न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Thu, 26 Nov 2020 06:52 PM IST
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प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप से जुड़े नवोन्मेषकों को भरण पोषण भत्ता दिए जाने की गाइडलाइन तय कर दी है। लाभार्थियों का चयन स्टार्टअप नीति के अंतर्गत गठित कमेटी करेगी। स्टार्टअप नीति- 2020 के अंतर्गत प्रति इनक्यूबेटर 10 स्टार्टअप तक भरण पोषण भत्ता दिए जाने की व्यवस्था है।
इसके अंतर्गत एक वर्ष तक प्रति स्टार्टअप 15,000 प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता दिया जाना है। यह भत्ता उन्हीं स्टार्टअप संस्थानों को दिए जाने की व्यवस्था है, जिन्हें आर्थिक रूप से आवश्यकता है। गाइडलाइन न बनने की वजह से भता दिए जाने की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही थी।
प्रदेश सरकार ने भत्ते के लिए स्टार्टअप चयन संबंधी गाइड लाइन जारी कर दी है। इसके लिए तीन मापदंड तय किए गए हैं और तीनों ही मापदंड की पूर्ति अनिवार्य की गई हैं।
शासन ने स्पष्ट किया है नीति के अनुसार गठित मूल्यांकन समिति स्टार्टअप द्वारा प्रस्तुत भरण पोषण भत्ते, सीड कैपिटल/ विपणन सहायता की मांगों पर अनुमोदन/संस्तुति देगी। प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति व वितरण उसके बाद ही किया जाएगा।
शासन ने यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को हर महीने प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग इंप्लीमेंटेशन कमिटी की बैठ कर स्टार्टअप की मांगों पर निर्णय सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है।
भरण पोषण भत्ते के लिए स्टार्टअप चयन के मानक
- स्टार्टअप के प्रमोटर पूर्व में कहीं सेवायोजित न रहे हों।
- उनकी पारिवारिक वार्षिक आय 10 लाख से अधिक न हो।
- स्टार्टअप द्वारा अन्य किसी फंड/योजना से कोई धनराशि न ली गई हो।
प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप से जुड़े नवोन्मेषकों को भरण पोषण भत्ता दिए जाने की गाइडलाइन तय कर दी है। लाभार्थियों का चयन स्टार्टअप नीति के अंतर्गत गठित कमेटी करेगी। स्टार्टअप नीति- 2020 के अंतर्गत प्रति इनक्यूबेटर 10 स्टार्टअप तक भरण पोषण भत्ता दिए जाने की व्यवस्था है।
इसके अंतर्गत एक वर्ष तक प्रति स्टार्टअप 15,000 प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता दिया जाना है। यह भत्ता उन्हीं स्टार्टअप संस्थानों को दिए जाने की व्यवस्था है, जिन्हें आर्थिक रूप से आवश्यकता है। गाइडलाइन न बनने की वजह से भता दिए जाने की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही थी।
प्रदेश सरकार ने भत्ते के लिए स्टार्टअप चयन संबंधी गाइड लाइन जारी कर दी है। इसके लिए तीन मापदंड तय किए गए हैं और तीनों ही मापदंड की पूर्ति अनिवार्य की गई हैं।
शासन ने स्पष्ट किया है नीति के अनुसार गठित मूल्यांकन समिति स्टार्टअप द्वारा प्रस्तुत भरण पोषण भत्ते, सीड कैपिटल/ विपणन सहायता की मांगों पर अनुमोदन/संस्तुति देगी। प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति व वितरण उसके बाद ही किया जाएगा।
शासन ने यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को हर महीने प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग इंप्लीमेंटेशन कमिटी की बैठ कर स्टार्टअप की मांगों पर निर्णय सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है।
भरण पोषण भत्ते के लिए स्टार्टअप चयन के मानक
- स्टार्टअप के प्रमोटर पूर्व में कहीं सेवायोजित न रहे हों।
- उनकी पारिवारिक वार्षिक आय 10 लाख से अधिक न हो।
- स्टार्टअप द्वारा अन्य किसी फंड/योजना से कोई धनराशि न ली गई हो।