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हरकी पैड़ी पर पवित्र छड़ी का गंगा पूजन करते हुए अगले यात्रा पड़ाव के लिए रवाना किया। पहले दिन हरिद्वार के विभिन्न अखाड़ों से होते हुए दक्षेश्वर मंदिर कनखल में पहुंची। छड़ी यात्रा 18 सितंबर को हरिद्वार से ऋषिकेश के लिए रवाना होगी। यहां से पूरे प्रदेश में भ्रमण करते हुए 12 अक्तूबर को हरिद्वार पहुंचेगी।
बागेश्वर से वापस हरिद्वार पहुंचने पर मंगलवार को पवित्र छड़ी यात्रा के अगले पड़ाव के लिए हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन किया गया। हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर जूना अखाड़ा के संरक्षक श्रीमहंत स्वामी हरीगिरि, डीएम सी रविशंकर, एसएसपी सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस, श्री पंचायती निर्मला अखाड़ा के श्रीमहंत ज्ञानदेव शास्त्री, मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी, गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ आदि के सानिध्य में पूजन कराया गया।
पूजन के बाद पवित्र छड़ी यात्रा अखाड़ों का भ्रमण करते हुए दक्ष मंदिर कनखल पहुंची। जहां अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों और संत की उपस्थिति में दक्षेश्वर महादेव का जलाभिषेक व पूजा अर्चना की गई। श्रीमहंत स्वामी हरीगिरि ने कहा कि इस पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड में उपेक्षित हो रहे पौराणिक तीर्थों का जीर्णोद्धार व विकास करना है।
इस मौके पर जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि, महंत शिखर गिरि, महंत रणवीर गिरि, एसडीएम गोपाल सिंह चौहान, सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि, कोठारी लाल भारती, महंत विवेक पुरी, महंत पारस पुरी, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एसडीएम गोपाल सिंह चैहान, सीओ पूर्णिमा गर्ग, महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत किशनपुरी, अटल अखाड़े के श्रीमहंत बलराम भारती, आशुतोष चक्रपाणी आदि ने पवित्र छड़ी का विधिवत पूजन अर्चन कर मॉ गंगा से यात्रा की सफलता की कामना की।
पुलिस महानिरीक्षक कुंभ संजय गुंज्याल ने पवित्र छड़ी यात्रा के रुट को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रस्तुतिकरण दिया था। आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि श्रीपंचदशनाम जून अखाड़ा के अनुरोध में छड़ी यात्रा में एंबुलेंस और एस्कोर्ट की व्यवस्था रहेगी।
गृहमंत्री के स्वास्थ और कोरोना मुक्त की कामना की
हरकी पैड़ी पर पवित्र छड़ी को गंगा स्नान कराते हुए संतों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के शीघ्र स्वस्थ होने और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से मुक्त दिलाने के लिए प्रार्थना की है।
17 सितंबर को हरिद्वार से ऋषिकेश पहुंचकर त्रिवेणी घाट, दुर्गा मंदिर, दत्रातेय मंदिर, मायाकुंड, भरत मंदिर व गंगा की पूजा अर्चना के पश्चात ऋषिकेश में रात्रि विश्राम होगा।
18 सितंबर को ऋषिकेश से देहरादून, मसूरी, लाखामंडल होते हुए बड़कोट में रात्रि विश्राम।
19 सितंबर को बड़कोट से जानकी चट्टी से यमुनोत्री, उत्तरकाशी में रात्रि विश्राम।
20 सितंबर को उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम रात्रि विश्राम।
21 सितंबर को गंगोत्री से देवप्रयाग, पौड़ी होते हुए सीतामढ़ी मंदिर दर्शन, पौड़ी में रात्रि विश्राम।
22 सितंबर को पौड़ी रुद्रप्रयाग में कोटेश्वर महादेव की पूजा अर्चना व नगर भ्रमण के बाद रात्रि विश्राम।
23 सितंबर को सोनप्रयाग से श्री केदारनाथ धाम दर्शन तथा रात्रि विश्राम।
24 सितंबर को केदारनाथ धाम से त्रिजुगीनारायण मंदिर के दर्शन के पश्चात गुप्तकाशी में रात्रि विश्राम।
25 सितंबर गुप्तकाशी से उखीमठ, चोपता, चमोली में रात्रि विश्राम।
12 अक्तूबर को रामनगर से वापस हरिद्वार में जूना अखाड़ा घाट हरिद्वार में पहुंचेगी। जहां छड़ी का स्वागत व पूजा अर्चना होगी और पवित्र छड़ी मायादेवी मंदिर पहुंचकर यात्रा का समापन होगा।
हरकी पैड़ी पर पवित्र छड़ी का गंगा पूजन करते हुए अगले यात्रा पड़ाव के लिए रवाना किया। पहले दिन हरिद्वार के विभिन्न अखाड़ों से होते हुए दक्षेश्वर मंदिर कनखल में पहुंची। छड़ी यात्रा 18 सितंबर को हरिद्वार से ऋषिकेश के लिए रवाना होगी। यहां से पूरे प्रदेश में भ्रमण करते हुए 12 अक्तूबर को हरिद्वार पहुंचेगी।
बागेश्वर से वापस हरिद्वार पहुंचने पर मंगलवार को पवित्र छड़ी यात्रा के अगले पड़ाव के लिए हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन किया गया। हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर जूना अखाड़ा के संरक्षक श्रीमहंत स्वामी हरीगिरि, डीएम सी रविशंकर, एसएसपी सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस, श्री पंचायती निर्मला अखाड़ा के श्रीमहंत ज्ञानदेव शास्त्री, मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी, गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ आदि के सानिध्य में पूजन कराया गया।
पूजन के बाद पवित्र छड़ी यात्रा अखाड़ों का भ्रमण करते हुए दक्ष मंदिर कनखल पहुंची। जहां अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों और संत की उपस्थिति में दक्षेश्वर महादेव का जलाभिषेक व पूजा अर्चना की गई। श्रीमहंत स्वामी हरीगिरि ने कहा कि इस पवित्र छड़ी यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड में उपेक्षित हो रहे पौराणिक तीर्थों का जीर्णोद्धार व विकास करना है।
इस मौके पर जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि, महंत शिखर गिरि, महंत रणवीर गिरि, एसडीएम गोपाल सिंह चौहान, सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि, कोठारी लाल भारती, महंत विवेक पुरी, महंत पारस पुरी, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एसडीएम गोपाल सिंह चैहान, सीओ पूर्णिमा गर्ग, महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत किशनपुरी, अटल अखाड़े के श्रीमहंत बलराम भारती, आशुतोष चक्रपाणी आदि ने पवित्र छड़ी का विधिवत पूजन अर्चन कर मॉ गंगा से यात्रा की सफलता की कामना की।
पुलिस महानिरीक्षक कुंभ संजय गुंज्याल ने पवित्र छड़ी यात्रा के रुट को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रस्तुतिकरण दिया था। आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि श्रीपंचदशनाम जून अखाड़ा के अनुरोध में छड़ी यात्रा में एंबुलेंस और एस्कोर्ट की व्यवस्था रहेगी।
गृहमंत्री के स्वास्थ और कोरोना मुक्त की कामना की
हरकी पैड़ी पर पवित्र छड़ी को गंगा स्नान कराते हुए संतों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के शीघ्र स्वस्थ होने और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से मुक्त दिलाने के लिए प्रार्थना की है।
यह रहेगा यात्रा का शेड्यूल
17 सितंबर को हरिद्वार से ऋषिकेश पहुंचकर त्रिवेणी घाट, दुर्गा मंदिर, दत्रातेय मंदिर, मायाकुंड, भरत मंदिर व गंगा की पूजा अर्चना के पश्चात ऋषिकेश में रात्रि विश्राम होगा।
18 सितंबर को ऋषिकेश से देहरादून, मसूरी, लाखामंडल होते हुए बड़कोट में रात्रि विश्राम।
19 सितंबर को बड़कोट से जानकी चट्टी से यमुनोत्री, उत्तरकाशी में रात्रि विश्राम।
20 सितंबर को उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम रात्रि विश्राम।
21 सितंबर को गंगोत्री से देवप्रयाग, पौड़ी होते हुए सीतामढ़ी मंदिर दर्शन, पौड़ी में रात्रि विश्राम।
22 सितंबर को पौड़ी रुद्रप्रयाग में कोटेश्वर महादेव की पूजा अर्चना व नगर भ्रमण के बाद रात्रि विश्राम।
23 सितंबर को सोनप्रयाग से श्री केदारनाथ धाम दर्शन तथा रात्रि विश्राम।
24 सितंबर को केदारनाथ धाम से त्रिजुगीनारायण मंदिर के दर्शन के पश्चात गुप्तकाशी में रात्रि विश्राम।
25 सितंबर गुप्तकाशी से उखीमठ, चोपता, चमोली में रात्रि विश्राम।
12 अक्तूबर को रामनगर से वापस हरिद्वार में जूना अखाड़ा घाट हरिद्वार में पहुंचेगी। जहां छड़ी का स्वागत व पूजा अर्चना होगी और पवित्र छड़ी मायादेवी मंदिर पहुंचकर यात्रा का समापन होगा।