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जिस तरह से कोरोना संक्रमण दोबारा बढ़ रहा है और लॉकडाउन या रात्रि कर्फ्यू लगाने की चर्चाएं तेज हो रही हैं, उससे शादी की तैयारी कर रहे लोगों में डर पैदा हो रहा है। यदि ऐसा हुआ तो 11 दिसंबर तक होने वाली एक हजार से अधिक शादियां अटक जाएंगी।
वहीं, शादी कारोबार से जुड़े व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में व्यापारी नेताओं ने किसी भी तरह के प्रतिबंध का विरोध जताया है। कोरोना काल में 25 नवंबर से 11 दिसंबर तक शादी के कुल दस मुहूर्त हैं।
लिहाजा इन तिथियों पर बड़ी संख्या में शादियां होनी हैं। पिछले कुछ दिनों से तहसील में रोज औसतन 50 फाइलें शादी की अनुमति के लिए जमा हो रही हैं। अभी तक करीब एक हजार को अनुमति मिल चुकी है जबकि आने वाले 12 से 15 दिनों में करीब 800 फाइलें और जमा होने का अनुमान है।
तहसील नाजिर अनिल कुमार ने बताया कि शादी की अनुमति को प्राथमिकता पर लिया जा रहा है। पिछले 20 दिनों से रोज औसतन 50 आवेदन आ रहे हैं। ऐसे में अगर लॉकडाउन या रात्रि कर्फ्यू लगता है तो इन शादियों पर संकट खड़ा हो जाएगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 11 दिसंबर तक ही मुहूर्त है, इसके बाद 22 अप्रैल से शुभ कार्य शुरू होंगे। आईआईटी रुड़की के सरस्वती मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित राकेश कुमार शुक्ला ने बताया कि नवंबर में चार मुहूर्त हैं।
इनमें से 25 और 26 का मुहूर्त चला गया है, जबकि 27 और 30 नवंबर को भी शादी का मुहूर्त है। इसके बाद एक, छह, आठ, नौ, दस और 11 दिसंबर को मुहूर्त है।
14 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास शुरू हो जाएगा, जिसमें विवाह आदि नहीं होंगे। खरमास खत्म होते ही 14 जनवरी को बृहस्पति अस्त हो रहे हैं। इसके ढाई दिन पहले बृहस्पति अस्त होने के चलते वृद्धस्थ दोष शुरू हो जाएगा। इसके बाद आठ फरवरी को शुक्र अस्त हो जाएंगे। 18 अप्रैल को शुक्र के उदय होने पर 22 अप्रैल से विवाह के मुहूर्त फिर शुरू होंगे।
जिस तरह से कोरोना संक्रमण दोबारा बढ़ रहा है और लॉकडाउन या रात्रि कर्फ्यू लगाने की चर्चाएं तेज हो रही हैं, उससे शादी की तैयारी कर रहे लोगों में डर पैदा हो रहा है। यदि ऐसा हुआ तो 11 दिसंबर तक होने वाली एक हजार से अधिक शादियां अटक जाएंगी।
वहीं, शादी कारोबार से जुड़े व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में व्यापारी नेताओं ने किसी भी तरह के प्रतिबंध का विरोध जताया है। कोरोना काल में 25 नवंबर से 11 दिसंबर तक शादी के कुल दस मुहूर्त हैं।
लिहाजा इन तिथियों पर बड़ी संख्या में शादियां होनी हैं। पिछले कुछ दिनों से तहसील में रोज औसतन 50 फाइलें शादी की अनुमति के लिए जमा हो रही हैं। अभी तक करीब एक हजार को अनुमति मिल चुकी है जबकि आने वाले 12 से 15 दिनों में करीब 800 फाइलें और जमा होने का अनुमान है।
तहसील नाजिर अनिल कुमार ने बताया कि शादी की अनुमति को प्राथमिकता पर लिया जा रहा है। पिछले 20 दिनों से रोज औसतन 50 आवेदन आ रहे हैं। ऐसे में अगर लॉकडाउन या रात्रि कर्फ्यू लगता है तो इन शादियों पर संकट खड़ा हो जाएगा।
दिसंबर में छह मुहूर्त, फिर चार महीने बाद
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 11 दिसंबर तक ही मुहूर्त है, इसके बाद 22 अप्रैल से शुभ कार्य शुरू होंगे। आईआईटी रुड़की के सरस्वती मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित राकेश कुमार शुक्ला ने बताया कि नवंबर में चार मुहूर्त हैं।
इनमें से 25 और 26 का मुहूर्त चला गया है, जबकि 27 और 30 नवंबर को भी शादी का मुहूर्त है। इसके बाद एक, छह, आठ, नौ, दस और 11 दिसंबर को मुहूर्त है।
14 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास शुरू हो जाएगा, जिसमें विवाह आदि नहीं होंगे। खरमास खत्म होते ही 14 जनवरी को बृहस्पति अस्त हो रहे हैं। इसके ढाई दिन पहले बृहस्पति अस्त होने के चलते वृद्धस्थ दोष शुरू हो जाएगा। इसके बाद आठ फरवरी को शुक्र अस्त हो जाएंगे। 18 अप्रैल को शुक्र के उदय होने पर 22 अप्रैल से विवाह के मुहूर्त फिर शुरू होंगे।