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गोएयर के एक विमान की बंगलूरू एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग हुई है। टेकऑफ के बाद विमान के इंजन में तकनीकी खराबी आ गई थी। शनिवार को विमान ने पुणे के लिए उड़ान भरी थी। बताया जा रहा है कि फ्लाइट जी8-283 के ऊंचाई पर पहुंचने के बाद पता चला कि उसके एक इंजन में अचानक खराबी आ गई है। हालांकि पायटल ने बाद में सूझबूझ दिखाई और विमान को दूसरे इंजन के सहारे सुरक्षित लैंड कराया।
रविवार को गोएयर ने कहा, 'तकनीकी खराबी के बाद कैप्टन विमान को वापस बंगलूरू एयरपोर्ट ले आए। विमान की लैंडिंग के बाद यात्रियों को दूसरी फ्लाइट मुहैया कराई गई। लोगों को हुई असुविधा के लिए खेद है।'
पायलटों को अलार्म के जरिए पहले इंजन के खराब होने के बारे में पता चला। फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराने के लिए पायलटों ने पहले इंजन को आसमान में ही बंद कर दिया। हाल ही में डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एविएशन मिनिस्ट्री को एक रिपोर्ट सौंपी थी।
जिसमें कहा गया है कि ए320 नियो इंजनों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अब इस घटना के सामने आने के बाद सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। बता दें डीजीसीए ने अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है जिससे ऐसी फ्लाइटों की उड़ानों को रोका जा सके, जिनके इंजनों की गुणवत्ता पर संदेह है।
गोएयर के एक विमान की बंगलूरू एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग हुई है। टेकऑफ के बाद विमान के इंजन में तकनीकी खराबी आ गई थी। शनिवार को विमान ने पुणे के लिए उड़ान भरी थी। बताया जा रहा है कि फ्लाइट जी8-283 के ऊंचाई पर पहुंचने के बाद पता चला कि उसके एक इंजन में अचानक खराबी आ गई है। हालांकि पायटल ने बाद में सूझबूझ दिखाई और विमान को दूसरे इंजन के सहारे सुरक्षित लैंड कराया।
रविवार को गोएयर ने कहा, 'तकनीकी खराबी के बाद कैप्टन विमान को वापस बंगलूरू एयरपोर्ट ले आए। विमान की लैंडिंग के बाद यात्रियों को दूसरी फ्लाइट मुहैया कराई गई। लोगों को हुई असुविधा के लिए खेद है।'
पायलटों को अलार्म के जरिए पहले इंजन के खराब होने के बारे में पता चला। फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराने के लिए पायलटों ने पहले इंजन को आसमान में ही बंद कर दिया। हाल ही में डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एविएशन मिनिस्ट्री को एक रिपोर्ट सौंपी थी।
जिसमें कहा गया है कि ए320 नियो इंजनों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अब इस घटना के सामने आने के बाद सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। बता दें डीजीसीए ने अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है जिससे ऐसी फ्लाइटों की उड़ानों को रोका जा सके, जिनके इंजनों की गुणवत्ता पर संदेह है।