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पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन को समर्थन देने रुड़की से दिल्ली कूच करने से पहले ही पुलिस प्रशासन ने झबरेड़ा क्षेत्र के किसान नेताओं को बुधवार देर रात उनके घरों पर नजरबंद कर दिया। बृहस्पतिवार सुबह करीब 11 बजे उन्हें रिहा कर दिया गया। उधर, किसान संगठनों ने देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के समर्थन में शुक्रवार को जगह-जगह हाईवे जाम कर आंदोलन की चेतावनी दी है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएन सिंह के नेतृत्व में देशभर के 120 किसान संगठनों से जुड़े किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा डाल लिया है। इसमें शामिल होने के लिए रुड़की और आसपास के क्षेत्रों के किसान नेताओं की भी दिल्ली पहुंचने की योजना थी, लेकिन खुफिया सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद पुलिस प्रशासन बुधवार से ही अलर्ट हो गया था।
जानकारी मिलने पर झबरेड़ा थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार टीम के साथ बुधवार रात को ही संगठन के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी पद्म सिंह और जिलाध्यक्ष पहल सिंह के घर पहुंचे और उन्हें किसी तरह समझाया। इसके बाद उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया गया। हालांकि, बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे उन्हें नजरबंदी से रिहा कर दिया गया था। वहीं, दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर वाटर कैनन छोड़ने की घटनाओं से किसान संगठनों में उबाल है।
इसके चलते किसान संगठनों ने शुक्रवार को जिले में जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर हाईवे जाम करने की घोषणा की है। किसान संगठन कृषि कानूनों को समाप्त करने के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर फसलों की खरीद करने वालों के खिलाफ कानून बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू (टिकैत) आज शुक्रवार को मंगलौर गुड़ मंडी के बाहर विरोध प्रदर्शन कर हाईवे जाम करेगी। वहीं, उत्तराखंड किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने किसानों के साथ मिलकर रुड़की स्थित शताब्दी द्वार पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। इसके अलावा राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से भी जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पुलिस ने रात में नजरबंद किया था और बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे रिहा किया। हाईकमान से बात हुई है। किसानों के साथ बैठक कर तहसीलों में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
-चौधरी पद्म सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन
यूनिटन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से आदेश मिले हैं कि शुक्रवार को प्रदर्शन कर जाम लगाया जाए। इसके तहत आज गुड़ मंडी मंगलौर में प्रदर्शन कर हाईवे जाम किया जाएगा।
-विजय शास्त्री, जिलाध्यक्ष भाकियू टिकैत
कृषि कानून किसी भी तरह किसानों के हित में नहीं हैं। सरकार को इन्हें तत्काल वापस लेना चाहिए। केंद्र सरकार अगर इस पर फैसला नहीं लेती है तो पुरजोर विरोध किया जाएगा।
-राकेश अग्रवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान मजदूर संगठन
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनना चाहिए। कृषि कानून समाप्त होना चाहिए। जब तक सरकार मांगें पूरी नहीं करती है, तब तक विरोध जारी रहेगा। शुक्रवार को शताब्दी द्वार पर सरकार का पुतला दहन करेंगे।
-महकार सिंह, जिलाध्यक्ष, उत्तराखंड किसान मोर्चा
किसानों के प्रदर्शन के संबंध में पुलिस प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। धरनास्थल पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेगा। किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बातों को रख सकते हैं। गड़बड़ी होने पर कार्रवाई की जाएगी।
-नमामी बंसल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, रुड़की
सार
- किसानों के धरना-प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए दिल्ली जाने की थी योजना
- झबरेड़ा क्षेत्र में किसानों को देर रात नजरबंद करने के बाद सुबह कर दिया रिहा
विस्तार
पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन को समर्थन देने रुड़की से दिल्ली कूच करने से पहले ही पुलिस प्रशासन ने झबरेड़ा क्षेत्र के किसान नेताओं को बुधवार देर रात उनके घरों पर नजरबंद कर दिया। बृहस्पतिवार सुबह करीब 11 बजे उन्हें रिहा कर दिया गया। उधर, किसान संगठनों ने देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के समर्थन में शुक्रवार को जगह-जगह हाईवे जाम कर आंदोलन की चेतावनी दी है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएन सिंह के नेतृत्व में देशभर के 120 किसान संगठनों से जुड़े किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा डाल लिया है। इसमें शामिल होने के लिए रुड़की और आसपास के क्षेत्रों के किसान नेताओं की भी दिल्ली पहुंचने की योजना थी, लेकिन खुफिया सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद पुलिस प्रशासन बुधवार से ही अलर्ट हो गया था।
जानकारी मिलने पर झबरेड़ा थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार टीम के साथ बुधवार रात को ही संगठन के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी पद्म सिंह और जिलाध्यक्ष पहल सिंह के घर पहुंचे और उन्हें किसी तरह समझाया। इसके बाद उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया गया। हालांकि, बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे उन्हें नजरबंदी से रिहा कर दिया गया था। वहीं, दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर वाटर कैनन छोड़ने की घटनाओं से किसान संगठनों में उबाल है।
इसके चलते किसान संगठनों ने शुक्रवार को जिले में जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर हाईवे जाम करने की घोषणा की है। किसान संगठन कृषि कानूनों को समाप्त करने के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर फसलों की खरीद करने वालों के खिलाफ कानून बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
शुक्रवार को दिल्ली-देहरादून हाईवे जाम करेंगे
कृषि कानूनों के विरोध में भाकियू (टिकैत) आज शुक्रवार को मंगलौर गुड़ मंडी के बाहर विरोध प्रदर्शन कर हाईवे जाम करेगी। वहीं, उत्तराखंड किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने किसानों के साथ मिलकर रुड़की स्थित शताब्दी द्वार पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। इसके अलावा राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से भी जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पुलिस ने रात में नजरबंद किया था और बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे रिहा किया। हाईकमान से बात हुई है। किसानों के साथ बैठक कर तहसीलों में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
-चौधरी पद्म सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन
यूनिटन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से आदेश मिले हैं कि शुक्रवार को प्रदर्शन कर जाम लगाया जाए। इसके तहत आज गुड़ मंडी मंगलौर में प्रदर्शन कर हाईवे जाम किया जाएगा।
-विजय शास्त्री, जिलाध्यक्ष भाकियू टिकैत
कृषि कानून किसी भी तरह किसानों के हित में नहीं हैं। सरकार को इन्हें तत्काल वापस लेना चाहिए। केंद्र सरकार अगर इस पर फैसला नहीं लेती है तो पुरजोर विरोध किया जाएगा।
-राकेश अग्रवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान मजदूर संगठन
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनना चाहिए। कृषि कानून समाप्त होना चाहिए। जब तक सरकार मांगें पूरी नहीं करती है, तब तक विरोध जारी रहेगा। शुक्रवार को शताब्दी द्वार पर सरकार का पुतला दहन करेंगे।
-महकार सिंह, जिलाध्यक्ष, उत्तराखंड किसान मोर्चा
किसानों के प्रदर्शन के संबंध में पुलिस प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। धरनास्थल पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेगा। किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बातों को रख सकते हैं। गड़बड़ी होने पर कार्रवाई की जाएगी।
-नमामी बंसल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, रुड़की