शशिधर पाठक, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 25 Dec 2018 01:13 PM IST
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पवन-पुत्र हनुमान की हर रोज नई जाति सामने आ रही है। दलित, जाट, ब्राह्मण....न जाने क्या, क्या? हनुमान जी की यह जाति उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर भाजपा के कई नेता और मंत्री बता रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार, आईजीएनसीए के चेयरमैन राम बहादुर राय ने ऐसे लोगों के लिए ईश्वर सद्बुद्धि मांगी है। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े डा. राम विलास वेदांती इस तरह के बयान बेहद आहत हैं। हनुमान भक्त और ज्योतिष राजीव नरायन शर्मा इस तरह के बयान बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वहीं महरौली स्थित रासायनी बाबा का कहना है कि याद रखिए, हनुमान जी ने रावण की सोने की लंका जला दी थी।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व महासचिव और वरिष्ठ नेता का कहना है कि वह इस तरह से वोट के लिए स्तर गिराकर दिए बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। उनका कहना है कि ऐसी ओछी टिप्पणियों पर बोलना भी भगवान का अपमान ही है। यह भाजपा के नेताओं के लिए रहने दीजिए। राम बहादुर राय कहते हैं कि उन्हें इस तरह का बयान देने वालों की बुद्धि पर तरस आता है। परमात्मा की जाति बख्श दी जानी चाहिए। राय ने कहा कि मैं ईश्वर से यही प्रार्थना कर सकता हूं कि वह ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे। बनारस के काशीविश्वनाथ मंदिर के शीर्ष पुजारियों में एक (नाम न छापने की शर्त) का कहना है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि।
क्या थे हनुमान जी
उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार हनुमान जी दलित थे। योगी ने हनुमान जी की यह जाति एक चुनावी जनसभा में बताई थी। केन्द्र सरकार में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने बताया कि हनुमान जी आर्य थे। उ.प्र. सरकार के धार्मिक कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के अनुसार हनुमान जी जाट थे। उन्होंने व्याख्या भी की। कहा जो दूसरे के फटे में टांग अड़ाए, वह जाट ही हो सकता है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के अध्यक्ष नंनद कुमार साय ने हनुमान जी को आदिवासी बताया। भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले ने कहा कि वह दलित थे। इसलिए उन्हें बंदर का रूप दिया गया। बहराइच की सांसद के अनुसार हनुमान जी मनुवादी लोगों के गुलाम थे। उ.प्र. सरकार के मंत्री चेतन चौहान ने हनुमान जी को खिलाड़ी बताया। चेतन चौहान ने तर्क दिया कि हनुमान जी कुश्ती लड़ते थे और अखाड़ों में उनकी तस्वीर रहती है। इससे पहलवानों को ऊर्जा मिलती है। उ.प्र. सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त रघुराज प्रताप सिंह राजा भैय्या ने उन्हें ठाकुर बताया। रघुराज प्रताप दो कदम आगे निकल गए। उन्होंने राम और कृष्ण के साथ-साथ ऋषि मुनियों को भी ठाकुर बताया। तो लोकदल के सुनील सिंह ने हनुमान जी को किसान बताया है। भाजपा में शामिल बुक्कल नवाब ने उन्हें मुसलमान थे।
तहसीलदार बताएं, किस जाति के थे हनुमान
उ.प्र. के बनारस मंडल के एक तहसीलदार ने फोन पर बताया कि उनके पास अर्जी आई है। इसमें हनुमान जी की जाति पूछी गई है। तहसीलदार को पत्र लिखकर आवेदन किया गया है कि वह हनुमान जी का जाति प्रमाण पत्र जारी करें। अलीगढ़ में राष्ट्रवादी समान अधिकार समिति के जिला पदाधिकारी निशांत चौहान ने बाकायदा फार्म भरकर तहसीलदार कार्यलय से हनुमान जी की जाति पूछी है। वाराणसी में शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने भी हनुमान जी की जाति जानने के लिए इस तरह का आवेदन दिया है।
अज्ञानी कर रहे अनर्गल प्रलाप
रासायनी बाबा ने कहा कि भाजपा के नेताओं को हनुमान जी को इस तरह की ओछी बाते बंद कर देनी चाहिए। वह भगवान हैं और हनुमान जी के बारे में जानना चाहिए। उन्होंने अकेले रावण की लंका जलाकर भस्म कर दी थी। डा. राम विलास वेदांती का कहना है कि अज्ञानी लोगों को ऐसा अनर्गल प्रलाप बंद कर देना चाहिए। वेदांती ने कहा कि साधु-संत समाज को छोडि़ए, इससे आम आदमी में भयानक आक्रोश है। हनुमान जी में लोगों की आस्था है। उनके बारे में हमें आज यह सुनना पड़े? वेदांती का कहना है कि यह बात एक राज्य का मुख्यमंत्री कह रहा है। हनुमान जी राजनीति की विषयवस्तु बन रहे हैं? हमें सोचना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं। वेदांती भी मान रहे हैं बौखलाहट में हमारी राजननीतिक भाषा बिगड़ रही है। वेदांती का कहना है कि यही हाल रहा तो 2019 के लोकसभा चुनाव में हुनमान जी भाजपा को अपनी ताकत का एहसास करा सकते हैं।
पवन-पुत्र हनुमान की हर रोज नई जाति सामने आ रही है। दलित, जाट, ब्राह्मण....न जाने क्या, क्या? हनुमान जी की यह जाति उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर भाजपा के कई नेता और मंत्री बता रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार, आईजीएनसीए के चेयरमैन राम बहादुर राय ने ऐसे लोगों के लिए ईश्वर सद्बुद्धि मांगी है। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े डा. राम विलास वेदांती इस तरह के बयान बेहद आहत हैं। हनुमान भक्त और ज्योतिष राजीव नरायन शर्मा इस तरह के बयान बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वहीं महरौली स्थित रासायनी बाबा का कहना है कि याद रखिए, हनुमान जी ने रावण की सोने की लंका जला दी थी।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व महासचिव और वरिष्ठ नेता का कहना है कि वह इस तरह से वोट के लिए स्तर गिराकर दिए बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। उनका कहना है कि ऐसी ओछी टिप्पणियों पर बोलना भी भगवान का अपमान ही है। यह भाजपा के नेताओं के लिए रहने दीजिए। राम बहादुर राय कहते हैं कि उन्हें इस तरह का बयान देने वालों की बुद्धि पर तरस आता है। परमात्मा की जाति बख्श दी जानी चाहिए। राय ने कहा कि मैं ईश्वर से यही प्रार्थना कर सकता हूं कि वह ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे। बनारस के काशीविश्वनाथ मंदिर के शीर्ष पुजारियों में एक (नाम न छापने की शर्त) का कहना है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि।
क्या थे हनुमान जी
उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार हनुमान जी दलित थे। योगी ने हनुमान जी की यह जाति एक चुनावी जनसभा में बताई थी। केन्द्र सरकार में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने बताया कि हनुमान जी आर्य थे। उ.प्र. सरकार के धार्मिक कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के अनुसार हनुमान जी जाट थे। उन्होंने व्याख्या भी की। कहा जो दूसरे के फटे में टांग अड़ाए, वह जाट ही हो सकता है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के अध्यक्ष नंनद कुमार साय ने हनुमान जी को आदिवासी बताया। भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले ने कहा कि वह दलित थे। इसलिए उन्हें बंदर का रूप दिया गया। बहराइच की सांसद के अनुसार हनुमान जी मनुवादी लोगों के गुलाम थे। उ.प्र. सरकार के मंत्री चेतन चौहान ने हनुमान जी को खिलाड़ी बताया। चेतन चौहान ने तर्क दिया कि हनुमान जी कुश्ती लड़ते थे और अखाड़ों में उनकी तस्वीर रहती है। इससे पहलवानों को ऊर्जा मिलती है। उ.प्र. सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त रघुराज प्रताप सिंह राजा भैय्या ने उन्हें ठाकुर बताया। रघुराज प्रताप दो कदम आगे निकल गए। उन्होंने राम और कृष्ण के साथ-साथ ऋषि मुनियों को भी ठाकुर बताया। तो लोकदल के सुनील सिंह ने हनुमान जी को किसान बताया है। भाजपा में शामिल बुक्कल नवाब ने उन्हें मुसलमान थे।
तहसीलदार बताएं, किस जाति के थे हनुमान
उ.प्र. के बनारस मंडल के एक तहसीलदार ने फोन पर बताया कि उनके पास अर्जी आई है। इसमें हनुमान जी की जाति पूछी गई है। तहसीलदार को पत्र लिखकर आवेदन किया गया है कि वह हनुमान जी का जाति प्रमाण पत्र जारी करें। अलीगढ़ में राष्ट्रवादी समान अधिकार समिति के जिला पदाधिकारी निशांत चौहान ने बाकायदा फार्म भरकर तहसीलदार कार्यलय से हनुमान जी की जाति पूछी है। वाराणसी में शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने भी हनुमान जी की जाति जानने के लिए इस तरह का आवेदन दिया है।
अज्ञानी कर रहे अनर्गल प्रलाप
रासायनी बाबा ने कहा कि भाजपा के नेताओं को हनुमान जी को इस तरह की ओछी बाते बंद कर देनी चाहिए। वह भगवान हैं और हनुमान जी के बारे में जानना चाहिए। उन्होंने अकेले रावण की लंका जलाकर भस्म कर दी थी। डा. राम विलास वेदांती का कहना है कि अज्ञानी लोगों को ऐसा अनर्गल प्रलाप बंद कर देना चाहिए। वेदांती ने कहा कि साधु-संत समाज को छोडि़ए, इससे आम आदमी में भयानक आक्रोश है। हनुमान जी में लोगों की आस्था है। उनके बारे में हमें आज यह सुनना पड़े? वेदांती का कहना है कि यह बात एक राज्य का मुख्यमंत्री कह रहा है। हनुमान जी राजनीति की विषयवस्तु बन रहे हैं? हमें सोचना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं। वेदांती भी मान रहे हैं बौखलाहट में हमारी राजननीतिक भाषा बिगड़ रही है। वेदांती का कहना है कि यही हाल रहा तो 2019 के लोकसभा चुनाव में हुनमान जी भाजपा को अपनी ताकत का एहसास करा सकते हैं।