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तिरंगा ना फहराने को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करके एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। याचिका में मुफ्ती पर तिरंगा का अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
यह याचिका वकील विनीत जिंदल की ओर से दायर की गई है। याचिका में महबूबा मुफ्ती के उस बयान का विरोध किया गया है, जिसमें मुफ्ती ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के आदेश को खारिज करने तक तिरंगा ना फहराने और चुनाव ना लड़ने की बात कही है। मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 लागू ना होने तक तिरंगा ना फहराने का बयान दिया था।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि मुफ्ती ने अपने बयान में भारत सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि डकैतों ने हमारा झंडा छीन लिया। इस कथन में यह स्पष्ट है कि वह इस अपमानजनक और उकसाने वाले बयान का उपयोग विधिवत निर्वाचित भारत सरकार के खिलाफ कर रही हैं। यह एक उकसाने वाला बयान है जो समुदायों के बीच नफरत और अशांति पैदा करने का इरादा रखता है और इस देश की विधिवत चुनी हुई सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ रहा है, क्योंकि वह एक प्रभावशाली और सार्वजनिक व्यक्तित्व है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि मुफ्ती का बयान पूरी तरह से राष्ट्रध्वज का अपमान करने वाला है और राष्ट्रध्वज का अपमान किसी भी स्थिति में नहीं किया जाना चाहिए। इस लिए याचिका में मुफ्ती के खिलाफ नेशनल ऑनर एक्ट और धारा 121, 153, 153ए, 295, 298, 504, 505 के तहत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की गई है।
तिरंगा ना फहराने को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करके एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। याचिका में मुफ्ती पर तिरंगा का अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
यह याचिका वकील विनीत जिंदल की ओर से दायर की गई है। याचिका में महबूबा मुफ्ती के उस बयान का विरोध किया गया है, जिसमें मुफ्ती ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के आदेश को खारिज करने तक तिरंगा ना फहराने और चुनाव ना लड़ने की बात कही है। मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 लागू ना होने तक तिरंगा ना फहराने का बयान दिया था।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि मुफ्ती ने अपने बयान में भारत सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि डकैतों ने हमारा झंडा छीन लिया। इस कथन में यह स्पष्ट है कि वह इस अपमानजनक और उकसाने वाले बयान का उपयोग विधिवत निर्वाचित भारत सरकार के खिलाफ कर रही हैं। यह एक उकसाने वाला बयान है जो समुदायों के बीच नफरत और अशांति पैदा करने का इरादा रखता है और इस देश की विधिवत चुनी हुई सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ रहा है, क्योंकि वह एक प्रभावशाली और सार्वजनिक व्यक्तित्व है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि मुफ्ती का बयान पूरी तरह से राष्ट्रध्वज का अपमान करने वाला है और राष्ट्रध्वज का अपमान किसी भी स्थिति में नहीं किया जाना चाहिए। इस लिए याचिका में मुफ्ती के खिलाफ नेशनल ऑनर एक्ट और धारा 121, 153, 153ए, 295, 298, 504, 505 के तहत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की गई है।