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मशहूर कोरियोग्राफर और डांसर गीता कपूर इस बार कुछ ऐसे प्रतियोगियों की तलाश कर रही हैं जो भारतीय सांस्कृतिक नृत्यों और किसी भी प्रकार के डांस में कुछ नया कर सकें। रियलिटी शो इंडियाज बेस्ट डांसर की जज गीता कपूर से अमर उजाला की खास मुलाकात।
भारत के हर राज्य का अपना एक अलग डांस होता है। तो क्या आपके शो में हमें कुछ देसी भी देखने को मिलेगा?
जब से हमने इस शो के लिए ऑडिशन लेना शुरू किए हैं, तभी से मैं लोगों से कह रही हूं कि आपका जो भी जिस भी प्रकार का डांस है, आप उसे लेकर आइए। लेकिन लोगों के दिमाग में यह बात बैठ चुकी है कि अगर आप कोई क्लासिकल डांस या कोई फोक डांस रियलिटी शो में लेकर जाएंगे तो उसकी जगह वहां नहीं है। लेकिन यह शो वह नहीं है। यह शो हर किस्म की डांसिंग को बढ़ावा देगा।
लोगों में सांस्कृतिक नृत्य के लिए आत्मविश्वास जगाने के लिए क्या किया जा सकता है?
इसके लिए लोगों का नजरिया बदलना बहुत जरूरी है। भारत में डांस के लिए अकादमी और स्कूल तो हर राज्य में बहुत हैं, लेकिन डांस को कोई गंभीरता से नहीं लेता है। सब इसको सिर्फ पैसे बनाने का जरिया समझते हैं। सांस्कृतिक नृत्य के लिए लोगों का नजरिया बदलने वाले सिर्फ गुरु हो सकते हैं जो उन्हें सही और सटीक शिक्षा दे सकते हैं।
कहीं ऐसा तो नहीं है कि लोगों के दिमाग में यह चीज फिट हो गई कि डांसर का कोई भविष्य नहीं है?
ऐसे तो हर समय, हर साल, हर पीढ़ी में एक कोई ऐसा आएगा, जो कहेगा कि हमारे माता-पिता इन सब चीजों में भरोसा नहीं करते हैं। लेकिन मैं आपसे दावे के साथ कह सकती हूं कि बड़े शहरों की अपेक्षा छोटे शहरों से या गांव से लोग ज्यादा आते हैं। वे किसी भी बड़े स्कूल में पढ़ रहे या डांस सीख रहे बच्चे से ज्यादा अच्छा डांस करते हैं। डांस अब छोटे-छोटे शहरों छोटे-छोटे तबकों में पहुंच चुका है। अब डांस में भी करियर है। हम सबका घर उसी से चलता है।
रियलिटी शोज को लेकर इन दिनों ये बात खूब होती है कि सब कुछ फिक्स है। इसमें कितनी सच्चाई है?
हर शो में लोगों को लगता है कि शो फिक्स हो चुका है। शो में पक्षपात किया जा रहा है, क्योंकि लोगों का काम है कहना। अगर आप कोई भी चीज बेईमानी से करते हैं, ईमानदारी नहीं दिखाते हैं, तो लोगों को दिखता है। अगर कोई प्रतियोगी नहीं जीत रहा है, तो ना जीते। जो अच्छा कर रहा है उसे जीतने का मौका मिलना ही चाहिए। इसी बात पर मेरा हमेशा लोगों से झगड़ा होता है। मैं हमेशा कहती हूं कि सब चीजें प्राकृतिक होने दीजिए। कोई भी चीज नकली मत करो।
अक्षय ने फैंस को दी कोरोनोवायरस से बचने की सलाह, पीएम मोदी के उपायों को दिलाया याद
मशहूर कोरियोग्राफर और डांसर गीता कपूर इस बार कुछ ऐसे प्रतियोगियों की तलाश कर रही हैं जो भारतीय सांस्कृतिक नृत्यों और किसी भी प्रकार के डांस में कुछ नया कर सकें। रियलिटी शो इंडियाज बेस्ट डांसर की जज गीता कपूर से अमर उजाला की खास मुलाकात।
भारत के हर राज्य का अपना एक अलग डांस होता है। तो क्या आपके शो में हमें कुछ देसी भी देखने को मिलेगा?
जब से हमने इस शो के लिए ऑडिशन लेना शुरू किए हैं, तभी से मैं लोगों से कह रही हूं कि आपका जो भी जिस भी प्रकार का डांस है, आप उसे लेकर आइए। लेकिन लोगों के दिमाग में यह बात बैठ चुकी है कि अगर आप कोई क्लासिकल डांस या कोई फोक डांस रियलिटी शो में लेकर जाएंगे तो उसकी जगह वहां नहीं है। लेकिन यह शो वह नहीं है। यह शो हर किस्म की डांसिंग को बढ़ावा देगा।
Malaika Arora, Geeta Kapoor and Terence Lewis
- फोटो : Amar Ujala, Mumbai
लोगों में सांस्कृतिक नृत्य के लिए आत्मविश्वास जगाने के लिए क्या किया जा सकता है?
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कहीं ऐसा तो नहीं है कि लोगों के दिमाग में यह चीज फिट हो गई कि डांसर का कोई भविष्य नहीं है?
ऐसे तो हर समय, हर साल, हर पीढ़ी में एक कोई ऐसा आएगा, जो कहेगा कि हमारे माता-पिता इन सब चीजों में भरोसा नहीं करते हैं। लेकिन मैं आपसे दावे के साथ कह सकती हूं कि बड़े शहरों की अपेक्षा छोटे शहरों से या गांव से लोग ज्यादा आते हैं। वे किसी भी बड़े स्कूल में पढ़ रहे या डांस सीख रहे बच्चे से ज्यादा अच्छा डांस करते हैं। डांस अब छोटे-छोटे शहरों छोटे-छोटे तबकों में पहुंच चुका है। अब डांस में भी करियर है। हम सबका घर उसी से चलता है।
Malaika Arora, Geeta Kapoor and Terence Lewis
- फोटो : Amar Ujala, Mumbai
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हर शो में लोगों को लगता है कि शो फिक्स हो चुका है। शो में पक्षपात किया जा रहा है, क्योंकि लोगों का काम है कहना। अगर आप कोई भी चीज बेईमानी से करते हैं, ईमानदारी नहीं दिखाते हैं, तो लोगों को दिखता है। अगर कोई प्रतियोगी नहीं जीत रहा है, तो ना जीते। जो अच्छा कर रहा है उसे जीतने का मौका मिलना ही चाहिए। इसी बात पर मेरा हमेशा लोगों से झगड़ा होता है। मैं हमेशा कहती हूं कि सब चीजें प्राकृतिक होने दीजिए। कोई भी चीज नकली मत करो।
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