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उत्तरांखड में डिजिटलाइजेशन के माध्यम से जनता के द्वार आपकी सरकार पहुंचाने का नारा झूठा साबित हो रहा है।
जिलाधिकारी डिजिटल इंडिया के तहत ई गवर्नेंस की मुहिम का हिस्सा बनने में कोई रूचि नहीं दिखा रहे। सीएम हरीश रावत ने 29 मार्च को प्रमाण पत्रों सहित 26 नागरिक सेवाओं के ऑनलाइन निस्तारण के लिए योजना लांच की जिसकी अब शासन स्तर पर रोजाना ऑनलाइन मानिटरिंग से यह तथ्य सामने आया है।
190 देवभूमि जनसुविधा केंद्रों की शासन स्तर मानिटरिंग हो रही है। अल्मोड़ा और टिहरी को छोड़ अन्य सभी जनपदों में योजना बदहाल है। 9 दिसंबर को सीएम हरीश रावत की जिलाधिकारियों के साथ प्रस्तावित वीडियो कान्फ्रेंसिंग में देवभूमि जनसुविधा केंद्रों की सुविधा पर समीक्षा की जाएगी। जिन जिलों के जिलाधिकारी संजीदा नहीं है उनकी क्लास लगना तय है।
आईटी विभाग कई बार जिलाधिकारियों इस संबंध में पत्र लिख चुका है, लेकिन सेवा में सुधार नहीं हुआ। योजना के तहत जनता को आनलाइन चरित्र, जाति, आय, मूलनिवास और हैसियत प्रमाण पत्र सहित 26 नागरिक सेवाएं मिलनी हैं।
सचिव सूचना प्रौद्योगिकी दीपक कुमार ने बताया कि डेली मानिटरिंग में जिन एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी के स्तर से ढिलाई सामने आई है उनके डीएम के माध्यम से पत्र भेज कार्यप्रणाली सुधारने को कह दिया है।
ऑनलाइन मॉनिटरिंग से खुली पोल
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने ई डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट के तहत एक टूल विकसित किया है, जिससे एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी स्तर से ऑनलाइन आवेदनों के निस्तारण की मानिटरिंग हो रही है। यह टूल किस स्तर से कितने आवेदन निस्तारित हो रहे हैं इसका डाटा जेनरेट कर विभाग को उपलब्ध करवा रहा है।
ई डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट
जनपद - सीएससी - आवेदन - निस्तारण
अल्मोड़ा - 26 - 8894 - 7767
उत्तरकाशी - 5 - 181 - 104
यूएसनगर - 29 - 4779 - 3459
चंपावत - 12 - 117 - 36
चमोली - 8 - 31 - 7
टिहरी - 23 - 6385 - 5370
देहरादून - 19 - 1176 - 547
नैनीताल - 17 - 89 - 51
पिथौरागढ़ - 6 - 1263 - 747
पौड़ी - 10 - 135 - 109
बागेश्वर - 5 - 8 - 0
रुद्रप्रयाग - 9 - 285 - 235
हरिद्वार - 21 - 1257 - 571
उत्तरांखड में डिजिटलाइजेशन के माध्यम से जनता के द्वार आपकी सरकार पहुंचाने का नारा झूठा साबित हो रहा है।
जिलाधिकारी डिजिटल इंडिया के तहत ई गवर्नेंस की मुहिम का हिस्सा बनने में कोई रूचि नहीं दिखा रहे। सीएम हरीश रावत ने 29 मार्च को प्रमाण पत्रों सहित 26 नागरिक सेवाओं के ऑनलाइन निस्तारण के लिए योजना लांच की जिसकी अब शासन स्तर पर रोजाना ऑनलाइन मानिटरिंग से यह तथ्य सामने आया है।
190 देवभूमि जनसुविधा केंद्रों की शासन स्तर मानिटरिंग हो रही है। अल्मोड़ा और टिहरी को छोड़ अन्य सभी जनपदों में योजना बदहाल है। 9 दिसंबर को सीएम हरीश रावत की जिलाधिकारियों के साथ प्रस्तावित वीडियो कान्फ्रेंसिंग में देवभूमि जनसुविधा केंद्रों की सुविधा पर समीक्षा की जाएगी। जिन जिलों के जिलाधिकारी संजीदा नहीं है उनकी क्लास लगना तय है।
आईटी विभाग कई बार जिलाधिकारियों इस संबंध में पत्र लिख चुका है, लेकिन सेवा में सुधार नहीं हुआ। योजना के तहत जनता को आनलाइन चरित्र, जाति, आय, मूलनिवास और हैसियत प्रमाण पत्र सहित 26 नागरिक सेवाएं मिलनी हैं।
सचिव सूचना प्रौद्योगिकी दीपक कुमार ने बताया कि डेली मानिटरिंग में जिन एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी के स्तर से ढिलाई सामने आई है उनके डीएम के माध्यम से पत्र भेज कार्यप्रणाली सुधारने को कह दिया है।
ऑनलाइन मॉनिटरिंग से खुली पोल
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने ई डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट के तहत एक टूल विकसित किया है, जिससे एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी स्तर से ऑनलाइन आवेदनों के निस्तारण की मानिटरिंग हो रही है। यह टूल किस स्तर से कितने आवेदन निस्तारित हो रहे हैं इसका डाटा जेनरेट कर विभाग को उपलब्ध करवा रहा है।
ई डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट
जनपद - सीएससी - आवेदन - निस्तारण
अल्मोड़ा - 26 - 8894 - 7767
उत्तरकाशी - 5 - 181 - 104
यूएसनगर - 29 - 4779 - 3459
चंपावत - 12 - 117 - 36
चमोली - 8 - 31 - 7
टिहरी - 23 - 6385 - 5370
देहरादून - 19 - 1176 - 547
नैनीताल - 17 - 89 - 51
पिथौरागढ़ - 6 - 1263 - 747
पौड़ी - 10 - 135 - 109
बागेश्वर - 5 - 8 - 0
रुद्रप्रयाग - 9 - 285 - 235
हरिद्वार - 21 - 1257 - 571