न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Sun, 29 Nov 2020 09:03 AM IST
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महाराष्ट्र में 'महाविकास अघाड़ी' के गठबंधन ने सत्ता संभाली हुई है। कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के गठजोड़ से बने महाविकास अघाड़ी में शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाल रहे हैं। वहीं, शिवसेना के राज्यसभा सदस्य और पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम 'रोकटोक' में महाविकास अघाड़ी के गठन के वक्त हुई गतिविधियों का खुलासा किया है।
स्पीकर पद को लेकर हुई खड़गे और पवार में बहस
संजय राउत ने अपने कॉलम में लिखा है कि मुंबई के नेहरू सेंटर में महाविकास अघाड़ी की बैठक चल रही थी। इस बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और तत्कालीन कांग्रेस प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। खड़गे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद किसे मिलना चाहिए और एनसीपी को क्या हासिल हो रहा है। इस सवाल पर दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच कहासुनी हो गई। खड़गे ने विधानसभा अध्यक्ष का पद एनसीपी को दिए जाने पर आपत्ति जताई, जिसे लेकर पवार भड़क गए और बैठक से बाहर निकल गए। हालांकि, बाद में संजय राउत और प्रफुल्ल पटेल ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस बैठक में शामिल किया।
मोबाइल में व्यस्त रहे अजित पवार, अगली सुबह बने उपमुख्यमंत्री
राउत ने लिखा है कि जिस दौरान देश के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच कहासुनी हो रही थी, उस दौरान अजित पवार अपने मोबाइल में व्यस्त थे। अजित पवार मोबाइल पर चैटिंग में लगे हुए थे। उनका ध्यान बैठक पर नहीं था। किसी को अंदाजा नहीं हुआ कि वह क्या करने जा रहे हैं। बैठक से निकलते ही उन्होंने फोन बंद कर दिया। अगली सुबह अजित पवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राजभवन में उपमुख्यमंत्री की शपथ दिला रहे थे। बता दें कि एनसीपी में अजित पवार के नेतृत्व में बागियों के गुट ने भाजपा को समर्थन का भरोसा दिलाया था और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई थी, जो बहुमत के अभाव में चंद घंटों में ही गिर गई थी।
भाजपा से गठजोड़ नहीं करना चाहते थे शरद पवार
शिवसेना नेता ने अपने कॉलम में उस खबर का खंडन किया है, जिसमें कहा जा रहा था कि अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए एनसीपी ने पहले से ही तैयार कर ली थी। गृह मंत्री अमित शाह के घर शरद पवार, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बीच बैठक हुई, इसके बाद ही शपथग्रहण का नाटक हुआ। राउत ने लिखा है कि महाविकास अघाड़ी की स्थापना से पहले मेरी दिल्ली में लगातार शरद पवार से मुलाकात हो रही थी। दोनों ही लोग हर घटनाक्रम के बारे में एक-दूसरे को अवगत कराते थे। शरद पवार किसी भी सूरत में भाजपा के साथ गठजोड़ नहीं करना चाहते थे।
पवार ने भाजपा संग सरकार नहीं बनाने की बात पीएम मोदी से कही
संजय राउत ने लिखा है कि शरद पवार को भाजपा लगातार सरकार बनाने का ऑफर दे रही थी, लेकिन वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर भाजपा के संग सरकार नहीं बनाने की बात को कहना चाहते थे। किसानों के मुद्दे पर पवार ने पीएम मोदी संग मुलाकात की और उन्होंने सरकार नहीं बनाने की बात को स्पष्ट भी कर दिया।
महाराष्ट्र में 'महाविकास अघाड़ी' के गठबंधन ने सत्ता संभाली हुई है। कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के गठजोड़ से बने महाविकास अघाड़ी में शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाल रहे हैं। वहीं, शिवसेना के राज्यसभा सदस्य और पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम 'रोकटोक' में महाविकास अघाड़ी के गठन के वक्त हुई गतिविधियों का खुलासा किया है।
स्पीकर पद को लेकर हुई खड़गे और पवार में बहस
संजय राउत ने अपने कॉलम में लिखा है कि मुंबई के नेहरू सेंटर में महाविकास अघाड़ी की बैठक चल रही थी। इस बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और तत्कालीन कांग्रेस प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। खड़गे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद किसे मिलना चाहिए और एनसीपी को क्या हासिल हो रहा है। इस सवाल पर दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच कहासुनी हो गई। खड़गे ने विधानसभा अध्यक्ष का पद एनसीपी को दिए जाने पर आपत्ति जताई, जिसे लेकर पवार भड़क गए और बैठक से बाहर निकल गए। हालांकि, बाद में संजय राउत और प्रफुल्ल पटेल ने उन्हें समझा-बुझाकर वापस बैठक में शामिल किया।
मोबाइल में व्यस्त रहे अजित पवार, अगली सुबह बने उपमुख्यमंत्री
राउत ने लिखा है कि जिस दौरान देश के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच कहासुनी हो रही थी, उस दौरान अजित पवार अपने मोबाइल में व्यस्त थे। अजित पवार मोबाइल पर चैटिंग में लगे हुए थे। उनका ध्यान बैठक पर नहीं था। किसी को अंदाजा नहीं हुआ कि वह क्या करने जा रहे हैं। बैठक से निकलते ही उन्होंने फोन बंद कर दिया। अगली सुबह अजित पवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राजभवन में उपमुख्यमंत्री की शपथ दिला रहे थे। बता दें कि एनसीपी में अजित पवार के नेतृत्व में बागियों के गुट ने भाजपा को समर्थन का भरोसा दिलाया था और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई थी, जो बहुमत के अभाव में चंद घंटों में ही गिर गई थी।
भाजपा से गठजोड़ नहीं करना चाहते थे शरद पवार
शिवसेना नेता ने अपने कॉलम में उस खबर का खंडन किया है, जिसमें कहा जा रहा था कि अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए एनसीपी ने पहले से ही तैयार कर ली थी। गृह मंत्री अमित शाह के घर शरद पवार, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बीच बैठक हुई, इसके बाद ही शपथग्रहण का नाटक हुआ। राउत ने लिखा है कि महाविकास अघाड़ी की स्थापना से पहले मेरी दिल्ली में लगातार शरद पवार से मुलाकात हो रही थी। दोनों ही लोग हर घटनाक्रम के बारे में एक-दूसरे को अवगत कराते थे। शरद पवार किसी भी सूरत में भाजपा के साथ गठजोड़ नहीं करना चाहते थे।
पवार ने भाजपा संग सरकार नहीं बनाने की बात पीएम मोदी से कही
संजय राउत ने लिखा है कि शरद पवार को भाजपा लगातार सरकार बनाने का ऑफर दे रही थी, लेकिन वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर भाजपा के संग सरकार नहीं बनाने की बात को कहना चाहते थे। किसानों के मुद्दे पर पवार ने पीएम मोदी संग मुलाकात की और उन्होंने सरकार नहीं बनाने की बात को स्पष्ट भी कर दिया।