न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Tue, 01 Dec 2020 12:28 PM IST
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किसान आंदोलन में हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने सोमवार को पशुधन विकास बोर्ड चेयरमैन के पद से इस्तीफा दिया था। मंगलवार को उन्होंने सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया।
सांगवान ने कहा है कि वह सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण समर्थन वापस ले रहे हैं। किसान विरोधी सरकार का साथ वह नहीं दे सकते, इसलिए उनका समर्थन तुरंत प्रभाव से वापस समझा जाए। विधायक ने समर्थन वापसी का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेजा है। उन्होंने इसकी प्रति हरियाणा के राज्यपाल और सीएम मनोहर लाल को भी भेजी है।
सांगवान दूसरे निर्दलीय विधायक हैं, जिन्होंने सरकार से समर्थन वापस लिया है। उनसे पहले महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू सरकार से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर समर्थन वापस ले चुके हैं। उन्होंने विधानसभा में भाजपा के पूर्व मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी, जिसे सीएम ने ठुकरा दिया था। उसके बाद कुंडू ने समर्थन वापस ले लिया।
विधायक सांगवान ने विधानसभा अध्यक्ष को समर्थन वापसी का पत्र पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन के लेटरहेड पर भेजा है। इस पद से वह सोमवार को इस्तीफा दे चुके हैं, हालांकि सरकार ने अभी इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। मंगलवार सुबह सांगवान ने पहले अध्यक्ष हरियाणा सरकार के नाम समर्थन वापसी का पत्र भेजा था, जिस त्रुटि को उन्होंने बाद में सुधार लिया।
सरकार का अंक गणित पूरा
सांगवान के समर्थन वापस लेने के बावजूद हरियाणा की गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। उनके पास अब भी 56 विधायक हैं। इनमें भाजपा के 41, जजपा के 10 विधायक शामिल हैं। वहीं सरकार को चार निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन हासिल हैं। कांग्रेस के 31 और इनेलो का एक विधायक है। सोमवार को सांगू धाम पर खाप की सर्वजातीय बैठक करने के बाद सोमबीर सांगवान ने कहा कि निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद सरकार ने उन्हें पशुधन विकास बोर्ड का चेयरमैन बनाया था। किसान आंदोलन को समर्थन देने के चलते उन्होंने सरकार को इस्तीफा भेज दिया है। विधायक ने कहा कि उनके लिए समाज और भाईचारा पहले है, जबकि राजनीति और पद का उन्हें कोई लोभ-लालच नहीं है।
किसान आंदोलन में हरियाणा सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने सोमवार को पशुधन विकास बोर्ड चेयरमैन के पद से इस्तीफा दिया था। मंगलवार को उन्होंने सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया।
सांगवान ने कहा है कि वह सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण समर्थन वापस ले रहे हैं। किसान विरोधी सरकार का साथ वह नहीं दे सकते, इसलिए उनका समर्थन तुरंत प्रभाव से वापस समझा जाए। विधायक ने समर्थन वापसी का पत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेजा है। उन्होंने इसकी प्रति हरियाणा के राज्यपाल और सीएम मनोहर लाल को भी भेजी है।
सांगवान दूसरे निर्दलीय विधायक हैं, जिन्होंने सरकार से समर्थन वापस लिया है। उनसे पहले महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू सरकार से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर समर्थन वापस ले चुके हैं। उन्होंने विधानसभा में भाजपा के पूर्व मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी, जिसे सीएम ने ठुकरा दिया था। उसके बाद कुंडू ने समर्थन वापस ले लिया।
विधायक सांगवान ने विधानसभा अध्यक्ष को समर्थन वापसी का पत्र पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन के लेटरहेड पर भेजा है। इस पद से वह सोमवार को इस्तीफा दे चुके हैं, हालांकि सरकार ने अभी इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। मंगलवार सुबह सांगवान ने पहले अध्यक्ष हरियाणा सरकार के नाम समर्थन वापसी का पत्र भेजा था, जिस त्रुटि को उन्होंने बाद में सुधार लिया।
सरकार का अंक गणित पूरा
सांगवान के समर्थन वापस लेने के बावजूद हरियाणा की गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। उनके पास अब भी 56 विधायक हैं। इनमें भाजपा के 41, जजपा के 10 विधायक शामिल हैं। वहीं सरकार को चार निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन हासिल हैं। कांग्रेस के 31 और इनेलो का एक विधायक है। सोमवार को सांगू धाम पर खाप की सर्वजातीय बैठक करने के बाद सोमबीर सांगवान ने कहा कि निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद सरकार ने उन्हें पशुधन विकास बोर्ड का चेयरमैन बनाया था। किसान आंदोलन को समर्थन देने के चलते उन्होंने सरकार को इस्तीफा भेज दिया है। विधायक ने कहा कि उनके लिए समाज और भाईचारा पहले है, जबकि राजनीति और पद का उन्हें कोई लोभ-लालच नहीं है।