मां सुबह से देर रात तक घर के कामों में जुटी रहती। फिर भी पापा अक्सर ताना मार ही देते कि तुम काम ही क्या करती हो। मां ने इस ताने को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया था, कभी पलटकर अपने कामों को नहीं गिनाया। लेकिन उस मासूम के मन पर ये ताना हथौड़ी की चोट सा प्रहार करता था। ये प्रहार तब और घातक हो गया, जब मां हमेशा के लिए ये दुनिया छोड़कर चली गई। इसके बाद 10 साल की उम्र में अनुजथ सिंधु विनयलाल ने अपनी मां के दैनिक कार्यों को पेंटिंग के जरिए न केवल अपने पिता को बल्कि दुनिया भर को बताया। अनुजथ की पेंटिंग इतनी प्रभावशाली है कि बनाने के चार साल बाद यानी 2021 के केंद्रीय बजट के कवर पर जगह दी गई।