न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 01 Dec 2020 03:51 AM IST
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भारत को छोड़कर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के बाकी सभी सदस्य देशों ने सोमवार को हुई ऑनलाइन बैठक के दौरान एक बार फिर चीन की महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट, वन रोड' (ओबीओआर) परियोजना का समर्थन किया।
भारत कई बार 50 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर अपना विरोध जता चुका है जोकि ओबीओआर परियोजना का हिस्सा है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।
एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की 19वीं बैठक के समापन पर जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पहल के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने बताया कि बैठक में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने हिस्सा लिया जबकि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व विदेश मामलों की संसदीय सचिव ने किया। भारत की मेजबानी में हुई इस ऑनलाइन बैठक को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने संबोधित किया।
भारत को छोड़कर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के बाकी सभी सदस्य देशों ने सोमवार को हुई ऑनलाइन बैठक के दौरान एक बार फिर चीन की महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट, वन रोड' (ओबीओआर) परियोजना का समर्थन किया।
भारत कई बार 50 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर अपना विरोध जता चुका है जोकि ओबीओआर परियोजना का हिस्सा है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।
एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की 19वीं बैठक के समापन पर जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पहल के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने बताया कि बैठक में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने हिस्सा लिया जबकि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व विदेश मामलों की संसदीय सचिव ने किया। भारत की मेजबानी में हुई इस ऑनलाइन बैठक को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने संबोधित किया।