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स्वदेशी अपनाने को लेकर व्यापारिक संगठन ने भी मुहिम तेज कर दी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि रक्षाबंधन पर चीन निर्मित राखी का पूर्ण रूप से बहिष्कार करें।
इससे चीन को 4 हजार करोड़ रुपये का घाटा होना तय है। कन्फेडरेशन के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि इस वर्ष की राखी को देश भर में स्वदेशी अपना कर मनाना है।
उन्होंने कहा कि चीन में निर्मित राखी व राखी से संबंधित सामान उपयोग में नहीं लाया जाएगा। देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों के उत्साहवर्धन के लिए कन्फेडरेशन की महिला विंग केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इन सैनिकों के लिए 5000 राखियां देंगी।
देश के प्रत्येक शहर में सैनिक अस्पतालों में भर्ती सैनिकों को भी महिला विंग वहां जाकर राखी बांधेगी। पुलिसकर्मियों को भी स्वदेश निर्मित राखी महिला विंग बांधेंगी।
राखी पर चार हजार करोड़ रुपया का व्यापार चीन से होता है
राखी के त्योहार पर 6 हजार करोड़ रुपये का राखियों का व्यापार होता है। इसमें अकेले चीन की हिस्सेदारी लगभग चार हजार करोड़ रुपये का है। राखी बनाने का सामान जिसमें फोम, कागज की पन्नी, राखी धागा, मोती, बूंदे, राखी के ऊपर लगने वाला सजावटी सामान चीन से आयात होता है।
स्वदेशी अपनाने को लेकर व्यापारिक संगठन ने भी मुहिम तेज कर दी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि रक्षाबंधन पर चीन निर्मित राखी का पूर्ण रूप से बहिष्कार करें।
इससे चीन को 4 हजार करोड़ रुपये का घाटा होना तय है। कन्फेडरेशन के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि इस वर्ष की राखी को देश भर में स्वदेशी अपना कर मनाना है।
उन्होंने कहा कि चीन में निर्मित राखी व राखी से संबंधित सामान उपयोग में नहीं लाया जाएगा। देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों के उत्साहवर्धन के लिए कन्फेडरेशन की महिला विंग केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इन सैनिकों के लिए 5000 राखियां देंगी।
देश के प्रत्येक शहर में सैनिक अस्पतालों में भर्ती सैनिकों को भी महिला विंग वहां जाकर राखी बांधेगी। पुलिसकर्मियों को भी स्वदेश निर्मित राखी महिला विंग बांधेंगी।
राखी पर चार हजार करोड़ रुपया का व्यापार चीन से होता है
राखी के त्योहार पर 6 हजार करोड़ रुपये का राखियों का व्यापार होता है। इसमें अकेले चीन की हिस्सेदारी लगभग चार हजार करोड़ रुपये का है। राखी बनाने का सामान जिसमें फोम, कागज की पन्नी, राखी धागा, मोती, बूंदे, राखी के ऊपर लगने वाला सजावटी सामान चीन से आयात होता है।