पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए से नाता तोड़ने के बाद शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने मोर्चा संभाल लिया है। रविवार को उन्होंने होशियारपुर, रोपड़ और फगवाड़ा का दौरा कर पार्टी नेताओं ओर किसानों से मुलाकात की।
इस मौके पर सुखबीर ने कहा कि केंद्र को पंजाबियों की ताकत दिखाने के लिए एक अक्तूबर को सिख धर्म के तीन तख्तों पर अरदास करने के बाद मोहाली में बड़ा जलसा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उस दिन एक भी अकाली वर्कर का ट्रैक्टर घर में न रहे। उन्होंने फिर मुख्यमंत्री को सलाह दी कि किसानों को काले कानूनों से बचाने के लिए पूरे राज्य को प्रमुख मंडी घोषित करने के लिए अध्यादेश जारी कर देना चाहिए।
होशियारपुर में सुखबीर ने कहा कि एनडीए से अलग होने का फैसला केवल उनका नहीं, बल्कि शिअद की समूची लीडरशिप का है। केंद्र सरकार किसान विरोधी है और इसीलिए अकाली दल ने भाजपा से अलग होने का फैसला लिया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अकाली दल ने जो फैसला किया है, उसकी पिक्चर अभी बाकी है। उन्होंने ढींढसा परिवार को भाजपा की बी टीम बताया और कहा कि वह पहले ही यह कहते रहे हैं कि ढींढसा परिवार भाजपा के इशारे पर पंजाब में काम कर रहा है।
कैप्टन को मुख्यमंत्रियों की बैठक में विरोध करना चाहिए था
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी तीखे हमले किए। सुखबीर ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह यदि एक साल पहले हुई सात मुख्यमंत्रियों की उच्चस्तरीय मीटिंग में अध्यादेशों का विरोध कर देते तो आज यह दिन न देखना पड़ता। प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा अब केंद्र सरकार तथा शिरोमणि अकाली दल में कड़ी टक्कर है, जिसका कोई न कोई परिणाम जरूर सामने आएगा और अकाली दल पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय यूरिया के रेट में 100 रुपये वृद्धि की गई थी, जिसे वापस करवा कर ही दम लिया गया था। उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए शिअद हर कीमत पर लड़ाई को जारी रखेगी।
कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए से नाता तोड़ने के बाद शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने मोर्चा संभाल लिया है। रविवार को उन्होंने होशियारपुर, रोपड़ और फगवाड़ा का दौरा कर पार्टी नेताओं ओर किसानों से मुलाकात की।
इस मौके पर सुखबीर ने कहा कि केंद्र को पंजाबियों की ताकत दिखाने के लिए एक अक्तूबर को सिख धर्म के तीन तख्तों पर अरदास करने के बाद मोहाली में बड़ा जलसा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उस दिन एक भी अकाली वर्कर का ट्रैक्टर घर में न रहे। उन्होंने फिर मुख्यमंत्री को सलाह दी कि किसानों को काले कानूनों से बचाने के लिए पूरे राज्य को प्रमुख मंडी घोषित करने के लिए अध्यादेश जारी कर देना चाहिए।
होशियारपुर में सुखबीर ने कहा कि एनडीए से अलग होने का फैसला केवल उनका नहीं, बल्कि शिअद की समूची लीडरशिप का है। केंद्र सरकार किसान विरोधी है और इसीलिए अकाली दल ने भाजपा से अलग होने का फैसला लिया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अकाली दल ने जो फैसला किया है, उसकी पिक्चर अभी बाकी है। उन्होंने ढींढसा परिवार को भाजपा की बी टीम बताया और कहा कि वह पहले ही यह कहते रहे हैं कि ढींढसा परिवार भाजपा के इशारे पर पंजाब में काम कर रहा है।
कैप्टन को मुख्यमंत्रियों की बैठक में विरोध करना चाहिए था
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी तीखे हमले किए। सुखबीर ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह यदि एक साल पहले हुई सात मुख्यमंत्रियों की उच्चस्तरीय मीटिंग में अध्यादेशों का विरोध कर देते तो आज यह दिन न देखना पड़ता। प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा अब केंद्र सरकार तथा शिरोमणि अकाली दल में कड़ी टक्कर है, जिसका कोई न कोई परिणाम जरूर सामने आएगा और अकाली दल पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय यूरिया के रेट में 100 रुपये वृद्धि की गई थी, जिसे वापस करवा कर ही दम लिया गया था। उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए शिअद हर कीमत पर लड़ाई को जारी रखेगी।