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दिल्ली सरकार ने कोटा से दिल्ली के छात्रों को लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने इसके लिए 40 बसें कोटा भेज दी हैं। शनिवार तक यह दिल्ली पहुंच जाएंगी। दूसरी तरफ मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए दिल्ली सरकार अन्य राज्य सरकारों से इस मसले पर चर्चा कर रही है। अगले एक-दो दिन में इसका स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार हो जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली के कुछ छात्र राजस्थान के कोटा में आईआईटी की तैयारी करने गए हुए हैं। लॉकडाउन होने से वह वहां फंसे हुए थे। पिछले दिनों उनके कई मैसेज आए कि वह घर लौटना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना दिल्ली सरकार के हाथ बंधे हुए थे। दो दिन पहले केंद्र ने इसकी मंजूरी दे दी है।
केजरीवाल के मुताबिक, अब दिल्ली सरकार ने निजी संचालक से लेकर 40 बसें कोटा भेज दी हैं। उम्मीद है कि शनिवार तक सभी बसें लौट आएंगी। उन्होंने छात्रों से अपील की कि घर पहुंचने के बाद सभी को 14 दिन तक के लिए होम क्वारंटीन रहना होगा।
दूसरे राज्यों से चल रही बातचीत
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि उनके पास कई लोगों के फोन आ रहे हैं कि यूपी, बिहार और झारखंड के जो लोग अपने घर जाना चाहते हैं, उनका क्या? इस संबंध में सभी राज्य सरकारों से बातचीत चल रही है। जल्द ही इसे फाइनल कर लिया जाएगा। उनसे बातचीत कर जो नतीजे निकलेंगे, उसकी जानकारी दी जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि तब तक सभी लोग अपने घर में रहें, लॉकडाउन का पालन करें, ताकि हम कोरोना को हरा सकें। उन्होंने अपील की कि लोग जल्दबाजी न करें, इस वक्त संयम रखना जरूरी है। जिस राज्य के साथ जो भी अंतिम निर्णय होगा, मैं खुद सभी को अवगत करा दूंगा।
नीतीश कुमार के पास पैसे नहीं : संजय सिंह
बिहार सरकार के प्रवासी मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम कर पाने से जुड़े बयान पर सियासत भी शुरू हो गई है। दिल्ली से आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह बहुत अफसोस की बात है कि नीतीश कुमार के पास बिहार के लोगों को वापस ले जाने के पैसे नहीं हैं। संजय सिंह ने कहा कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग करेंगे कि वह बिहार के प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने का इंतजाम करें। इसके लिए बिहार सरकार को सिर्फ बसें भेजनी होंगी, क्योंकि दिल्ली से सीएनजी बसें बिहार तक नहीं जा सकेंगी।
दिल्ली सरकार ने कोटा से दिल्ली के छात्रों को लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने इसके लिए 40 बसें कोटा भेज दी हैं। शनिवार तक यह दिल्ली पहुंच जाएंगी। दूसरी तरफ मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए दिल्ली सरकार अन्य राज्य सरकारों से इस मसले पर चर्चा कर रही है। अगले एक-दो दिन में इसका स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार हो जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली के कुछ छात्र राजस्थान के कोटा में आईआईटी की तैयारी करने गए हुए हैं। लॉकडाउन होने से वह वहां फंसे हुए थे। पिछले दिनों उनके कई मैसेज आए कि वह घर लौटना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना दिल्ली सरकार के हाथ बंधे हुए थे। दो दिन पहले केंद्र ने इसकी मंजूरी दे दी है।
केजरीवाल के मुताबिक, अब दिल्ली सरकार ने निजी संचालक से लेकर 40 बसें कोटा भेज दी हैं। उम्मीद है कि शनिवार तक सभी बसें लौट आएंगी। उन्होंने छात्रों से अपील की कि घर पहुंचने के बाद सभी को 14 दिन तक के लिए होम क्वारंटीन रहना होगा।
दूसरे राज्यों से चल रही बातचीत
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि उनके पास कई लोगों के फोन आ रहे हैं कि यूपी, बिहार और झारखंड के जो लोग अपने घर जाना चाहते हैं, उनका क्या? इस संबंध में सभी राज्य सरकारों से बातचीत चल रही है। जल्द ही इसे फाइनल कर लिया जाएगा। उनसे बातचीत कर जो नतीजे निकलेंगे, उसकी जानकारी दी जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि तब तक सभी लोग अपने घर में रहें, लॉकडाउन का पालन करें, ताकि हम कोरोना को हरा सकें। उन्होंने अपील की कि लोग जल्दबाजी न करें, इस वक्त संयम रखना जरूरी है। जिस राज्य के साथ जो भी अंतिम निर्णय होगा, मैं खुद सभी को अवगत करा दूंगा।
नीतीश कुमार के पास पैसे नहीं : संजय सिंह
बिहार सरकार के प्रवासी मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम कर पाने से जुड़े बयान पर सियासत भी शुरू हो गई है। दिल्ली से आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह बहुत अफसोस की बात है कि नीतीश कुमार के पास बिहार के लोगों को वापस ले जाने के पैसे नहीं हैं। संजय सिंह ने कहा कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग करेंगे कि वह बिहार के प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने का इंतजाम करें। इसके लिए बिहार सरकार को सिर्फ बसें भेजनी होंगी, क्योंकि दिल्ली से सीएनजी बसें बिहार तक नहीं जा सकेंगी।