कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के बांदा में कई महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण एक स्कूल अनुदेशक (इंस्ट्रक्टर) की कथित खुदकुशी की घटना पर दुख जताते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि कर्मचारी आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
प्रियंका ने बांदा की घटना से जुड़ी खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ' बांदा की ये घटना बहुत ही दुखद है। भाजपा ने आज कर्मचारियों को इस स्थिति में ला दिया है कि वे आत्महत्या को मजबूर हैं।
उन्होंने दावा किया, अनुदेशकों के साथ भाजपा ने ऐसा धोखा किया है कि हमारे ये मेहनती कर्मचारी भीषण आर्थिक तंगहाली झेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी।
क्या है पूरा मामला
पिछले तीन माह से मानदेय न मिलने से आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे अनुदेशक ने घर के पास के पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। बताया जाता है कि प्रदेश सरकार ने अभी तक बजट नहीं दिया, जिससे अनुदेशकों को मानदेय नहीं दिया जा सका है। दिए जाने से तीन माह से बिना मानदेय न मिलने पर आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे अनुदेशक ने घर के नजदीक पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बिसंडा थाना क्षेत्र के पल्हरी गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में इसी गांव का राजेश कुमार पटेल (28) पुत्र भइयालाल अनुदेशक पद पर पिछले करीब पांच वर्षों से कार्यरत थे। अभी तक उनकी शादी नहीं हुई थी। बुधवार की देर रात गांव के बाहर बबूल के पेड़ में रस्सी बांधकर उन्होंने फांसी लगा ली। सुबह शव लटकता देख ग्रामीणों ने पटेल के भाई रामकृष्ण को सूचना दी। भाई ने बताया कि राजेश गांव में नवरात्र जागरण कीर्तन सुनने जाने की बात कहकर घर से गया था।
बताया कि तीन माह से मानदेय न मिलने से राजेश आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा था। बताया कि पिता के नाम 18 बीघा जमीन है। उधर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्रनाथ का कहना है कि अनुदेशकों का मानदेय 8700 रुपये प्रतिमाह है। पूरे जिले में परिषदीय स्कूलों में तकरीबन 671 अनुदेशक कार्यरत हैं।
उन्होंने बताया कि दिसंबर माह से बजट न आने पर मानदेय नहीं दिया जा सका है। बीएसए ने आत्महत्या की वजह मानदेय न मिलने से असहमति जताते हुए कहा कि उनकी सूचना के मुताबिक बीमारी से तंग आकर राजेश ने आत्महत्या की है। उधर, बिसंडा थाना प्रभारी एमएस शुक्ला ने बताया कि मृतक शराब का आदी था। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
कांग्रेस नेताओं ने अनुदेशक की आत्महत्या के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। मृतक के आश्रितों को 10 लाख रुपये मुआवजा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर परिजनों से कांग्रेसियों ने शोक संवेदना जताई। कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय सिंह लल्लू, प्रत्याशी बालकुमार पटेल, पूर्व विधायक शिरोमणि भाई, पूर्व डीडीसी मोहम्मद इदरीस, जिला महासचिव राममिलन सिंह पटेल, पुष्पेंद्र श्रीवास्तव, महिला अध्यक्ष सीमा खान आदि शामिल रहे।
उच्च प्राथमिक अनुदेशक संघ की बांदा जिला इकाई ने गवर्नर को ज्ञापन भेजकर कहा कि मानदेय ने मिलने से जान देने वाले अनुदेशक राजेश कुमार ने 10 अप्रैल को बीआरसी बबेरू में खुद जाकर अर्जी दी थी कि उसे प्राथमिक स्कूल में संबद्ध कर दिया जाए। चार माह से मानदेय न मिलने का भी जिक्र किया था।
इंचार्ज प्रधानाध्यापक पर परेशान करने का आरोप लगाया था। संघ ने यह भी कहा कि राजेश दिव्यांग होने के बाद भी बीएलओ की ड्यूटी कर रहा था। संघ ने जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। चेतावनी दी कि जांच और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद न दी गई तो अनुदेशक बीएलओ का कार्य नहीं करेंगे।
साथ ही मांग की कि पूरे प्रदेश में अनुदेशकों का बकाया मानदेय भुगतान किया जाए। ज्ञापन देने वालों में संघ संरक्षक सूर्य प्रकाश, संयोजक अतुल अवस्थी, अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय, प्रवीण कुमार समेत अनुदेशक शामिल रहे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के बांदा में कई महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण एक स्कूल अनुदेशक (इंस्ट्रक्टर) की कथित खुदकुशी की घटना पर दुख जताते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि कर्मचारी आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
विज्ञापन
प्रियंका ने बांदा की घटना से जुड़ी खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ' बांदा की ये घटना बहुत ही दुखद है। भाजपा ने आज कर्मचारियों को इस स्थिति में ला दिया है कि वे आत्महत्या को मजबूर हैं।
उन्होंने दावा किया, अनुदेशकों के साथ भाजपा ने ऐसा धोखा किया है कि हमारे ये मेहनती कर्मचारी भीषण आर्थिक तंगहाली झेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 13, 2019
क्या है पूरा मामला
पिछले तीन माह से मानदेय न मिलने से आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे अनुदेशक ने घर के पास के पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। बताया जाता है कि प्रदेश सरकार ने अभी तक बजट नहीं दिया, जिससे अनुदेशकों को मानदेय नहीं दिया जा सका है। दिए जाने से तीन माह से बिना मानदेय न मिलने पर आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे अनुदेशक ने घर के नजदीक पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बिसंडा थाना क्षेत्र के पल्हरी गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में इसी गांव का राजेश कुमार पटेल (28) पुत्र भइयालाल अनुदेशक पद पर पिछले करीब पांच वर्षों से कार्यरत थे। अभी तक उनकी शादी नहीं हुई थी। बुधवार की देर रात गांव के बाहर बबूल के पेड़ में रस्सी बांधकर उन्होंने फांसी लगा ली। सुबह शव लटकता देख ग्रामीणों ने पटेल के भाई रामकृष्ण को सूचना दी। भाई ने बताया कि राजेश गांव में नवरात्र जागरण कीर्तन सुनने जाने की बात कहकर घर से गया था।
बताया कि तीन माह से मानदेय न मिलने से राजेश आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा था। बताया कि पिता के नाम 18 बीघा जमीन है। उधर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्रनाथ का कहना है कि अनुदेशकों का मानदेय 8700 रुपये प्रतिमाह है। पूरे जिले में परिषदीय स्कूलों में तकरीबन 671 अनुदेशक कार्यरत हैं।
उन्होंने बताया कि दिसंबर माह से बजट न आने पर मानदेय नहीं दिया जा सका है। बीएसए ने आत्महत्या की वजह मानदेय न मिलने से असहमति जताते हुए कहा कि उनकी सूचना के मुताबिक बीमारी से तंग आकर राजेश ने आत्महत्या की है। उधर, बिसंडा थाना प्रभारी एमएस शुक्ला ने बताया कि मृतक शराब का आदी था। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
कांग्रेस नेताओं ने अनुदेशक की आत्महत्या के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। मृतक के आश्रितों को 10 लाख रुपये मुआवजा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर परिजनों से कांग्रेसियों ने शोक संवेदना जताई। कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय सिंह लल्लू, प्रत्याशी बालकुमार पटेल, पूर्व विधायक शिरोमणि भाई, पूर्व डीडीसी मोहम्मद इदरीस, जिला महासचिव राममिलन सिंह पटेल, पुष्पेंद्र श्रीवास्तव, महिला अध्यक्ष सीमा खान आदि शामिल रहे।
उच्च प्राथमिक अनुदेशक संघ की बांदा जिला इकाई ने गवर्नर को ज्ञापन भेजकर कहा कि मानदेय ने मिलने से जान देने वाले अनुदेशक राजेश कुमार ने 10 अप्रैल को बीआरसी बबेरू में खुद जाकर अर्जी दी थी कि उसे प्राथमिक स्कूल में संबद्ध कर दिया जाए। चार माह से मानदेय न मिलने का भी जिक्र किया था।
इंचार्ज प्रधानाध्यापक पर परेशान करने का आरोप लगाया था। संघ ने यह भी कहा कि राजेश दिव्यांग होने के बाद भी बीएलओ की ड्यूटी कर रहा था। संघ ने जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। चेतावनी दी कि जांच और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद न दी गई तो अनुदेशक बीएलओ का कार्य नहीं करेंगे।
साथ ही मांग की कि पूरे प्रदेश में अनुदेशकों का बकाया मानदेय भुगतान किया जाए। ज्ञापन देने वालों में संघ संरक्षक सूर्य प्रकाश, संयोजक अतुल अवस्थी, अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय, प्रवीण कुमार समेत अनुदेशक शामिल रहे।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।