सर्द है सुबह और शाम...
- फोटो : amar ujala
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मौसमी उतार-चढ़ाव की वजह से दिल्ली में इन दिनों दिन में राहत और सुबह- शाम ठिठुरन है। शुक्रवार से सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ की वजह से एक बार फिर न्यूनतम तापमान में कमी के साथ दिन के तापमान में भी कमी आ सकती है और फिर से कड़ाके की सर्दी का एहसास होगा।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश होगी। पहाड़ों पर बर्फबारी का असर दिल्ली की सर्दी पर भी पड़ेगा और न्यूनतम तापमान में कमी आएगी। इसके साथ ही पश्चिमी हिमालय से आने वाली सर्द हवाएं गलन का अधिक एहसास कराएंगी।
मौसम विभाग के अनुसार, बृहस्पतिवार को राजधानी का न्यूनतम तापमान सामान्य के बराबर 7.4 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान सामान्य से एक अधिक 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान में वृद्धि होने से दिन भर खिली धूप के बीच लोगों को सर्दी से राहत मिली। हालांकि, शाम होते- होते गलन वाली सर्दी का एहसास होने लगा था।
बचाव के लिए लोगों ने गर्म कपड़ों के अलावा अलाव का भी सहारा लिया। पिछले 24 घंटों में हवा में नमी का अधिकतम स्तर 97 फीसदी और न्यूनतम 37 फीसदी दर्ज किया गया। वहीं, दिल्ली का लोधी रोड इलाका 6.4 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा।
मौसम विभाग ने एक दिन पहले ही दिल्ली के न्यूनतम तापमान में कमी होने की बात कही है। न्यूनतम तापमान के पांच डिग्री सेल्सियस तक बने रहने की संभावना है।
दिल्ली- एनसीआर की हवा में सुधार
मौसम में बदलाव की वजह से दिल्ली- एनसीआर की हवा बृहस्पतिवार को गंभीर श्रेणी से खराब श्रेणी में दर्ज की गई। शुक्रवार को हवा का स्तर बहुत खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है। इसके बाद इसमें सुधार की संभावना है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, बृहस्पतिवार को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 296 दर्ज किया गया। केवल गाजियाबाद और नोएडा की हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
सफर के अनुसार, आगामी 24 घंटे में हवा का स्तर बहुत खराब श्रेणी का उच्चतम स्तर में पहुंच सकता है। शुक्रवार से सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ का असर हवा की गुणवत्ता पर भी पड़ेगा। इस वजह से हवा के स्तर में 23 और 24 जनवरी को हल्का सुधर हो सकता है। पिछले 24 घंटों में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार तत्व पीएम10 का स्तर 176 और पीएम 2.5 का स्तर 121 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।
मौसमी उतार-चढ़ाव की वजह से दिल्ली में इन दिनों दिन में राहत और सुबह- शाम ठिठुरन है। शुक्रवार से सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ की वजह से एक बार फिर न्यूनतम तापमान में कमी के साथ दिन के तापमान में भी कमी आ सकती है और फिर से कड़ाके की सर्दी का एहसास होगा।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश होगी। पहाड़ों पर बर्फबारी का असर दिल्ली की सर्दी पर भी पड़ेगा और न्यूनतम तापमान में कमी आएगी। इसके साथ ही पश्चिमी हिमालय से आने वाली सर्द हवाएं गलन का अधिक एहसास कराएंगी।
मौसम विभाग के अनुसार, बृहस्पतिवार को राजधानी का न्यूनतम तापमान सामान्य के बराबर 7.4 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान सामान्य से एक अधिक 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान में वृद्धि होने से दिन भर खिली धूप के बीच लोगों को सर्दी से राहत मिली। हालांकि, शाम होते- होते गलन वाली सर्दी का एहसास होने लगा था।
बचाव के लिए लोगों ने गर्म कपड़ों के अलावा अलाव का भी सहारा लिया। पिछले 24 घंटों में हवा में नमी का अधिकतम स्तर 97 फीसदी और न्यूनतम 37 फीसदी दर्ज किया गया। वहीं, दिल्ली का लोधी रोड इलाका 6.4 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा।
मौसम विभाग ने एक दिन पहले ही दिल्ली के न्यूनतम तापमान में कमी होने की बात कही है। न्यूनतम तापमान के पांच डिग्री सेल्सियस तक बने रहने की संभावना है।
दिल्ली- एनसीआर की हवा में सुधार
मौसम में बदलाव की वजह से दिल्ली- एनसीआर की हवा बृहस्पतिवार को गंभीर श्रेणी से खराब श्रेणी में दर्ज की गई। शुक्रवार को हवा का स्तर बहुत खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है। इसके बाद इसमें सुधार की संभावना है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, बृहस्पतिवार को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 296 दर्ज किया गया। केवल गाजियाबाद और नोएडा की हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
सफर के अनुसार, आगामी 24 घंटे में हवा का स्तर बहुत खराब श्रेणी का उच्चतम स्तर में पहुंच सकता है। शुक्रवार से सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ का असर हवा की गुणवत्ता पर भी पड़ेगा। इस वजह से हवा के स्तर में 23 और 24 जनवरी को हल्का सुधर हो सकता है। पिछले 24 घंटों में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार तत्व पीएम10 का स्तर 176 और पीएम 2.5 का स्तर 121 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।