न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Sat, 28 Sep 2019 10:10 PM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि शहीद भगत सिंह असली राष्ट्रवादी थे। जो समाजवादी नहीं वह राष्ट्रवादी भी नहीं हो सकता। डॉ.राममनोहर लोहिया ने भगत सिंह को फांसी की सजा का विरोध किया था जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक मौन रहा था।
वह शनिवार को यहां प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुख्यालय पर भगत सिंह की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद संगोष्ठी में बोल रहे थे। संगोष्ठी ‘भगत-लोहिया व समाजवाद’ विषय पर आयोजित थी।
यादव ने कहा कि प्रसपा प्रदेश के नई पीढ़ी को ‘भगत सिंह, लोहिया व समाजवाद’ के प्रगतिशील पक्ष के बारे में बताएंगे। कहा कि डॉ. राममनोहर लोहिया ने भगत सिंह की फांसी के विरोध में बर्लिन में ‘लीग आफ नेशन’ की बैठक में सत्याग्रह किया था।
उन्होंने मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार को भगत, आजाद, अशफाकउल्ला और डॉ. लोहिया की जयंती को यादगार तरीके से मनाना चाहिए। कहा कि प्रदेश में महंगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है। थाना और कचहरी में लोकतंत्र पल-पल अपमानित हो रहा है। पर, भाजपा घमंड में चूर है।
शिवपाल ने कहा कि कार्यकर्ताओं को निर्णायक संघर्ष और गिरफ्तारी के लिए तैयार रहना चाहिए। देश के ऊपर सवा चार सौ अरब डॉलर का कर्ज चढ़ चुका है। उत्तर प्रदेश के बजट का नौ प्रतिशत धन सिर्फ ब्याज चुकाने में जाता है।
बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि भगत-आजाद के समाजवाद के स्वप्न को लोहिया-जयप्रकाश ने सिद्धांत का रूप दिया जिसे मूर्त रूप देने और सार्थक बहस चलाने के लिए प्रसपा प्रतिबद्ध है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष सुंदर लोधी और संचालन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष दिनेश यादव ने किया। संगोष्ठी को रघुनन्दन सिंह काका, इरफान मलिक, प्रो. अल्पना वाजपेई, अर्चना राठौर, अरविन्द यादव, यशवर्धन सिंह, आपदाहरण, गौतम सागर राणे समेत कई लोगों ने संबोधित किया।
पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि शहीद भगत सिंह असली राष्ट्रवादी थे। जो समाजवादी नहीं वह राष्ट्रवादी भी नहीं हो सकता। डॉ.राममनोहर लोहिया ने भगत सिंह को फांसी की सजा का विरोध किया था जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक मौन रहा था।
वह शनिवार को यहां प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुख्यालय पर भगत सिंह की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद संगोष्ठी में बोल रहे थे। संगोष्ठी ‘भगत-लोहिया व समाजवाद’ विषय पर आयोजित थी।
यादव ने कहा कि प्रसपा प्रदेश के नई पीढ़ी को ‘भगत सिंह, लोहिया व समाजवाद’ के प्रगतिशील पक्ष के बारे में बताएंगे। कहा कि डॉ. राममनोहर लोहिया ने भगत सिंह की फांसी के विरोध में बर्लिन में ‘लीग आफ नेशन’ की बैठक में सत्याग्रह किया था।
उन्होंने मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार को भगत, आजाद, अशफाकउल्ला और डॉ. लोहिया की जयंती को यादगार तरीके से मनाना चाहिए। कहा कि प्रदेश में महंगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है। थाना और कचहरी में लोकतंत्र पल-पल अपमानित हो रहा है। पर, भाजपा घमंड में चूर है।
संघर्ष व गिरफ्तारी के लिए हमेशा तैयार रहें कार्यकर्ता
शिवपाल ने कहा कि कार्यकर्ताओं को निर्णायक संघर्ष और गिरफ्तारी के लिए तैयार रहना चाहिए। देश के ऊपर सवा चार सौ अरब डॉलर का कर्ज चढ़ चुका है। उत्तर प्रदेश के बजट का नौ प्रतिशत धन सिर्फ ब्याज चुकाने में जाता है।
बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि भगत-आजाद के समाजवाद के स्वप्न को लोहिया-जयप्रकाश ने सिद्धांत का रूप दिया जिसे मूर्त रूप देने और सार्थक बहस चलाने के लिए प्रसपा प्रतिबद्ध है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष सुंदर लोधी और संचालन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष दिनेश यादव ने किया। संगोष्ठी को रघुनन्दन सिंह काका, इरफान मलिक, प्रो. अल्पना वाजपेई, अर्चना राठौर, अरविन्द यादव, यशवर्धन सिंह, आपदाहरण, गौतम सागर राणे समेत कई लोगों ने संबोधित किया।