सरकार से मिले नए प्रस्तावों को संयुक्त किसान मोर्चा ने सिरे से खारिज कर दिया। सरकार से 11 वें दौर की वार्ता से पहले बृहस्पतिवार को आंदोलनकारी किसान संगठनों की दो दौर में दिन भर मैराथन बैठक चली। दसवें दौर की वार्ता में सरकार से मिले नए सकारात्मक प्रस्तावों को पहले पंजाब के किसान संगठनों और बाद में संयुक्त किसान मोर्चा ने खारिज कर दिया।
संयुक्त किसान मोर्चा की आमसभा ने सरकार की ओर से मिले डेढ़ साल तक तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक और नई कमेटी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा ने दोहराया कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनत्तम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी से कम कुछ भी मंजूर नहीं। किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने बताया कि आंदोलन में शहीद किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
इससे पहले दोपहर तक चली बैठक में पंजाब के सभी 32 किसान संगठनों ने सरकार के नए प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। पंजाब के किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के अमल पर डेढ़ साल की रोक और कमेटी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। शुक्रवार को होने वाली वार्ता में सरकार को इस फैसले से अवगत कराया जाएगा।
ट्रैक्टर रैली पर कायम
संयुक्त किसान मोर्चा 26 जनवरी को हर हाल में दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़ा है। दिल्ली पुलिस ने केएमपी और फेरिफेरल एक्सप्रेस वे का विकल्प दिया, जिसे किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। अब 22 जनवरी को सरकार से वार्ता के बाद किसान संगठनों की दिल्ली पुलिस से ट्रैक्टर रैली के रोडमैप पर बैठक प्रस्तावित है। कई राज्यों में 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली की तैयारियां जोरों पर हैं। 23 को नेताजी जयंती पर आजाद हिंद किसान दिवस मनाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से 10 किसान संगठन मिले
उधर, सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने बृहस्पतिवार को कृषि कानूनों के समर्थक दस किसान संगठन पहुंचे। कानूनों को रद्द करने के बजाय बदलाव की मांग रखी। इस कमेटी के सामने आंदोलनकारी किसान संगठनों ने पहले से ही शामिल न होने का एलान कर रखा है।
विस्तार
सरकार से मिले नए प्रस्तावों को संयुक्त किसान मोर्चा ने सिरे से खारिज कर दिया। सरकार से 11 वें दौर की वार्ता से पहले बृहस्पतिवार को आंदोलनकारी किसान संगठनों की दो दौर में दिन भर मैराथन बैठक चली। दसवें दौर की वार्ता में सरकार से मिले नए सकारात्मक प्रस्तावों को पहले पंजाब के किसान संगठनों और बाद में संयुक्त किसान मोर्चा ने खारिज कर दिया।
संयुक्त किसान मोर्चा की आमसभा ने सरकार की ओर से मिले डेढ़ साल तक तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक और नई कमेटी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा ने दोहराया कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनत्तम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी से कम कुछ भी मंजूर नहीं। किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने बताया कि आंदोलन में शहीद किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
इससे पहले दोपहर तक चली बैठक में पंजाब के सभी 32 किसान संगठनों ने सरकार के नए प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। पंजाब के किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के अमल पर डेढ़ साल की रोक और कमेटी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। शुक्रवार को होने वाली वार्ता में सरकार को इस फैसले से अवगत कराया जाएगा।
ट्रैक्टर रैली पर कायम
संयुक्त किसान मोर्चा 26 जनवरी को हर हाल में दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़ा है। दिल्ली पुलिस ने केएमपी और फेरिफेरल एक्सप्रेस वे का विकल्प दिया, जिसे किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। अब 22 जनवरी को सरकार से वार्ता के बाद किसान संगठनों की दिल्ली पुलिस से ट्रैक्टर रैली के रोडमैप पर बैठक प्रस्तावित है। कई राज्यों में 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली की तैयारियां जोरों पर हैं। 23 को नेताजी जयंती पर आजाद हिंद किसान दिवस मनाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से 10 किसान संगठन मिले
उधर, सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के सामने बृहस्पतिवार को कृषि कानूनों के समर्थक दस किसान संगठन पहुंचे। कानूनों को रद्द करने के बजाय बदलाव की मांग रखी। इस कमेटी के सामने आंदोलनकारी किसान संगठनों ने पहले से ही शामिल न होने का एलान कर रखा है।