न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 20 Jun 2020 01:46 PM IST
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पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में भारत और चीन के बीच हुई सैन्य झड़प के बाद विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने पूछा है कि क्या सरकार समूची गलवां घाटी पर चीन के दावे को खारिज करेगी। उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) मुद्दे पर प्रधानमंत्री की टिप्पणियों से असल में हर कोई चकित एवं हतप्रभ है।
चिदंबरम ने कहा, 'सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी बाहरी व्यक्ति लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के अंदर नहीं आया था। यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री का बयान सेना प्रमुख, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री द्वारा दिए गए पहले के बयानों के विपरीत है। यदि किसी चीनी सैनिक ने एलएसी पार नहीं की और हमारे क्षेत्र में नहीं है, तो 5-6 मई को हुआ गतिरोध क्या था? वह कौन सी समस्या थी जिस पर भारतीय कमांडर अपने चीनी समकक्षों से बात कर रहे थे? भारत और चीन के कॉर्प्स कमांडरों की वार्ता का विषय क्या था?'
यह भी प़ढ़ें-राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, पूछा- भूमि चीनी थी तो क्यों मारे गए हमारे सैनिक
कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमें जितना संभव हो उतना आत्मनिर्भर बनना चाहिए लेकिन हम बाकी दुनिया से अलग नहीं हो सकते। भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना जारी रखना चाहिए और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं करना चाहिए। भारत के साथ चीनी व्यापार का कौन सा हिस्सा चीन का विश्व व्यापार है? यह एक भाग है। इसलिए चीनी सामानों का बहिष्कार करने से चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होगा। जब हम भारत की रक्षा जैसे बहुत गंभीर मामलों पर चर्चा कर रहे हैं तो हमें बहिष्कार जैसे मुद्दों को नहीं लाना चाहिए।'
पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में भारत और चीन के बीच हुई सैन्य झड़प के बाद विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने पूछा है कि क्या सरकार समूची गलवां घाटी पर चीन के दावे को खारिज करेगी। उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) मुद्दे पर प्रधानमंत्री की टिप्पणियों से असल में हर कोई चकित एवं हतप्रभ है।
चिदंबरम ने कहा, 'सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी बाहरी व्यक्ति लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के अंदर नहीं आया था। यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री का बयान सेना प्रमुख, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री द्वारा दिए गए पहले के बयानों के विपरीत है। यदि किसी चीनी सैनिक ने एलएसी पार नहीं की और हमारे क्षेत्र में नहीं है, तो 5-6 मई को हुआ गतिरोध क्या था? वह कौन सी समस्या थी जिस पर भारतीय कमांडर अपने चीनी समकक्षों से बात कर रहे थे? भारत और चीन के कॉर्प्स कमांडरों की वार्ता का विषय क्या था?'
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कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमें जितना संभव हो उतना आत्मनिर्भर बनना चाहिए लेकिन हम बाकी दुनिया से अलग नहीं हो सकते। भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना जारी रखना चाहिए और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं करना चाहिए। भारत के साथ चीनी व्यापार का कौन सा हिस्सा चीन का विश्व व्यापार है? यह एक भाग है। इसलिए चीनी सामानों का बहिष्कार करने से चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होगा। जब हम भारत की रक्षा जैसे बहुत गंभीर मामलों पर चर्चा कर रहे हैं तो हमें बहिष्कार जैसे मुद्दों को नहीं लाना चाहिए।'