न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 29 Feb 2020 04:18 PM IST
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निर्भया केस के दोषी अक्षय कुमार सिंह ने तीन मार्च को होने वाली फांसी को टालने के लिए एक नया पैंतरा चला है। हालांकि अक्षय के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं लेकिन उसने दोबारा एक दया याचिका दायर की है।
बता दें कि अक्षय पहले भी एक बार दया याचिका डाल चुका है जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था। उसने ये याचिका दोबारा इसलिए है क्योंकि उसके वकील का दावा है कि पिछली दया याचिका अक्षय के माता-पिता ने डाली थी जिसके पेपर पूरे नहीं थे।
अधूरी दया याचिका होने के कारण राष्ट्रपति केस के सभी पहलुओं से वाकिफ नहीं हो पाए थे इसलिए दोबारा दया याचिका दायर की गई है। यह सारी बातें अक्षय के वकील एपी सिंह ने एक सुनवाई के दौरान कही थी। अब देखना है कि इस दया याचिका पर राष्ट्रपति क्या फैसला देते हैं।
माना जा रहा है कि फांसी की तारीख नजदीक आते ही दोषियों का इस तरह अपने कानूनी विकल्पों को इस्तेमाल करना फांसी में देरी करने की एक तरकीब है। दोषियों के वकील कानून के इन्हीं प्रावधानों का इस्तेमाल कर अब तक दो बार फांसी टलवा चुके हैं।
पहली बार दोषियों को फांसी 22 जनवरी को होनी थी जिसे बाद में टालकर 1 फरवरी कर दिया गया था। दोनों बार फांसी टलने के बाद तीसरा डेथ वारंट 3 मार्च का जारी किया गया, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ये तारीख भी टल जाएगी।
निर्भया केस के दोषी अक्षय कुमार सिंह ने तीन मार्च को होने वाली फांसी को टालने के लिए एक नया पैंतरा चला है। हालांकि अक्षय के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं लेकिन उसने दोबारा एक दया याचिका दायर की है।
बता दें कि अक्षय पहले भी एक बार दया याचिका डाल चुका है जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था। उसने ये याचिका दोबारा इसलिए है क्योंकि उसके वकील का दावा है कि पिछली दया याचिका अक्षय के माता-पिता ने डाली थी जिसके पेपर पूरे नहीं थे।
अधूरी दया याचिका होने के कारण राष्ट्रपति केस के सभी पहलुओं से वाकिफ नहीं हो पाए थे इसलिए दोबारा दया याचिका दायर की गई है। यह सारी बातें अक्षय के वकील एपी सिंह ने एक सुनवाई के दौरान कही थी। अब देखना है कि इस दया याचिका पर राष्ट्रपति क्या फैसला देते हैं।
माना जा रहा है कि फांसी की तारीख नजदीक आते ही दोषियों का इस तरह अपने कानूनी विकल्पों को इस्तेमाल करना फांसी में देरी करने की एक तरकीब है। दोषियों के वकील कानून के इन्हीं प्रावधानों का इस्तेमाल कर अब तक दो बार फांसी टलवा चुके हैं।
पहली बार दोषियों को फांसी 22 जनवरी को होनी थी जिसे बाद में टालकर 1 फरवरी कर दिया गया था। दोनों बार फांसी टलने के बाद तीसरा डेथ वारंट 3 मार्च का जारी किया गया, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ये तारीख भी टल जाएगी।