आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में दर्ज एफआईआर में अंतरिम आदेश जारी करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह पर किसी भी प्रकार की पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मशहूर लोगों को नसीहत भी दे डाली। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रसिद्ध लोगों को ऐसी बातें बोलने से बचना चाहिए, जिसका गलत मतलब निकाला जा सके।
याचिका दाखिल करते हुए युवराज सिंह ने बताया कि 1 अप्रैल 2020 को वह सोशल मीडिया पर अपने साथी रोहित शर्मा के साथ लाइव चैट कर रहे थे। इस दौरान लॉकडाउन को लेकर चर्चा के दौरान उन्होंने मजाक में अपने साथी युजवेंद्र सिंह और कुलदीप यादव को कुछ शब्द कह दिए थे। इसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया। इसके साथ यह संदेश जोड़ा गया कि यह दलित वर्ग का अपमान है। यह सब एक मजाक का हिस्सा था और इसका मकसद किसी का अपमान करना नहीं था।
युवराज सिंह ने कहा कि वह शब्द उन्होंने अपने दोस्त के पिता के शादी में नाचने पर टिप्पणी के रूप में कहा था जो मजाकिया अंदाज में था। इसके स्पष्टीकरण के बावजूद याची पर एफआईआर दर्ज की गई। युवराज सिंह पर अगले आदेश तक कोई कार्रवाई न करने का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांग लिया है। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को ऐसी बातें करने से बचना चाहिए जिसका कोई गलत मतलब निकाल सके। यह बात मशहूर लोगों के मामले में ज्यादा लागू होनी चाहिए।
मशहूर लोगों के खिलाफ शिकायत करना आदत: वकील
केस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने हाईकोर्ट को बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता अधिकतर मामलों में मशहूर लोगों के खिलाफ शिकायत करते हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि उनको इस मामले की मौखिक रूप से जानकारी मिली है और शिकायतकर्ता द्वारा दी गई अन्य शिकायतों का ब्योरा न्यायालय में सौंपने के लिए उन्हें कुछ समय दिया जाए। शिकायतकर्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि वह सोशल एक्टिविस्ट है और इस तरह के मामलों को उठाता है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता व शिकायतकर्ता पक्ष सुनने के बाद उन्हें मोहलत देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में दर्ज एफआईआर में अंतरिम आदेश जारी करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह पर किसी भी प्रकार की पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मशहूर लोगों को नसीहत भी दे डाली। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रसिद्ध लोगों को ऐसी बातें बोलने से बचना चाहिए, जिसका गलत मतलब निकाला जा सके।
याचिका दाखिल करते हुए युवराज सिंह ने बताया कि 1 अप्रैल 2020 को वह सोशल मीडिया पर अपने साथी रोहित शर्मा के साथ लाइव चैट कर रहे थे। इस दौरान लॉकडाउन को लेकर चर्चा के दौरान उन्होंने मजाक में अपने साथी युजवेंद्र सिंह और कुलदीप यादव को कुछ शब्द कह दिए थे। इसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया। इसके साथ यह संदेश जोड़ा गया कि यह दलित वर्ग का अपमान है। यह सब एक मजाक का हिस्सा था और इसका मकसद किसी का अपमान करना नहीं था।
युवराज सिंह ने कहा कि वह शब्द उन्होंने अपने दोस्त के पिता के शादी में नाचने पर टिप्पणी के रूप में कहा था जो मजाकिया अंदाज में था। इसके स्पष्टीकरण के बावजूद याची पर एफआईआर दर्ज की गई। युवराज सिंह पर अगले आदेश तक कोई कार्रवाई न करने का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांग लिया है। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को ऐसी बातें करने से बचना चाहिए जिसका कोई गलत मतलब निकाल सके। यह बात मशहूर लोगों के मामले में ज्यादा लागू होनी चाहिए।
मशहूर लोगों के खिलाफ शिकायत करना आदत: वकील
केस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने हाईकोर्ट को बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता अधिकतर मामलों में मशहूर लोगों के खिलाफ शिकायत करते हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि उनको इस मामले की मौखिक रूप से जानकारी मिली है और शिकायतकर्ता द्वारा दी गई अन्य शिकायतों का ब्योरा न्यायालय में सौंपने के लिए उन्हें कुछ समय दिया जाए। शिकायतकर्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि वह सोशल एक्टिविस्ट है और इस तरह के मामलों को उठाता है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता व शिकायतकर्ता पक्ष सुनने के बाद उन्हें मोहलत देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।