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कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को रद्द करने का दबाव बढ़ गया है। बीसीसीआई ने इस महीने की शुरुआत में आईपीएल को 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया था। तब उसने कहा था कि टूर्नामेंट का आयोजन सिर्फ स्थिति में सुधार होने पर किया जाएगा। लेकिन इसमें सुधार होने की जगह स्थिति और गंभीर हो गई है।
भारत में इस वायरस की चपेट में लगभग छह सौ लोग आ गए हैं। किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक नेस वाडिया इस मुद्दे पर अधिक स्पष्ट दिखे। वाडिया ने कहा, ‘बीसीसीआई को वास्तव में आईपीएल को अब स्थगित करने पर विचार करना चाहिए। एक प्रमुख खेल आयोजन के तौर पर हमें बड़ी जिम्मेदारी के साथ काम करने की जरूरत है।’ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘मई तक स्थिति में अगर सुधार होता है और मुझे आशा है कि ऐसा होगा तो भी हमारे पास कितना समय रहेगा। क्या तब विदेशी खिलाड़ियों को देश में प्रवेश करने की अनुमति होगी?’ इससे पहले मंगलवार को बीसीसीआई ने अधिकारियों और टीम के मालिकों के सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया था।
सौरव गांगुली अध्यक्ष, बीसीसीआई
वरिष्ठ अधिकारी, बीसीसीआई
29 से होनी थी यह लीग
ग्लैमर और चकाचौंध से भरी आठ टीमों की यह लीग मूल रूप से 29 मार्च को मुंबई में शुरू होने वाली थी। ऐसा लग रहा कि बीसीसीआई को अब भी स्थिति में सुधार की संभावना दिख रही इसलिए वह कोई फैसला नहीं कर पा रहा है।
मुश्किल होता जा रहा है
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर ओलंपिक को एक साल के लिए स्थगित किया जा सकता है, तो आईपीएल उस लिहाज से बहुत छोटा टूर्नामेंट है। इसे आयोजित करना मुश्किल होता जा रहा। हमें इस बात को भी सोचना चाहिए की अभी सरकार विदेशी वीजा की अनुमति देने के बारे में भी विचार भी नहीं कर रही।’
सार
- वाडिया बोले मई में अगर स्थिति सुधरती है तो भी हमारे पास कितना समय होगा
- बोले, क्या विदेशी खिलाड़ियों को देश में प्रवेश की मिलेगी अनुमति
- 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित किया गया हैं इस लुभावनी लीग को
विस्तार
कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को रद्द करने का दबाव बढ़ गया है। बीसीसीआई ने इस महीने की शुरुआत में आईपीएल को 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया था। तब उसने कहा था कि टूर्नामेंट का आयोजन सिर्फ स्थिति में सुधार होने पर किया जाएगा। लेकिन इसमें सुधार होने की जगह स्थिति और गंभीर हो गई है।
भारत में इस वायरस की चपेट में लगभग छह सौ लोग आ गए हैं। किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक नेस वाडिया इस मुद्दे पर अधिक स्पष्ट दिखे। वाडिया ने कहा, ‘बीसीसीआई को वास्तव में आईपीएल को अब स्थगित करने पर विचार करना चाहिए। एक प्रमुख खेल आयोजन के तौर पर हमें बड़ी जिम्मेदारी के साथ काम करने की जरूरत है।’ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘मई तक स्थिति में अगर सुधार होता है और मुझे आशा है कि ऐसा होगा तो भी हमारे पास कितना समय रहेगा। क्या तब विदेशी खिलाड़ियों को देश में प्रवेश करने की अनुमति होगी?’ इससे पहले मंगलवार को बीसीसीआई ने अधिकारियों और टीम के मालिकों के सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया था।
सौरव गांगुली अध्यक्ष, बीसीसीआई
मैं फिलहाल कुछ नहीं कह सकता। हम उसी स्थान पर हैं जहां हम इसे निलंबित करने वाले फैसला लेते समय थे। पिछले दस दिनों में कुछ भी नहीं बदला है। ऐसे में मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है। यथास्थिति बनी हुई है।
वरिष्ठ अधिकारी, बीसीसीआई
21 दिन के लॉकडाउन के बाद अब यह लगभग असंभव सा होगा की चीजें सामान्य हो। लॉकडाउन हट गया तो भी 14 अप्रैल के बाद भी बहुत सारे प्रतिबंध जारी रहेंगे। ऐसे में लीग को रद्द नहीं करना मूर्खता होगी।
आईपीएल 2020
- फोटो : सोशल मीडिया
29 से होनी थी यह लीग
ग्लैमर और चकाचौंध से भरी आठ टीमों की यह लीग मूल रूप से 29 मार्च को मुंबई में शुरू होने वाली थी। ऐसा लग रहा कि बीसीसीआई को अब भी स्थिति में सुधार की संभावना दिख रही इसलिए वह कोई फैसला नहीं कर पा रहा है।
मुश्किल होता जा रहा है
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर ओलंपिक को एक साल के लिए स्थगित किया जा सकता है, तो आईपीएल उस लिहाज से बहुत छोटा टूर्नामेंट है। इसे आयोजित करना मुश्किल होता जा रहा। हमें इस बात को भी सोचना चाहिए की अभी सरकार विदेशी वीजा की अनुमति देने के बारे में भी विचार भी नहीं कर रही।’