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कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 30 नवंबर को हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पुलिस ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। रविवार दोपहर 12 बजे से सोमवार शाम छह बजे तक 30 घंटे तक बॉर्डर पर पुलिस का सख्त पहरा रहेगा।
स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बॉर्डर से ही लौटाया जाएगा जबकि शादी और अन्य कार्यों से सीमा में प्रवेश करने वालों का रिकॉर्ड दर्ज कर उनकी निगरानी की जाएगी। देहरादून और मसूरी जाने वालों को सीधे छुटमलपुर, बिहारीगढ़ होकर भेजा जाएगा।
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए हरिद्वार में हर साल देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने गंगा स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया है। बाहरी श्रद्धालु और स्थानीय लोग गंगा के घाटों पर स्नान नहीं कर पाएंगे।
यह भी पढ़ें: हरिद्वार: कार्तिक पूर्णिमा पर कोरोना का साया, हरकी पैड़ी समेत सभी घाटों पर गंगा स्नान नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु
एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने बताया कि रविवार दोपहर 12 बजे से नारसन, काली नदी चेक पोस्ट, मंडावर और चिड़ियापुर समेत जिले के सभी बॉर्डर पर पुलिस पिकेट के साथ सख्ती बढ़ा दी जाएगी। स्नान के लिए आने वालों को बॉर्डर से लौटाया जाएगा।
एसएसपी ने बताया कि सीमा सील नहीं होगी। बॉर्डर से जिले में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ होगी। देहरादून, मसूरी जाने वालों को किसी भी बहाने से वाया हरिद्वार नहीं आने दिया जाएगा।
उसका रिकॉर्ड दर्ज होगा और रुड़की पर पिकेट रहेगी, जो वाहनों को वाया छुटमलपुर-बिहारीगढ़ होकर देहरादून भेजेगी। यदि किसी को हरिद्वार, ऋषिकेश या आसपास शादी एवं अन्य कार्य से आना होगा तो उसका रिकॉर्ड दर्ज करने के साथ निगरानी की जाएगी।
एसएसपी ने कहा कि हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों पर पुलिस की पूरी निगरानी रहेगी। सभी घाटों के प्रवेश द्वार एवं आसपास क्षेत्र में पिकेट लगाई जाएगी। रविवार रात से पुलिस की ड्यूटी जारी हो जाएगी। यदि कोई घाटों के आसपास घूमता मिला तो उसका चालान किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।
स्नान के लिए हरिद्वार न आने की अपील
डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने उत्तराखंड पुलिस के फेसबुक पेज से स्नान पर रोक का संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि हर साल उत्तर भारत से कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से हालात अनुकूल नहीं हैं। इसको देखते हुए प्रशासन ने गंगा स्नान पर रोक लगाई है। उन्होंने अपील है कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए श्रद्धालु हरिद्वार न आएं।
सार
- देहरादून और मसूरी जाने वालों को छुटमलपुर, बिहारीगढ़ से भेजा जाएगा
विस्तार
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 30 नवंबर को हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पुलिस ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। रविवार दोपहर 12 बजे से सोमवार शाम छह बजे तक 30 घंटे तक बॉर्डर पर पुलिस का सख्त पहरा रहेगा।
स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बॉर्डर से ही लौटाया जाएगा जबकि शादी और अन्य कार्यों से सीमा में प्रवेश करने वालों का रिकॉर्ड दर्ज कर उनकी निगरानी की जाएगी। देहरादून और मसूरी जाने वालों को सीधे छुटमलपुर, बिहारीगढ़ होकर भेजा जाएगा।
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के लिए हरिद्वार में हर साल देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने गंगा स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया है। बाहरी श्रद्धालु और स्थानीय लोग गंगा के घाटों पर स्नान नहीं कर पाएंगे।
यह भी पढ़ें: हरिद्वार: कार्तिक पूर्णिमा पर कोरोना का साया, हरकी पैड़ी समेत सभी घाटों पर गंगा स्नान नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु
एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने बताया कि रविवार दोपहर 12 बजे से नारसन, काली नदी चेक पोस्ट, मंडावर और चिड़ियापुर समेत जिले के सभी बॉर्डर पर पुलिस पिकेट के साथ सख्ती बढ़ा दी जाएगी। स्नान के लिए आने वालों को बॉर्डर से लौटाया जाएगा।
एसएसपी ने बताया कि सीमा सील नहीं होगी। बॉर्डर से जिले में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ होगी। देहरादून, मसूरी जाने वालों को किसी भी बहाने से वाया हरिद्वार नहीं आने दिया जाएगा।
उसका रिकॉर्ड दर्ज होगा और रुड़की पर पिकेट रहेगी, जो वाहनों को वाया छुटमलपुर-बिहारीगढ़ होकर देहरादून भेजेगी। यदि किसी को हरिद्वार, ऋषिकेश या आसपास शादी एवं अन्य कार्य से आना होगा तो उसका रिकॉर्ड दर्ज करने के साथ निगरानी की जाएगी।
घाटों पर स्नान के लिए आए तो होगा चालान
एसएसपी ने कहा कि हरकी पैड़ी समेत सभी गंगा घाटों पर पुलिस की पूरी निगरानी रहेगी। सभी घाटों के प्रवेश द्वार एवं आसपास क्षेत्र में पिकेट लगाई जाएगी। रविवार रात से पुलिस की ड्यूटी जारी हो जाएगी। यदि कोई घाटों के आसपास घूमता मिला तो उसका चालान किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।
स्नान के लिए हरिद्वार न आने की अपील
डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने उत्तराखंड पुलिस के फेसबुक पेज से स्नान पर रोक का संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि हर साल उत्तर भारत से कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से हालात अनुकूल नहीं हैं। इसको देखते हुए प्रशासन ने गंगा स्नान पर रोक लगाई है। उन्होंने अपील है कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए श्रद्धालु हरिद्वार न आएं।