न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अलवर
Updated Sat, 01 Dec 2018 10:06 AM IST
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हनुमान को लेकर दिए बयानों के बाद से विवादो में हैं। योगी ने जहां हनुमान जी को दलित बताया था वहीं केंद्रीय मंत्री ने उनकी जाति खोज निकाली है। राजस्थान के अलवर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचे मानव संसाधन राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने शुक्रवार तो कहा कि हनुमान दलित नहीं बल्कि आर्य थे।
सिंह ने कहा, 'भगवान राम और हनुमान जी के युग में इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी। कोई दलित, वंचित, शोषित नहीं था। वाल्मिकी रामायण और रामचरितमानस को अगर आप पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि उस समय कोई जाति-व्यवस्था नहीं थी। हनुमान जी आर्य थे। इस बात को मैंने स्पष्ट किया है, उस समय आर्य जाति थी और हनुमान जी उसी आर्य जाति के महापुरुष थे।'
हालांकि सत्यपाल सिंह ने कहा कि वह योगी के हनुमान को दलित बताने के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। बता दें कि अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित बताया था। योगी ने कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो खुद वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं।
योगी के इस बयान पर राजस्थान ब्राह्मण सभा की त्योरियां चढ़ गई थीं। ब्राह्मण सभा ने सीएम योगी पर हनुमान को जातियों में बांटने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही उन्हें कानूनी नोटिस भी भेजा गया था। वहीं गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में योगी के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। शिकायतकर्ता वकील त्रिलोक चंद्र दिवाकर ने परिवाद में कहा है कि बुधवार को राजस्थान के अलवर जनपद में हुई एक चुनावी सभा में योगी आदित्य नाथ ने भगवान हनुमान को दलित बताकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हनुमान को लेकर दिए बयानों के बाद से विवादो में हैं। योगी ने जहां हनुमान जी को दलित बताया था वहीं केंद्रीय मंत्री ने उनकी जाति खोज निकाली है। राजस्थान के अलवर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचे मानव संसाधन राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने शुक्रवार तो कहा कि हनुमान दलित नहीं बल्कि आर्य थे।
सिंह ने कहा, 'भगवान राम और हनुमान जी के युग में इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी। कोई दलित, वंचित, शोषित नहीं था। वाल्मिकी रामायण और रामचरितमानस को अगर आप पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि उस समय कोई जाति-व्यवस्था नहीं थी। हनुमान जी आर्य थे। इस बात को मैंने स्पष्ट किया है, उस समय आर्य जाति थी और हनुमान जी उसी आर्य जाति के महापुरुष थे।'
हालांकि सत्यपाल सिंह ने कहा कि वह योगी के हनुमान को दलित बताने के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। बता दें कि अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित बताया था। योगी ने कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो खुद वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं।
योगी के इस बयान पर राजस्थान ब्राह्मण सभा की त्योरियां चढ़ गई थीं। ब्राह्मण सभा ने सीएम योगी पर हनुमान को जातियों में बांटने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही उन्हें कानूनी नोटिस भी भेजा गया था। वहीं गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में योगी के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। शिकायतकर्ता वकील त्रिलोक चंद्र दिवाकर ने परिवाद में कहा है कि बुधवार को राजस्थान के अलवर जनपद में हुई एक चुनावी सभा में योगी आदित्य नाथ ने भगवान हनुमान को दलित बताकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई।