते रहे।
पंथ और किसानों के साथ विश्वासघात कर चुकी है शिअद: रंधावा
कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को भुलाने वाले सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाले दल को तीन तख्त साहिबान से मार्च निकालते समय शर्म क्यों न आई। रंधावा ने कहा कि बादल परिवार के अकाली नेतृत्व ने सबसे पहले श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को तिलांजलि दी।
संघीय ढांचे को चोट पहुंचाते हुए जब केंद्र सरकार ने कृषि कानून बनाने से पहले अध्यादेश पास किए तो उस समय अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल कैबिनेट का हिस्सा थीं। आज पंजाब के लोगों खासकर किसानों को गुमराह करने के लिए शिअद किस मुंह के साथ मार्च निकाल रहा है। अब अकाली दल सबसे छोटी अंगुली में खून लगाकर शहीद बनने का नाटक कर रहा है।
पंजाब के तीन तख्तों से शुरू हुआ शिअद का किसान मार्च
नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के तीन तख्तों से गुरुवार को शिरोमणि अकाली दल का किसान मार्च शुरू हुआ। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और माझा के वरिष्ठ नेताओं ने सुबह करीब सवा नौ बजे अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब में माथा टेककर नए कृषि कानून के विरुद्ध किसान मार्च शुरू किया।

जगह-जगह रहा ट्रैफिक जाम।
सुखबीर ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मांग की है कि वह किसानों के मुद्दे पर संसद का विशेष इजलास बुलाएं ताकि इन किसान विरोधी कानून को रद्द किया जा सके। मार्च में करीब 150 गाड़ियां थीं। सुखबीर बादल एक खुले वाहन में बिक्रम सिंह मजीठिया, गुलजार सिंह रणिके, तलबीर सिंह गिल, गुरप्रताप सिंह टिक्का और अन्य अकाली नेताओं के साथ एक काफिले में मोहाली रवाना हुए।
जिले से शिअद की 300 गाड़ियों की अगुवाई कर रहे पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने कहा कि केंद्र की ओर से बनाए गए कृषि कानूनों के विरोध में अकाली दल को जो भी लड़ाई लड़नी पड़ी वह लड़ी जाएगी। इस दौरान शिअद कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजमार्ग पर गलत साइड में गाड़ियों को चलाकर ट्रैफिक नियम तोड़ते नजर आए। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
श्री आनंदपुर साहिब से सुबह 11 बजे शिरोमणि अकाली दल का विशाल किसान मार्च रवाना हुआ। किसान मार्च शुरू करने से पहले तख्त श्री केसगढ़ साहिब में अरदास की गई। यह मार्च पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा की अगुवाई में निकाला गया।
किसान मार्च बेशक श्री आनंदपुर साहिब से शुरू हुआ लेकिन पड़ाव दर पड़ाव काफिले में कार्यकर्ता का इजाफा होता रहा। श्री कीरतपुर साहिब, भरतगढ़ और घनौली से अकाली कार्यकर्ता किसान मार्च में शामिल हुए। लगभग सौ गाड़ियों का काफिला श्री आनंदपुर साहिब से चंडीगढ़ रवाना हो गया। इस दौरान अकाली नेता कोविड-19 के संबंध में जारी निर्देशों का पालन करना पूरी तरह भूल गए। मार्च में सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं रखा गया।
चंडीगढ़ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
वहीं चंडीगढ़ की सीमाएं सील कर दी गई थीं। यूटी के चार बैरियर पर पंजाब और चंडीगढ़ के 2400 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात रहे। आठ वज्र वाहन, गैस वाहन और इतनी ही संख्या में फायर ब्रिगेड तैनात रही। मोहाली के फेज छह, मतार बेरियर, जीरकपुर और मुल्लापुर बेरियर से चंडीगढ़ में किसानों ने प्रवेश किया। इन्हें रोकने के लिए मुल्लांपुर, मटौर, जीरकपुर सीमा इलाका समेत अन्य जगहों पर पुलिस की तैनाती की गई।
सीआईडी समेत अन्य शाखाएं अलर्ट
हजारों किसानों के रैली में पहुंचने की खबर से पुलिस अलर्ट रही। इसके साथ सीआईडी समेत अन्य शाखाएं भी नजर रखे रहीं। पुलिस के अनुसार, किसानों को चंडीगढ़ में आने से रोकने के लिए सीमांत इलाकों में मजबूत इंतजाम किया गया।
