ईएसआईसी के डिप्टी डीन डॉ. ए. के. पांडे के मुताबिक, 14 दिन के बाद कोरोना से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है, जो दो से ढाई महीने तक बनी रहती है। उन्होंने बताया कि, लेकिन जिन 23 लोगों को दोबारा संक्रमण हुआ है, उनमें से सिर्फ 30 फीसदी लोगों के शरीर में ही एंटीबॉडी बनी है, बाकी बचे 70 फीसदी लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बनी ही नहीं है।