न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रुद्रप्रयाग
Updated Thu, 18 Apr 2019 09:20 PM IST
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द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी जोत सिंह नेगी (96 वर्ष) का बुधवार देर रात निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और अपने बड़े पुत्र विक्रम सिंह नेगी के साथ श्रीनगर में रह रहे थे।
बृहस्पतिवार को अलकनंदा नदी किनारे पैतृक घाट पर उनकी अंत्येष्टि की गई। इस दौरान तल्ला नागपुर के कई गांवों के लोग मौजूद थे। मूलत: मदोला गांव निवासी जोत सिंह नेगी वर्ष 1944 में गढ़वाल रायफल्स में भर्ती हुए थे।
द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने के साथ ही उन्होंने आजादी के बाद वर्ष 1962 में चीन से हुए युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई। वर्ष 1964 में सेना से हवलदार पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वे गांव में होने वाले ग्रामीणों के निजी और सामूहिक कार्यों में सक्रिय रहते थे।
द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी जोत सिंह नेगी (96 वर्ष) का बुधवार देर रात निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और अपने बड़े पुत्र विक्रम सिंह नेगी के साथ श्रीनगर में रह रहे थे।
बृहस्पतिवार को अलकनंदा नदी किनारे पैतृक घाट पर उनकी अंत्येष्टि की गई। इस दौरान तल्ला नागपुर के कई गांवों के लोग मौजूद थे। मूलत: मदोला गांव निवासी जोत सिंह नेगी वर्ष 1944 में गढ़वाल रायफल्स में भर्ती हुए थे।
द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने के साथ ही उन्होंने आजादी के बाद वर्ष 1962 में चीन से हुए युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई। वर्ष 1964 में सेना से हवलदार पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वे गांव में होने वाले ग्रामीणों के निजी और सामूहिक कार्यों में सक्रिय रहते थे।