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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को सरकार का तख्ता पलट की कोशिश में घेरने और इसकी जद में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को लेने के बाद इस लड़ाई को लेकर प्रधानमंत्री के दरबार में पहुंच गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनका ध्यान जनता द्वारा चुनी लोकतांत्रिक सरकार को गिराने, हार्स ट्रेडिंग के जरिए भाजपा द्वारा सरकार बनाने की तरफ आकृष्ट कराया है। इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने कर्नाटक, म.प्र. में राज्य सरकारों को अपदस्थ करने के बाद राजस्थान में जारी प्रयास का उल्लेख किया है।
अशोक गहलोत की इस कोशिश को राजस्थान में सरकार गिराने के प्रयास को राष्ट्रीय रंग देना है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं के अनुसार एक केन्द्रीय मंत्री विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल हैं। राजस्थान पुलिस की एसओजी ने इसके बाबत मामला दर्ज कर लिया है। इसलिए इस मामले में अब केन्द्र सरकार की जवाबदेही बनती है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला भी गजेन्द्र सिंह शेखावत की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं।
केन्द्रीय मंत्री शेखावत, विधायक भंवर लाल शर्मा और हमारे नेता भी शामिल
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान की सरकार को अपदस्थ करने में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत कुछ भाजपा नेता, राजस्थान की भैरो सिंह शेखावत सरकार को पूर्व में गिराने का प्रयास करने वाले विधायक भंवर लाल शर्मा समेत कई हमारे(कांग्रेस) नेता शामिल हैं। अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने भैरो सिंह शेखावत की सरकार गिराने का विरोध किया था। क्योंकि लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान था। अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री का ध्यान दिलाते हुए पत्र में कहा है कि चुनी हुई सरकार को विधायकों की खरीद फरोख्त करके गिराना जनता का, संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए ऐसे प्रयास को विफल कर दिया है और उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
सार
- अशोक गहलोत ने खेला राजनीति का दांव, राष्ट्रीय मुद्दा बनाने में जुटे
- हार्स ट्रेडिंग, चुनी सरकार गिराना कौन सी संस्कृति
विस्तार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को सरकार का तख्ता पलट की कोशिश में घेरने और इसकी जद में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को लेने के बाद इस लड़ाई को लेकर प्रधानमंत्री के दरबार में पहुंच गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर उनका ध्यान जनता द्वारा चुनी लोकतांत्रिक सरकार को गिराने, हार्स ट्रेडिंग के जरिए भाजपा द्वारा सरकार बनाने की तरफ आकृष्ट कराया है। इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने कर्नाटक, म.प्र. में राज्य सरकारों को अपदस्थ करने के बाद राजस्थान में जारी प्रयास का उल्लेख किया है।
अशोक गहलोत की इस कोशिश को राजस्थान में सरकार गिराने के प्रयास को राष्ट्रीय रंग देना है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं के अनुसार एक केन्द्रीय मंत्री विधायकों की खरीद फरोख्त में शामिल हैं। राजस्थान पुलिस की एसओजी ने इसके बाबत मामला दर्ज कर लिया है। इसलिए इस मामले में अब केन्द्र सरकार की जवाबदेही बनती है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला भी गजेन्द्र सिंह शेखावत की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं।
केन्द्रीय मंत्री शेखावत, विधायक भंवर लाल शर्मा और हमारे नेता भी शामिल
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान की सरकार को अपदस्थ करने में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत समेत कुछ भाजपा नेता, राजस्थान की भैरो सिंह शेखावत सरकार को पूर्व में गिराने का प्रयास करने वाले विधायक भंवर लाल शर्मा समेत कई हमारे(कांग्रेस) नेता शामिल हैं। अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने भैरो सिंह शेखावत की सरकार गिराने का विरोध किया था। क्योंकि लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान था। अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री का ध्यान दिलाते हुए पत्र में कहा है कि चुनी हुई सरकार को विधायकों की खरीद फरोख्त करके गिराना जनता का, संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान सरकार ने सतर्कता दिखाते हुए ऐसे प्रयास को विफल कर दिया है और उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।