डॉ. दलजीत सिंह चीमा, गोबिंद सिंह लोंगोवाल।
- फोटो : ANI
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पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) से श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन वापस लेने के मामले में शिरोमणि अकाली दल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। वहीं इस मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष का बयान भी सामने आया है।
शिरोमणि अकाली दल ने पूरे मामले में भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। शिअद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से सिख धर्म से जुड़े लोगों की भावनाओं को देखते हुए पाकिस्तान सरकार से वार्ता कर फैसला वापस लेने का दवाब बनाने की मांग की।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने श्री करतारपुर साहिब मामले में पाक के कदम को सिख धर्म पर हमला बताया है। उन्होंने सिख धर्म की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप कर ईटीपीबी की नौ सदस्यीय कमेटी रद्द करने की मांग की है। सुखबीर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे मनी मेकिंग प्रोजेक्ट की तरह नहीं चलाना चाहिए।
शिअद प्रधान ने कहा कि श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) को तत्काल बहाल करना चाहिए। साथ ही ईवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के तहत स्थापित नौ सदस्यीय प्रबंधन कमेटी को रद्द करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ तत्काल उठाने का अनुरोध करते हुए विदेश मंत्रालय को जल्द से जल्द गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब, करतारपुर में यथास्थिति बहाल करने की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
सुखबीर बादल ने कहा कि पाकिस्तान सरकार के फैसले से दुनिया भर में सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। सिख समुदाय इस फैसले को धार्मिक अधिकारों पर सीधा प्रहार के रूप में देख रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सिख धर्मस्थल के प्रबंधन को पीएसजीपीसी के दायरे से बाहर निकालकर ईटीपीबी को सौंपा गया है।
एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब का प्रबंध ईटीपीबी को सौंपने का कड़ा विरोध किया है। लौंगोवाल ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मांग की है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करें। एसजीपीसी इस संदर्भ में दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास अधिकारियों को पत्र भी लिखेगी। गुरुद्वारा साहिबान का प्रबंधन गुरुद्वारा कमेटी के पास ही होना चाहिए।
पाक ने अब ईटीपीबी को सौंपा प्रबंधन का जिम्मा
पाकिस्तान सरकार ने श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) से छीन लिया है। श्री करतारपुर साहिब का प्रंबधन अब ईटीपीबी के नौ अधिकारियों को सौंप दिया है। ईटीपीबी का गठन पाकिस्तान ने विभाजन के बाद किया था। पाकिस्तान सरकार द्वारा गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब को 'प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान' घोषित कर दिया है। गुरुद्वारा करतारपुर के प्रबंधन के लिए जिस नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, उसमें पीएसजीपीसी के किसी भी सदस्य को शामिल नहीं किया गया है। गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब की मर्यादायों में इन नौ अधिकारियों का दखल बढ़ जाएगा।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (पीएसजीपीसी) से श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन वापस लेने के मामले में शिरोमणि अकाली दल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। वहीं इस मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष का बयान भी सामने आया है।
शिरोमणि अकाली दल ने पूरे मामले में भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। शिअद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से सिख धर्म से जुड़े लोगों की भावनाओं को देखते हुए पाकिस्तान सरकार से वार्ता कर फैसला वापस लेने का दवाब बनाने की मांग की।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने श्री करतारपुर साहिब मामले में पाक के कदम को सिख धर्म पर हमला बताया है। उन्होंने सिख धर्म की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप कर ईटीपीबी की नौ सदस्यीय कमेटी रद्द करने की मांग की है। सुखबीर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे मनी मेकिंग प्रोजेक्ट की तरह नहीं चलाना चाहिए।
शिअद प्रधान ने कहा कि श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) को तत्काल बहाल करना चाहिए। साथ ही ईवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के तहत स्थापित नौ सदस्यीय प्रबंधन कमेटी को रद्द करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ तत्काल उठाने का अनुरोध करते हुए विदेश मंत्रालय को जल्द से जल्द गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब, करतारपुर में यथास्थिति बहाल करने की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
सुखबीर बादल ने कहा कि पाकिस्तान सरकार के फैसले से दुनिया भर में सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है। सिख समुदाय इस फैसले को धार्मिक अधिकारों पर सीधा प्रहार के रूप में देख रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सिख धर्मस्थल के प्रबंधन को पीएसजीपीसी के दायरे से बाहर निकालकर ईटीपीबी को सौंपा गया है।
एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब का प्रबंध ईटीपीबी को सौंपने का कड़ा विरोध किया है। लौंगोवाल ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मांग की है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार करें। एसजीपीसी इस संदर्भ में दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास अधिकारियों को पत्र भी लिखेगी। गुरुद्वारा साहिबान का प्रबंधन गुरुद्वारा कमेटी के पास ही होना चाहिए।
पाक ने अब ईटीपीबी को सौंपा प्रबंधन का जिम्मा
पाकिस्तान सरकार ने श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) से छीन लिया है। श्री करतारपुर साहिब का प्रंबधन अब ईटीपीबी के नौ अधिकारियों को सौंप दिया है। ईटीपीबी का गठन पाकिस्तान ने विभाजन के बाद किया था। पाकिस्तान सरकार द्वारा गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब को 'प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान' घोषित कर दिया है। गुरुद्वारा करतारपुर के प्रबंधन के लिए जिस नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, उसमें पीएसजीपीसी के किसी भी सदस्य को शामिल नहीं किया गया है। गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब की मर्यादायों में इन नौ अधिकारियों का दखल बढ़ जाएगा।