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दिल्ली में कोरोना वायरस के रोजाना बढ़ते मामलों की वजह से गंभीर रोगियों को मुसीबत आ गई है। राजधानी के ज्यादातर अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी फिर से देखने को मिल रही है। स्थिति यह है कि 87 फीसदी वेंटिलेटर और 83 फीसदी आईसीयू बिस्तर अब भर चुके हैं। इसके चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से और बिस्तर मांगने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखा है।
दिल्ली सरकार के कोरोना ऐप के अनुसार, वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड 87 फीसद और बिना वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड 83 फीसद तक भर चुके हैं। ऐसे में आने वाले समय में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए दिक्कतें भी आ सकती हैं। दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड 1270 हैं।
बुधवार दोपहर तक इनमें से 1107 बेड भर गए हैं, जबकि सिर्फ 163 बेड ही खाली हैं। वहीं, बिना वेंटिलेटर वाले कुल बेड 2066 हैं। इनमें से 1714 बेड भर चुके हैं, जबकि 352 बेड खाली हैं। अगर कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित सामान्य बेड की बात करें, तो दिल्ली में इनकी संख्या कुल 16511 है। इनमें से 8496 बेड भरे हैं, जबकि 8015 बेड खाली हैं।
दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल में कुल 128 आईसीयू बिस्तर हैं जिसमें से एक भी खाली नहीं है। लोकनायक अस्पताल में 200 में से सिर्फ छह आईसीयू बिस्तर ही खाली बचे हैं। इनके अलावा राजीव गांधी अस्पताल में भी कुल 200 में से 44, सफदरजंग अस्पताल में 54 में से दो और एम्स के ट्रामा सेंटर में 50 में से केवल चार ही आईसीयू बिस्तर खाली बचे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के अलावा त्योहार की वजह से बाजारों में भीड़ बढ़ रही है। इसके चलते संक्रमण भी बढ़ रहा है। यही वजह है कि अचानक से अस्पतालों में एक बार फिर बिस्तरों की कमी देखने को मिल रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखते हुए 1092 अतिरिक्त बिस्तरों की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि डॉ. वीके पॉल समिति की रिपोर्ट ने आने वाले दिनों में 11,909 संक्रमित मरीज रोजाना दिल्ली में मिलने की आशंका जताई है। नवंबर माह के आखिर तक यह स्थिति देखने को मिल सकती है। चूंकि दिल्ली में पहले से ही बिस्तरों की कमी है।
जबकि रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली को जल्द से जल्द 20,604 बिस्तरों की जरूरत है। इसके अलावा एंपावर्ड ग्रुप की तीसरी रिपोर्ट के हिसाब से मौजूदा वक्त में करीब 4900 बिस्तरों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार के अस्पतालों में संख्या बढ़ानी होगी। इसलिए उन्होंने केंद्र से 300 आईसीयू बिस्तर सहित 1092 बिस्तरों की मांग की है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। हालांकि केंद्र ने दो-ढाई महीने पहले कहा था कि एक हजार के करीब बिस्तर बढ़ाए जाएंगे। इसीलिए केंद्र को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र अपने कोरोना अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाएं और साथ ही 300 के करीब आईसीयू बिस्तर भी बढ़ाए जाएं।
दिल्ली में कोरोना वायरस के रोजाना बढ़ते मामलों की वजह से गंभीर रोगियों को मुसीबत आ गई है। राजधानी के ज्यादातर अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी फिर से देखने को मिल रही है। स्थिति यह है कि 87 फीसदी वेंटिलेटर और 83 फीसदी आईसीयू बिस्तर अब भर चुके हैं। इसके चलते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से और बिस्तर मांगने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखा है।
दिल्ली सरकार के कोरोना ऐप के अनुसार, वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड 87 फीसद और बिना वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड 83 फीसद तक भर चुके हैं। ऐसे में आने वाले समय में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए दिक्कतें भी आ सकती हैं। दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड 1270 हैं।
बुधवार दोपहर तक इनमें से 1107 बेड भर गए हैं, जबकि सिर्फ 163 बेड ही खाली हैं। वहीं, बिना वेंटिलेटर वाले कुल बेड 2066 हैं। इनमें से 1714 बेड भर चुके हैं, जबकि 352 बेड खाली हैं। अगर कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित सामान्य बेड की बात करें, तो दिल्ली में इनकी संख्या कुल 16511 है। इनमें से 8496 बेड भरे हैं, जबकि 8015 बेड खाली हैं।
दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल में कुल 128 आईसीयू बिस्तर हैं जिसमें से एक भी खाली नहीं है। लोकनायक अस्पताल में 200 में से सिर्फ छह आईसीयू बिस्तर ही खाली बचे हैं। इनके अलावा राजीव गांधी अस्पताल में भी कुल 200 में से 44, सफदरजंग अस्पताल में 54 में से दो और एम्स के ट्रामा सेंटर में 50 में से केवल चार ही आईसीयू बिस्तर खाली बचे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के अलावा त्योहार की वजह से बाजारों में भीड़ बढ़ रही है। इसके चलते संक्रमण भी बढ़ रहा है। यही वजह है कि अचानक से अस्पतालों में एक बार फिर बिस्तरों की कमी देखने को मिल रही है।
केजरीवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखते हुए 1092 अतिरिक्त बिस्तरों की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि डॉ. वीके पॉल समिति की रिपोर्ट ने आने वाले दिनों में 11,909 संक्रमित मरीज रोजाना दिल्ली में मिलने की आशंका जताई है। नवंबर माह के आखिर तक यह स्थिति देखने को मिल सकती है। चूंकि दिल्ली में पहले से ही बिस्तरों की कमी है।
जबकि रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली को जल्द से जल्द 20,604 बिस्तरों की जरूरत है। इसके अलावा एंपावर्ड ग्रुप की तीसरी रिपोर्ट के हिसाब से मौजूदा वक्त में करीब 4900 बिस्तरों की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार के अस्पतालों में संख्या बढ़ानी होगी। इसलिए उन्होंने केंद्र से 300 आईसीयू बिस्तर सहित 1092 बिस्तरों की मांग की है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। हालांकि केंद्र ने दो-ढाई महीने पहले कहा था कि एक हजार के करीब बिस्तर बढ़ाए जाएंगे। इसीलिए केंद्र को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र अपने कोरोना अस्पतालों में बिस्तर बढ़ाएं और साथ ही 300 के करीब आईसीयू बिस्तर भी बढ़ाए जाएं।