केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन
- फोटो : ANI
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केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली में शराब की दुकानें खोलने की इजाजत को दिल्ली सरकार का जल्दबाजी भरा फैसला करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दिल्ली रेड जोन में है, सरकार का यह फैसला जल्दबाजी भरा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शराब की दुकानों के बाहर लंबी कतारें लग रही हैं, सरकार को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। इससे कोरोना वयारस के फैलने का खतरा है।
दिल्ली में 40 दिन बाद सोमवार को कई सरकारी शराब की दुकानें खुली जिसके बाद इन दुकानों के बाहर भारी भीड़ लग गई। कई जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया, जिसके चलते पुलिस को हल्का बल प्रयोग पर भीड़ को काबू करना पड़ा।
दिल्ली के बुराड़ी, मयूर विहार, गांधी विहार, रोहिणी, जनकपुरी समेत कई इलाकों में शराब की दुकानों के बाहर भारी भीड़ लग गई। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जाने या अनजाने में लिए गए इस फैसले को जारी रखना ठीक नहीं होगा। क्योंकि इसके प्रतिकूल प्रभाव स्पष्ट हैं। दिल्ली सरकार को अपने फैसले की समीक्षा करनी चाहिए।
वहीं, भाजपा ने तो यहां तक कहा है कि शराब की दुकान खुलने से दिल्ली में 10 प्रतिशत कोरोना वायरस से संक्रमण का मामले बढ़ जाएंगे। भाजपा ने उपराज्यपाल व दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
शराब की दुकान खुलने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इससे कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका है। केंद्र की ओर से जारी नियमों का सख्ती से पालन हो, इस पर दिल्ली सरकार को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। यह अच्छा मौका था शराब पीने की लत को छुड़ाने का।
सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह निंदनीय है। पीने वाले और पिलाने वाले बराबर के जिम्मेदार हैं। सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कुछ लोगों को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री ने पूरी दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य को हाशिए पर रख दिया। सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि इंसान की जान से ज्यादा अरविंद केजरीवाल को कमाई चाहिए।
दिल्ली विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने शराब की दुकानों को खोलने के दिल्ली सरकार के फैसले की आलोचना की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील की है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करे। इस बाबत बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली में शराब की दुकानें खोलने की इजाजत को दिल्ली सरकार का जल्दबाजी भरा फैसला करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दिल्ली रेड जोन में है, सरकार का यह फैसला जल्दबाजी भरा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शराब की दुकानों के बाहर लंबी कतारें लग रही हैं, सरकार को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। इससे कोरोना वयारस के फैलने का खतरा है।
दिल्ली में 40 दिन बाद सोमवार को कई सरकारी शराब की दुकानें खुली जिसके बाद इन दुकानों के बाहर भारी भीड़ लग गई। कई जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया, जिसके चलते पुलिस को हल्का बल प्रयोग पर भीड़ को काबू करना पड़ा।
दिल्ली के बुराड़ी, मयूर विहार, गांधी विहार, रोहिणी, जनकपुरी समेत कई इलाकों में शराब की दुकानों के बाहर भारी भीड़ लग गई। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जाने या अनजाने में लिए गए इस फैसले को जारी रखना ठीक नहीं होगा। क्योंकि इसके प्रतिकूल प्रभाव स्पष्ट हैं। दिल्ली सरकार को अपने फैसले की समीक्षा करनी चाहिए।
वहीं, भाजपा ने तो यहां तक कहा है कि शराब की दुकान खुलने से दिल्ली में 10 प्रतिशत कोरोना वायरस से संक्रमण का मामले बढ़ जाएंगे। भाजपा ने उपराज्यपाल व दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
शराब की दुकान खुलने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इससे कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका है। केंद्र की ओर से जारी नियमों का सख्ती से पालन हो, इस पर दिल्ली सरकार को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। यह अच्छा मौका था शराब पीने की लत को छुड़ाने का।
सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह निंदनीय है। पीने वाले और पिलाने वाले बराबर के जिम्मेदार हैं। सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कुछ लोगों को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री ने पूरी दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य को हाशिए पर रख दिया। सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि इंसान की जान से ज्यादा अरविंद केजरीवाल को कमाई चाहिए।
दिल्ली विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने शराब की दुकानों को खोलने के दिल्ली सरकार के फैसले की आलोचना की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील की है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करे। इस बाबत बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है।