न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Mon, 12 Nov 2018 09:41 AM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
पुणे के 67 वर्षीय किसान प्रमोद महाजन ने पहले एक सैनिक को किडनी देकर उसकी जान बचाई, इसके बाद अब वह दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं। इसे लेकर वह भारत आर्गन यात्रा पर निकले हैं। रविवार को दून पहुंचे प्रमोद ने बताया कि उन्होंने अपना जीवन अंगदान के प्रति जागरुकता के लिए समर्पित कर दिया है।
वह बीते 21 अक्तूबर को मोटरसाइकिल पर 100 दिनों की भारत आर्गन यात्रा पर निकले हैं। इसके तहत वह 10 हजार किमी का सफर तय करेंगे। इस दौरान वह 18 राज्यों में जाएंगे। यात्रा के दौरान वह लोगों को अंगदान के फायदे बताएंगे। साथ ही उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित भी करेंगे। कहा कि एक ब्रेन डेड व्यक्ति की मौत के बाद उसके शरीर के अंग नौ लोगों के काम आ सकते हैं।
दून में द ब्रेव राइडर्स ग्रुप के मानव सिंह और विपुल राय के साथ ही विक्रमजीत ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने कई जगहों पर लोगों को अंगदान के फायदे बताए। वह सोमवार को मेरठ रवाना होंगे।
पुणे के 67 वर्षीय किसान प्रमोद महाजन ने पहले एक सैनिक को किडनी देकर उसकी जान बचाई, इसके बाद अब वह दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं। इसे लेकर वह भारत आर्गन यात्रा पर निकले हैं। रविवार को दून पहुंचे प्रमोद ने बताया कि उन्होंने अपना जीवन अंगदान के प्रति जागरुकता के लिए समर्पित कर दिया है।
वह बीते 21 अक्तूबर को मोटरसाइकिल पर 100 दिनों की भारत आर्गन यात्रा पर निकले हैं। इसके तहत वह 10 हजार किमी का सफर तय करेंगे। इस दौरान वह 18 राज्यों में जाएंगे। यात्रा के दौरान वह लोगों को अंगदान के फायदे बताएंगे। साथ ही उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित भी करेंगे। कहा कि एक ब्रेन डेड व्यक्ति की मौत के बाद उसके शरीर के अंग नौ लोगों के काम आ सकते हैं।
दून में द ब्रेव राइडर्स ग्रुप के मानव सिंह और विपुल राय के साथ ही विक्रमजीत ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने कई जगहों पर लोगों को अंगदान के फायदे बताए। वह सोमवार को मेरठ रवाना होंगे।