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शहर में इस बार दशहरा के दिन हनुमान जी रावण की 30 फीट ऊंची तीन मंजिला लंका को दहन करेंगे। इसके अलावा रावण को भी विशेष प्रकार का मुकुट पहनने का अवसर मिलेगा। 11 अक्तूबर को सनातन धर्म दशहरा कमेटी के तत्वावधान में रावण दहन होगा। इसके अलावा पुराना जीटी रोड स्थित सेठ जेठानंद पंजाबी धर्मशाला में छह व सात अक्तूबर को पूर्णिमा दीदी की भजन संध्या होगी।
महर्षि दयानंद चौक (आगरा चौक) स्थित सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम में दशहरा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बुलंदशहर से आए कारीगर एक सितंबर से ही जोर शोर से काम में लगे हैं। 11 करीगरों की टीम दिन रात काम करके रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले बना रहे हैं। मुख्य कारीगर इश्तियाक ने बताया कि उनकी टीम नौ अक्तूबर तक काम पूरा कर लेगी और दशहरा के दिन रावण फुंकने तक यहीं रहेगी।
दशहरा कमेटी के अध्यक्ष सुशील कथूरिया ने बताया कि इस बार कई विशेष आकर्षणों की तैयारी की जा रही है। जिसमें बांस से तीन मंजिला लंका बनाई जा रही है, यह करीब 30 फीट की होगी। पुतला दहन से पहले हनुमान जी इसमें आग लगाएंगे। इसके अलावा इस बार रावण को विशेष मुकुट पहनने का मौका मिलेगा।
पुतले बनाने के कार्य में जुटे कारीगर इश्तियाक ने बताया कि वे छह वर्षों से यहां आ रहे हैं। हर बार पुतले के सिर के साथ ही मुकुट जैसा डिजाइन बनाया जाता था, लेकिन इस बार विशेष रूप से बांस का अलग से मुकुट बनाया जा रहा है, जो रावण के सिर पर फिट किया जाएगा। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के तीनों पुतलों ने करीब 300 किलोग्राम खाकी पेपर लगेगा जिसे पुतले चारों ओर से ढंके जाते हैं। इसके अलावा 100 किलो रंगीन पेपर का प्रयोग होगा, चेहरों पर अलग-अलग रंग का प्रयोग किया जाएगा। पुतला बनाने के लिए हापुड़ से बांस मंगवाया है। तीनों पुतलों के लिए 500 किलो बांस आया है। साथ ही इन्हें जलाने के लिए 200 बम एक पुतले में लगेंगे। रावण का पुतला 80 फीट और मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले 70-70 फीट के बनाए जा रहे हैं।
शहर में इस बार दशहरा के दिन हनुमान जी रावण की 30 फीट ऊंची तीन मंजिला लंका को दहन करेंगे। इसके अलावा रावण को भी विशेष प्रकार का मुकुट पहनने का अवसर मिलेगा। 11 अक्तूबर को सनातन धर्म दशहरा कमेटी के तत्वावधान में रावण दहन होगा। इसके अलावा पुराना जीटी रोड स्थित सेठ जेठानंद पंजाबी धर्मशाला में छह व सात अक्तूबर को पूर्णिमा दीदी की भजन संध्या होगी।
महर्षि दयानंद चौक (आगरा चौक) स्थित सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम में दशहरा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बुलंदशहर से आए कारीगर एक सितंबर से ही जोर शोर से काम में लगे हैं। 11 करीगरों की टीम दिन रात काम करके रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले बना रहे हैं। मुख्य कारीगर इश्तियाक ने बताया कि उनकी टीम नौ अक्तूबर तक काम पूरा कर लेगी और दशहरा के दिन रावण फुंकने तक यहीं रहेगी।
दशहरा कमेटी के अध्यक्ष सुशील कथूरिया ने बताया कि इस बार कई विशेष आकर्षणों की तैयारी की जा रही है। जिसमें बांस से तीन मंजिला लंका बनाई जा रही है, यह करीब 30 फीट की होगी। पुतला दहन से पहले हनुमान जी इसमें आग लगाएंगे। इसके अलावा इस बार रावण को विशेष मुकुट पहनने का मौका मिलेगा।
पुतले बनाने के कार्य में जुटे कारीगर इश्तियाक ने बताया कि वे छह वर्षों से यहां आ रहे हैं। हर बार पुतले के सिर के साथ ही मुकुट जैसा डिजाइन बनाया जाता था, लेकिन इस बार विशेष रूप से बांस का अलग से मुकुट बनाया जा रहा है, जो रावण के सिर पर फिट किया जाएगा। रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के तीनों पुतलों ने करीब 300 किलोग्राम खाकी पेपर लगेगा जिसे पुतले चारों ओर से ढंके जाते हैं। इसके अलावा 100 किलो रंगीन पेपर का प्रयोग होगा, चेहरों पर अलग-अलग रंग का प्रयोग किया जाएगा। पुतला बनाने के लिए हापुड़ से बांस मंगवाया है। तीनों पुतलों के लिए 500 किलो बांस आया है। साथ ही इन्हें जलाने के लिए 200 बम एक पुतले में लगेंगे। रावण का पुतला 80 फीट और मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले 70-70 फीट के बनाए जा रहे हैं।