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दिल्ली में आम आदमी पार्टी के भीतर चली तमाम उठापटक के बाद कुमार विश्वास को राजस्थान भेजने पर मुहर लग गई है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के स्थान पर विश्वास को अगले वर्ष प्रदेश में होने वाली चुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है।
लेकिन अब सवाल यह है कि क्या राजस्थान कुमार पर विश्वास करेगा या नहीं। वैसे विश्वास का राजस्थान से कई मायनों में नाता है। उनकी पत्नी मंजू शर्मा चित्तौड़गढ़ से है। माना जाता है कि मंजू शर्मा कुमार विश्वास अधिकतर राजनीतिक फैसलों में उनके साथ रहती हैं। बुधवार को अरविंद केजरीवाल के साथ जब विश्वास की मीटिंग हुई तब भी विश्वास को अपनी पत्नी का साथ मिला था। इसके अतिरिक्त जब कुमार विश्वास ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी में चुनाव लड़ा तब भी मंजू शर्मा ने कुमार के लिए जोर—शोर से प्रचार किया था।
इसके अतिरिक्त कुमार की कवि के तौर पर राजस्थान में अच्छी खासी लोकप्रियता है। हाल ही में राजस्थान दिवस के मौके पर जयपुर में आयोजित कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास मुख्य वक्ता थे। लेकिन अपने बचपन के मित्र मनीष सिसोदिया के स्थान पर प्रदेश में पार्टी प्रभारी बने विश्वास के लिए राह आसान नहीं है।
राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि आप के लिए यहां जीत तो दूर की कौड़ी है लेकिन यदि वे राजस्थान में चुनाव को त्रिकोणीय भी बना सके तो उनके लिए यह भी काफी होगा। परंपरागत तौर पर प्रदेश की जनता कांग्रेस और भाजपा में से ही अभी तक चुनती आई है।
इसके अतिरिक्त आप के लिए मुख्य समस्या यह है कि यहां पार्टी का कोई काडर नहीं है। हालांकि आप की स्थापना के शुरुआत दिनों में राजस्थान में भी पार्टी को खड़ा करने को लेकर काफी प्रयास हुए। अरविंद केजरीवाल भी कुछ समय पूर्व जयपुर में एक रैली कर चुके है।
लेकिन पंजाब, गोवा और उसके बाद दिल्ली एमसीडी चुनाव में बुरी तरह से पस्त हुई आप के लिए राजस्थान में विश्वास कितना सहारा बनेंगे यह कहना मुश्किल है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के भीतर चली तमाम उठापटक के बाद कुमार विश्वास को राजस्थान भेजने पर मुहर लग गई है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के स्थान पर विश्वास को अगले वर्ष प्रदेश में होने वाली चुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है।
लेकिन अब सवाल यह है कि क्या राजस्थान कुमार पर विश्वास करेगा या नहीं। वैसे विश्वास का राजस्थान से कई मायनों में नाता है। उनकी पत्नी मंजू शर्मा चित्तौड़गढ़ से है। माना जाता है कि मंजू शर्मा कुमार विश्वास अधिकतर राजनीतिक फैसलों में उनके साथ रहती हैं। बुधवार को अरविंद केजरीवाल के साथ जब विश्वास की मीटिंग हुई तब भी विश्वास को अपनी पत्नी का साथ मिला था। इसके अतिरिक्त जब कुमार विश्वास ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी में चुनाव लड़ा तब भी मंजू शर्मा ने कुमार के लिए जोर—शोर से प्रचार किया था।
इसके अतिरिक्त कुमार की कवि के तौर पर राजस्थान में अच्छी खासी लोकप्रियता है। हाल ही में राजस्थान दिवस के मौके पर जयपुर में आयोजित कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास मुख्य वक्ता थे। लेकिन अपने बचपन के मित्र मनीष सिसोदिया के स्थान पर प्रदेश में पार्टी प्रभारी बने विश्वास के लिए राह आसान नहीं है।
राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि आप के लिए यहां जीत तो दूर की कौड़ी है लेकिन यदि वे राजस्थान में चुनाव को त्रिकोणीय भी बना सके तो उनके लिए यह भी काफी होगा। परंपरागत तौर पर प्रदेश की जनता कांग्रेस और भाजपा में से ही अभी तक चुनती आई है।
इसके अतिरिक्त आप के लिए मुख्य समस्या यह है कि यहां पार्टी का कोई काडर नहीं है। हालांकि आप की स्थापना के शुरुआत दिनों में राजस्थान में भी पार्टी को खड़ा करने को लेकर काफी प्रयास हुए। अरविंद केजरीवाल भी कुछ समय पूर्व जयपुर में एक रैली कर चुके है।
लेकिन पंजाब, गोवा और उसके बाद दिल्ली एमसीडी चुनाव में बुरी तरह से पस्त हुई आप के लिए राजस्थान में विश्वास कितना सहारा बनेंगे यह कहना मुश्किल है।