जेपी आंदोलन से सुर्खियों में आए जगत प्रकाश नड्डा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी के निर्विरोध 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। वह अमित शाह की जगह लेंगे। नड्डा अभी तक भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष थे। निर्वाचन अधिकारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह ने नड्डा के नाम की आधिकारिक घोषणा की।
जेपी नड्डा 1977 से 1979 तक तत्कालीन बिहार (वर्तमान में झारखंड) के रांची में रहे। उनके पिता रांची विश्वविद्यालय के कुलपति व पटना विवि के प्रोफेसर थे। 1975 में जेपी आंदोलन में भाग लेने के बाद जगत प्रकाश नड्डा बिहार में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। 1977 में छात्र संघ का चुनाव लड़ा और सचिव बने। पटना से स्नातक के बाद नड्डा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की। 1983 में पहली बार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में वह विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष चुने गए।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने वाले जगत प्रकाश नड्डा 1993 में हिमाचल विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद भाजपा विधायक दल के नेता बने थे। 1998 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद नड्डा को पार्टी हिमाचल का सीएम बनाना चाह रही थी, लेकिन उनके पीछे हटने से प्रेम कुमार धूमल का नाम प्रस्तावित किया गया। 2009 में मंत्री पद छोड़कर वह दिल्ली चले आए।
भारतीय जनता पार्टी जनसंघ से अलग होकर 1980 में अस्तित्व में आई थी। 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ का गठन किया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी से भेंट की इसके बाद जनसंघ के निमार्ण की प्रक्रिया मई 1951 में शुरू हुई और 21 अक्टूबर 1951 को जनसंघ का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में अखिल भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई। आज जनसंघ से अलग होकर बनी भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। 1980 से अब तक कौन-कौन बने इस पार्टी के अध्यक्ष बने जानने के लिए अगली स्लाइड पर क्लिक करें....