शहर की सफाई व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। शहर के गंदे पानी की निकासी करने वाला एकमात्र नाला गंदगी से अटा पड़ा है। मानसून दस्तक दे चुका है, लेकिन नाले की सफाई नहीं कराई गई है। हालत यह है कि अगर तेज बारिश आई तो शहर में भीषण जलभराव का होना तय है।
प्रशासन की तरफ से समय-समय पर सफाई व्यवस्था को बहाल करने के बडे़-बड़े दावे तो किए गए, लेकिन धरातल पर हालत सुधरती नहीं दिख रही। शहर की सफाई का जिम्मा नगर परिषद पर है। परिषद के कनिष्ठ अधिकारी जहां संसाधनों का रोना रोते रहते हैं, वहीं वरिष्ठ अधिकारी अब पल्ला झाड़ने लगे हैं। बुधवार को नगर परिषद के आला अधिकारी ने कहा कि सफाई कराना उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आता।
बरसात में यहां होता है जलभराव :
-गंदे नाले के किनारे बसी कॉलोनियों जवाहर नगर कैंप, न्यू कॉलोनी का कुछ हिस्सा, मोती कॉलोनी, आर्य नगर, एकता नगर, कालड़ा कॉलोनी व पंचवटी कॉलोनी के एरिया में जलभराव होता है। अबकी बार तो अभी तक नाले की सफाई भी नहीं कराई गई है, जिसके चलते लोगों में काफी चिंता देखी जा रही है।
कॉलोनियों की नालियों को मुख्य नाली से नहीं जोड़ा :
-शहर के गंदे पानी की निकासी के लिए सड़क के दोनों तरफ बड़ी-बड़ी नालियां बनाई गई हैं। इस नाली का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। जहां पूरा भी हो गया है, वहां कॉलोनियों की नालियों को मेन नाली से नहीं जोड़ा गया है। साथ लगती दर्जनों कॉलोनियों के निवासियों की चिंता यह है कि अगर तेज बरसात आ गई तो उनके घरों में पानी भरना निश्चित है। इस बारे में पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) के एक्सईएन अशोक कुमार का कहना है कि शीघ्र ही नालियों को जोड़ दिया जाएगा।
-सफाई के लिए पूरे संसाधन नहीं हैं। नगर परिषद में जो जेसीबी है, वह काफी समय से खराब है। इसके चलते नाले की सफाई नहीं हो पाई। सफाई के लिए आदमियों को लगाया जा रहा है। श्रवण कुमार, सेनेटरी इंस्पेक्टर, नगर परिषद, पलवल।
-वैसे सफाई व्यवस्था देखना उनके कार्यक्षेत्र में नहीं है। सफाई कराना सफाई दारोगा (सेनेटरी इंस्पेक्टर) का काम है। यदि वह लापरवाही कर रहे हैं, तो उनसे पूछा जाएगा। यह ठीक है कि नगर परिषद की जेसीबी खराब है, लेकिन जेसीबी किराए पर मंगाकर भी सफाई कराई जा सकती है। -एसके चौहान, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, पलवल।