न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 11 Jul 2020 09:40 PM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
गुजरात में आपसी मतभेदों से जूझ रही कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। पाटीदारों की आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करने के बाद लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय हार्दिक के नाम पर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुहर लगा दी। हार्दिक के अलावा महेंद्र सिंह परमार को आनंद, आनंद चौधरी को सूरत और यासीन गज्जन को भी द्वारका जिले का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। हार्दिक 12 मार्च, 2019 को कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन उस साल उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।
ज्ञात हो कि अगस्त 2015 में अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हार्दिक के नेतृत्व में पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली हुई थी। इसके बाद राज्य के कई इलाकों में तोड़फोड़ और हिंसा हुई थी। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर महीने में हार्दिक पटेल समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद पुलिस ने अपनी चार्जशीट दाखिल की जिसमें हार्दिक और उनके कुछ सहयोगियों पर राज्य में हिंसा फैलाने और चुनी हुई सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। बाद में रैली के दौरान हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर हार्दिक को गिरफ्तार किया था।
गुजरात में आपसी मतभेदों से जूझ रही कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। पाटीदारों की आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करने के बाद लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय हार्दिक के नाम पर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुहर लगा दी। हार्दिक के अलावा महेंद्र सिंह परमार को आनंद, आनंद चौधरी को सूरत और यासीन गज्जन को भी द्वारका जिले का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। हार्दिक 12 मार्च, 2019 को कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन उस साल उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।
ज्ञात हो कि अगस्त 2015 में अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हार्दिक के नेतृत्व में पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली हुई थी। इसके बाद राज्य के कई इलाकों में तोड़फोड़ और हिंसा हुई थी। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर महीने में हार्दिक पटेल समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद पुलिस ने अपनी चार्जशीट दाखिल की जिसमें हार्दिक और उनके कुछ सहयोगियों पर राज्य में हिंसा फैलाने और चुनी हुई सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। बाद में रैली के दौरान हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर हार्दिक को गिरफ्तार किया था।