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देश में बढ़ रहे जातिगत संघर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बेहद चिंतित है। हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी और हरियाणा में उठी आरक्षण की आग ने संघ को बाबा साहब अंबेडकर और बाला साहब देवरस की शरण में जाने को मजबूर कर दिया है। दोनों महान व्यक्तियों के समरसता के विचार को संघ ने वर्तमान परिस्थितियों से निपटने का औजार बनाया है। संघ ने अपने वार्षिक बैठक के आयोजन स्थल का नाम भी डॉ. भीम राव अंबेडकर मंडप रखा है।
शुक्रवार से शुरू हुई प्रतिनिधि सभा की बैठक में समरसता पर बेहद जोर है। बैठक के विषयों की जानकारी देते हुए संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि समाज से भेदभाव समाप्त होना चाहिए। समाज में समरसता का भाव पैदा करने के लिए देशभर में प्रयास चल रहे हैं, इन्हें और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश इस वर्ष भीमराव अंबेडकर की 125वीं जन्मशती मना रहा है। बाबा साहब के समाज से छूआछूत मिटाने और सबको बराबरी का हक देने के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।
संघ के तृतीय सर संघचालक बाला साहब देवरस की 100वीं जन्मशती है। उन्होंने भी समाज से छूआछूत को दूर करने का आह्वान किया था। इसके अलावा दक्षिण के महान संत रामानुजाचार्य के जन्म का यह 1000वां वर्ष है। उन्होंने भी समाज से छूआछूत हटाने के लिए अभियान चलाया। कृष्ण गोपाल ने कहा कि यह वर्ष संघ विचारक दीनदयाल की जन्मशती वर्ष है। उन्होंने समाज से भेदभाव दूर करने के लिए ही अंत्योदय की कल्पना की थी। सह सरकार्यवाह के अनुसार संघ इन महापुरुषों के विचार को आगे रखकर समाज में समरसता भाव बढ़ाने का आह्वान करेगा।
इसके लिए प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। पुरानी परंपरा को छोड़ते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत अधिवेशन के समाप्ति से एक दिन पहले ही अपना संबोधन करेंगे। पहले संघ प्रमुख अधिवेशन के अंतिम दिन सभा को संबोधित करते थे। संघ ने सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रस्ताव पारित किया।
आरक्षण व्यवस्था के सवाल पर कृष्ण गोपाल ने कहा कि संविधान में आरक्षण का एक अपना स्थान है। संविधान प्रदत्त आरक्षण का हम समर्थन करते हैं। यह सबको मान्य है। अगर कोई और मामला आएगा तो देखा जाएगा। बैठक में संघ प्रमुख मोहन राव भागवत, सर कार्यवाह भैय्या जी जोशी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, संगठन महामंत्री राम लाल समेत देशभर से संघ के करीब 1350 से ज्यादा अधिकारी भाग ले रहे हैं। शुक्रवार से शुरू हुई यह बैठक रविवार तक चलेगी।
देशभर में संघ शाखाओं की स्थिति बताते हुए कृष्ण गोपाल ने कहा कि देशभर में संघ कार्य में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में ही 5524 शाखाएं और 925 साप्ताहिक मिलन बढ़े है। वर्ष 2012 में संघ की देश में 40922 शाखाएं थीं जो 2015 में बढ़कर 51335 हो गई थी।
2016 में देश में हुए 5524 संघ शाखाओं की बढ़ोतरी के साथ देशभर में कुल शाखाओं की संख्या 56,859 शाखाएं हो गई है। तो देश के कुल 840 जिलों में से 820 में संघ कार्य चल रहा है। देश के 90 प्रतिशत ब्लाकों में संघ की उपस्थिति है। तो देश के 2594 नगरों में से 2406 में संघ का कार्य है।
सार
- आरक्षण का अपना स्थान
- साल भर में बढ़ी संघ की 5500 शाखाएं
- महापुरुषों के समरसता के विचार को समाज में फैलाने के अभियान में लाएंगे तेजी
विस्तार
देश में बढ़ रहे जातिगत संघर्षों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बेहद चिंतित है। हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी और हरियाणा में उठी आरक्षण की आग ने संघ को बाबा साहब अंबेडकर और बाला साहब देवरस की शरण में जाने को मजबूर कर दिया है। दोनों महान व्यक्तियों के समरसता के विचार को संघ ने वर्तमान परिस्थितियों से निपटने का औजार बनाया है। संघ ने अपने वार्षिक बैठक के आयोजन स्थल का नाम भी डॉ. भीम राव अंबेडकर मंडप रखा है।
शुक्रवार से शुरू हुई प्रतिनिधि सभा की बैठक में समरसता पर बेहद जोर है। बैठक के विषयों की जानकारी देते हुए संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि समाज से भेदभाव समाप्त होना चाहिए। समाज में समरसता का भाव पैदा करने के लिए देशभर में प्रयास चल रहे हैं, इन्हें और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश इस वर्ष भीमराव अंबेडकर की 125वीं जन्मशती मना रहा है। बाबा साहब के समाज से छूआछूत मिटाने और सबको बराबरी का हक देने के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।
संघ के तृतीय सर संघचालक बाला साहब देवरस की 100वीं जन्मशती है। उन्होंने भी समाज से छूआछूत को दूर करने का आह्वान किया था। इसके अलावा दक्षिण के महान संत रामानुजाचार्य के जन्म का यह 1000वां वर्ष है। उन्होंने भी समाज से छूआछूत हटाने के लिए अभियान चलाया। कृष्ण गोपाल ने कहा कि यह वर्ष संघ विचारक दीनदयाल की जन्मशती वर्ष है। उन्होंने समाज से भेदभाव दूर करने के लिए ही अंत्योदय की कल्पना की थी। सह सरकार्यवाह के अनुसार संघ इन महापुरुषों के विचार को आगे रखकर समाज में समरसता भाव बढ़ाने का आह्वान करेगा।
इसके लिए प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। पुरानी परंपरा को छोड़ते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत अधिवेशन के समाप्ति से एक दिन पहले ही अपना संबोधन करेंगे। पहले संघ प्रमुख अधिवेशन के अंतिम दिन सभा को संबोधित करते थे। संघ ने सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रस्ताव पारित किया।
आरक्षण का अपना स्थान
साल भर में बढ़ी संघ की 5500 शाखाएं
- फोटो : Rashtriya Swayamsevak Sangh FB Page
आरक्षण व्यवस्था के सवाल पर कृष्ण गोपाल ने कहा कि संविधान में आरक्षण का एक अपना स्थान है। संविधान प्रदत्त आरक्षण का हम समर्थन करते हैं। यह सबको मान्य है। अगर कोई और मामला आएगा तो देखा जाएगा। बैठक में संघ प्रमुख मोहन राव भागवत, सर कार्यवाह भैय्या जी जोशी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, संगठन महामंत्री राम लाल समेत देशभर से संघ के करीब 1350 से ज्यादा अधिकारी भाग ले रहे हैं। शुक्रवार से शुरू हुई यह बैठक रविवार तक चलेगी।
देशभर में संघ शाखाओं की स्थिति बताते हुए कृष्ण गोपाल ने कहा कि देशभर में संघ कार्य में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में ही 5524 शाखाएं और 925 साप्ताहिक मिलन बढ़े है। वर्ष 2012 में संघ की देश में 40922 शाखाएं थीं जो 2015 में बढ़कर 51335 हो गई थी।
2016 में देश में हुए 5524 संघ शाखाओं की बढ़ोतरी के साथ देशभर में कुल शाखाओं की संख्या 56,859 शाखाएं हो गई है। तो देश के कुल 840 जिलों में से 820 में संघ कार्य चल रहा है। देश के 90 प्रतिशत ब्लाकों में संघ की उपस्थिति है। तो देश के 2594 नगरों में से 2406 में संघ का कार्य है।