न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 20 Oct 2020 01:23 AM IST
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जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को जेल में पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश सोमवार को अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन को दिया। उमर खालिद को दिल्ली दंगों की साजिश से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उमर खालिद को गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) में गिरफ्तार किया है। वह 22 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में है।
कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि जेल के नियमों के तहत बिना भेदभाव के खालिद को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए कदम उठाए जाएं। अदालत ने आरोपी के आवेदन पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया। उमर ने अपने आवेदन में जेल में पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की है, ताकि न्यायिक हिरासत में उन्हें कोई नुकसान न पहुंचाया जाए।
अदालत ने 17 अक्तूबर को अपने आदेश में कहा कि जेल नियमों के तहत खालिद को रोजाना की दिनचर्या का पालन करने दिया जाए। अदालत ने कहा चूंकि आरोपी न्यायिक हिरासत में है। इसलिए नियम संख्या 1401 सहित जेल के नियम जो अन्य कैदियों पर लागू हैं, वे आवेदक (खालिद) पर भी लागू होते हैं।
नियम के मुताबिक विचाराधीन कैदी को अल सुबह अपना प्रकोष्ठ छोड़ने, स्वैच्छिक आधार पर काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए और अखबार, पुस्तकालय की पुस्तकें आदि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उमर के वकील त्रिदीप पाइस ने पहले अदालत से कहा था कि उनके मुवक्किल पर कई बार हमले हो चुके हैं और जेल में उसकी सुरक्षा को खतरा है।
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को जेल में पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश सोमवार को अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन को दिया। उमर खालिद को दिल्ली दंगों की साजिश से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उमर खालिद को गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) में गिरफ्तार किया है। वह 22 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में है।
कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि जेल के नियमों के तहत बिना भेदभाव के खालिद को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए कदम उठाए जाएं। अदालत ने आरोपी के आवेदन पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया। उमर ने अपने आवेदन में जेल में पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की है, ताकि न्यायिक हिरासत में उन्हें कोई नुकसान न पहुंचाया जाए।
अदालत ने 17 अक्तूबर को अपने आदेश में कहा कि जेल नियमों के तहत खालिद को रोजाना की दिनचर्या का पालन करने दिया जाए। अदालत ने कहा चूंकि आरोपी न्यायिक हिरासत में है। इसलिए नियम संख्या 1401 सहित जेल के नियम जो अन्य कैदियों पर लागू हैं, वे आवेदक (खालिद) पर भी लागू होते हैं।
नियम के मुताबिक विचाराधीन कैदी को अल सुबह अपना प्रकोष्ठ छोड़ने, स्वैच्छिक आधार पर काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए और अखबार, पुस्तकालय की पुस्तकें आदि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उमर के वकील त्रिदीप पाइस ने पहले अदालत से कहा था कि उनके मुवक्किल पर कई बार हमले हो चुके हैं और जेल में उसकी सुरक्षा को खतरा है।