अमित शर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 17 Feb 2020 07:29 PM IST
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भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई करारी हार की लगातार समीक्षा कर रही है। गत शुक्रवार को पार्टी ने प्रदेश कार्यालय पर मैराथन बैठक कर चुनाव में हुई चूकों पर विचार-विमर्श किया। अब पार्टी हर विधानसभा में पहुंचकर कार्यकर्ताओं की बैठक कर हार के कारणों की समीक्षा करेगी। यह प्रक्रिया बुधवार या गुरुवार से शुरू होकर अगले तीन दिनों तक चलेगी।
समीक्षा के लिए पार्टी के केंद्रीय नेताओं की टीम बनाई गई है, जिसमें महासचिव, विभिन्न मोर्चों के राष्ट्रीय अध्यक्ष-उपाध्यक्ष शामिल हैं। समीक्षा बैठकों के बाद पार्टी नेता अपनी रिपोर्ट पार्टी के केंद्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष को सौंपेंगे। वे स्वयं इस बैठक को बारीकी से देख रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार से पार्टी के शीर्ष नेता बेहद चिंतित हैं। कुछ ही समय में पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव का भी सामना करना है। ऐसे में पार्टी इस बात की समीक्षा करना चाहती है कि उसके लिए कौन से मुद्दे सकारात्मक साबित हुए हैं और कौन से मुद्दे उठाने का उसे नुकसान हुआ है।
यही कारण है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की समीक्षा के लिए भी केंद्रीय नेताओं की महत्वपूर्ण टीम को जिम्मेदारी दी गई है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी के शीर्ष नेता हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर चुनाव लड़े प्रत्याशियों, जिला स्तरीय नेताओं, मंडल अध्यक्षों और वर्तमान-पूर्व पार्षदों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में क्षेत्रवार किन मुद्दों पर उसको फायदा या नुकसान हुआ, इसका भी आकलन किया जाएगा।
कार्यकर्ताओं ने बताई ये बातें
शुक्रवार को भाजपा ने समीक्षा बैठक की थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को बताया था कि किस प्रकार चुनाव में वे अरविंद केजरीवाल सरकार की मुफ्त बिजली-पानी की योजना की काट नहीं पेश कर सके। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा किए गए कामों को भी जनता तक सफलतापूर्वक नहीं पहुंचाया जा सका।
कार्यकर्ताओं के साथ-साथ केंद्रीय नेता भी मानते हैं कि चुनाव के दौरान अनावश्यक हुई आक्रामक बचानबाजी से मध्यम वर्ग उससे नाराज हुआ और पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ा।
सार
- बुधवार या गुरुवार से शुरू होगी ये प्रक्रिया
- अगले तीन दिन तक चलेगी
- बीएल संतोष को सौंपेंगे रिपोर्ट
विस्तार
भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई करारी हार की लगातार समीक्षा कर रही है। गत शुक्रवार को पार्टी ने प्रदेश कार्यालय पर मैराथन बैठक कर चुनाव में हुई चूकों पर विचार-विमर्श किया। अब पार्टी हर विधानसभा में पहुंचकर कार्यकर्ताओं की बैठक कर हार के कारणों की समीक्षा करेगी। यह प्रक्रिया बुधवार या गुरुवार से शुरू होकर अगले तीन दिनों तक चलेगी।
समीक्षा के लिए पार्टी के केंद्रीय नेताओं की टीम बनाई गई है, जिसमें महासचिव, विभिन्न मोर्चों के राष्ट्रीय अध्यक्ष-उपाध्यक्ष शामिल हैं। समीक्षा बैठकों के बाद पार्टी नेता अपनी रिपोर्ट पार्टी के केंद्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष को सौंपेंगे। वे स्वयं इस बैठक को बारीकी से देख रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार से पार्टी के शीर्ष नेता बेहद चिंतित हैं। कुछ ही समय में पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव का भी सामना करना है। ऐसे में पार्टी इस बात की समीक्षा करना चाहती है कि उसके लिए कौन से मुद्दे सकारात्मक साबित हुए हैं और कौन से मुद्दे उठाने का उसे नुकसान हुआ है।
यही कारण है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की समीक्षा के लिए भी केंद्रीय नेताओं की महत्वपूर्ण टीम को जिम्मेदारी दी गई है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी के शीर्ष नेता हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर चुनाव लड़े प्रत्याशियों, जिला स्तरीय नेताओं, मंडल अध्यक्षों और वर्तमान-पूर्व पार्षदों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में क्षेत्रवार किन मुद्दों पर उसको फायदा या नुकसान हुआ, इसका भी आकलन किया जाएगा।
कार्यकर्ताओं ने बताई ये बातें
शुक्रवार को भाजपा ने समीक्षा बैठक की थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को बताया था कि किस प्रकार चुनाव में वे अरविंद केजरीवाल सरकार की मुफ्त बिजली-पानी की योजना की काट नहीं पेश कर सके। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा किए गए कामों को भी जनता तक सफलतापूर्वक नहीं पहुंचाया जा सका।
कार्यकर्ताओं के साथ-साथ केंद्रीय नेता भी मानते हैं कि चुनाव के दौरान अनावश्यक हुई आक्रामक बचानबाजी से मध्यम वर्ग उससे नाराज हुआ और पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ा।