न्यूज डेस्क,अमर उजाला,फरीदाबाद
Updated Thu, 28 Jun 2018 08:49 PM IST
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किडनी फेल होने पर परिवार में मैचिंग डोनर न मिलने के बावजूद एक बहन ने अपनी किडनी देकर भाई की जान बचा ली। शहर के एक निजी अस्पताल में यह ऑपरेशन किया गया।निजी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि कुछ समय पूर्व दिनेश नामक मरीज उनके पास चेकअप के लिए आया था।
जांच में पता चला कि दिनेश की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। ऐसे में उसकी पत्नी ने अपनी किडनी देने की इच्छा जताई, मगर पत्नी को शुगर होने के कारण उनकी किडनी नहीं दी जा सकी।
इसके बाद दिनेश की बहन कोमल गुप्ता ने भाई को अपनी किडनी देने की बात कही। हालांकि जांच में पता चला कि कोमल गुप्ता और दिनेश का ब्लड ग्रुप मैच नहीं करता है। इसके बावजूद डाक्टरों ने नई तकनीक का सहारा लेते हुए किडनी ट्रांसप्लांट कर दी। डॉक्टरों के अनुसार अब दिनेश पूरी तरह से स्वस्थ है। ब्यूरो
किडनी फेल होने पर परिवार में मैचिंग डोनर न मिलने के बावजूद एक बहन ने अपनी किडनी देकर भाई की जान बचा ली। शहर के एक निजी अस्पताल में यह ऑपरेशन किया गया।निजी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि कुछ समय पूर्व दिनेश नामक मरीज उनके पास चेकअप के लिए आया था।
जांच में पता चला कि दिनेश की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। ऐसे में उसकी पत्नी ने अपनी किडनी देने की इच्छा जताई, मगर पत्नी को शुगर होने के कारण उनकी किडनी नहीं दी जा सकी।
इसके बाद दिनेश की बहन कोमल गुप्ता ने भाई को अपनी किडनी देने की बात कही। हालांकि जांच में पता चला कि कोमल गुप्ता और दिनेश का ब्लड ग्रुप मैच नहीं करता है। इसके बावजूद डाक्टरों ने नई तकनीक का सहारा लेते हुए किडनी ट्रांसप्लांट कर दी। डॉक्टरों के अनुसार अब दिनेश पूरी तरह से स्वस्थ है। ब्यूरो