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महिलाओं में स्तन कैंसर जैसी बीमारियां काफी सुनने में आ रही हैं, ऐसे में स्वस्थ्य बने रहने के लिए ये काम करके इस खतरे से बीस फीसद तक कम किया जा सकता है।
स्तनपान करने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर का खतरा कम हो जाता है। साथ ही उनके बच्चों का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
हालिया अंतरराष्ट्रीय शोध में पाया गया कि जो महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान कराती हैं, उनको हार्मोन रिसेप्टर निगेटिव (एचआरएन) स्तन कैंसर का जोखिम 20 फीसदी तक कम हो जाता है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं के मुताबिक एचआरएन स्तन कैंसर बेहद घातक होता है, जिससे महिलाओं की जान भी जा सकती है। आमतौर पर 50 साल से कम उम्र की महिलाओं के इसकी चपेट में आने का खतरा रहता हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि स्तनपान नहीं कराने के अलावा मोटापा और कई बार जल्द गर्भधारण करने की वजह से भी महिलाओं को एचआरएन स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
एनाल्स ऑफ ऑनकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक सभी तरह के स्तन कैंसर पीड़ितों में से करीब 20 फीसदी महिलाएं एचआरएन स्तन कैंसर की शिकार हैं।
महिलाओं में स्तन कैंसर जैसी बीमारियां काफी सुनने में आ रही हैं, ऐसे में स्वस्थ्य बने रहने के लिए ये काम करके इस खतरे से बीस फीसद तक कम किया जा सकता है।
स्तनपान करने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर का खतरा कम हो जाता है। साथ ही उनके बच्चों का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
हालिया अंतरराष्ट्रीय शोध में पाया गया कि जो महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान कराती हैं, उनको हार्मोन रिसेप्टर निगेटिव (एचआरएन) स्तन कैंसर का जोखिम 20 फीसदी तक कम हो जाता है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं के मुताबिक एचआरएन स्तन कैंसर बेहद घातक होता है, जिससे महिलाओं की जान भी जा सकती है। आमतौर पर 50 साल से कम उम्र की महिलाओं के इसकी चपेट में आने का खतरा रहता हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि स्तनपान नहीं कराने के अलावा मोटापा और कई बार जल्द गर्भधारण करने की वजह से भी महिलाओं को एचआरएन स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
एनाल्स ऑफ ऑनकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक सभी तरह के स्तन कैंसर पीड़ितों में से करीब 20 फीसदी महिलाएं एचआरएन स्तन कैंसर की शिकार हैं।