डॉ. शुभम उपाध्याय
- फोटो : @ChouhanShivraj
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मध्यप्रदेश के सागर स्थित सरकारी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के 26 वर्षीय चिकित्सक शुभम उपाध्याय की कोविड-19 के कारण बुधवार को भोपाल के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। वह कोविड-19 मेडिकल अधिकारी थे।
चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय गोयनका ने बताया, 'डॉक्टर शुभम उपाध्याय (26) की बुधवार को हमारे अस्पताल में मौत हो गई। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे और 10 नवंबर से हमारे अस्पताल में भर्ती थे।' उन्होंने कहा, 'उनके फेफड़े पूरी तरह खराब हो गए थे।'
इसी बीच, उपाध्याय को सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में लाने वाले उनके सहकर्मी चिकत्सक डॉ. उमेश पटेल ने बताया, ‘‘उपाध्याय ने इसी साल आठ अप्रैल को सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में संविदा चिकित्सक के रूप में ड्यूटी ज्वाइन की थी। वह वहां पर कोविड-19 मेडिकल अधिकारी थे।’’
उन्होंने कहा कि वह 28 अक्तूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे और तब से लेकर 10 नवंबर तक उनका इलाज सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में चल रहा था, लेकिन उनकी स्थिति अत्यधिक खराब होने के कारण उन्हें 10 नवंबर को भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रेफर किया गया और तब से उनका इलाज इसी अस्पताल में चल रहा था।
पटेल ने बताया, 'उपाध्याय को फेफड़े ट्रांसप्लांट करवाने के लिए चेन्नई के एमजीएम अस्पताल ले जाने की तैयारी चल रही थी। पिछले दो दिन से चेन्नई के चिकित्सकों की टीम यहां आकर उनकी निरंतर निगरानी भी कर रही थी।'
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कहा था कि उनके इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। पटेल ने बताया कि चिकित्सक विचार कर रहे थे कि जैसे ही वह थोड़ा स्थिर लगेंगे, उन्हें बेहतर उपचार हेतु भोपाल से विमान के जरिए चेन्नई ले जाया जाएगा, लेकिन, इसी बीच उपाध्याय ने दम तोड़ दिया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, 'मन पीड़ा और दुःख से भरा हुआ है। हमारे जांबाज कोरोना योद्धा डॉ. शुभम कुमार उपाध्याय, जो निःस्वार्थ भाव से दिन और रात एक कर कोविड-19 पीड़ितों की सेवा करते हुए संक्रमित हुए थे, उन्होंने आज अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। समाज की सेवा का अद्भुत और अनुपम उदाहरण डॉ. शुभम ने पेश किया।’’
उन्होंने कहा, 'डॉक्टर बनते समय उन्हें जो शपथ दिलाई गई है, उसका एक-एक अक्षर डॉ. शुभम ने सार्थक कर दिखाया। उन्होंने देश का एक सच्चा नागरिक होने का परिचय दिया। मैं भारत मां के ऐसे सपूत के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे दिवंगत आत्मा को शांति दें।'
चौहान ने आगे कहा, 'मुझे और पूरे मध्यप्रदेश को उन पर गर्व है। हमारी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं। ईश्वर उन्हें यह वज्रपात सहने की क्षमता प्रदान करें। मैं और प्रदेश सरकार, डॉ. शुभम उपाध्याय के परिवार के साथ खड़े है।'
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'कोरोना वायरस की भीषण महामारी में कोरोना योद्धा की भूमिका निभाने वाले सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शुभम उपाध्याय के निधन की खबर बेहद दुखद है। उन्होंने कोरोना वायरस की इस भीषण महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर कई मरीजों की सेवा कर अपनी कर्तव्यनिष्ठता का परिचय दिया, लेकिन बेहद अफसोस है कि संक्रमित होने के बाद उनकी जान बचायी नहीं जा सकी। मैं दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।'
उन्होंने लिखा, 'मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि उनके परिजनों की अन्य कोरोना योद्धाओं की तरह आर्थिक मदद की जाए और शासन की तरफ से उनकी हरसंभव मदद की जाए।'
मध्यप्रदेश के सागर स्थित सरकारी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के 26 वर्षीय चिकित्सक शुभम उपाध्याय की कोविड-19 के कारण बुधवार को भोपाल के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। वह कोविड-19 मेडिकल अधिकारी थे।
चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय गोयनका ने बताया, 'डॉक्टर शुभम उपाध्याय (26) की बुधवार को हमारे अस्पताल में मौत हो गई। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे और 10 नवंबर से हमारे अस्पताल में भर्ती थे।' उन्होंने कहा, 'उनके फेफड़े पूरी तरह खराब हो गए थे।'
इसी बीच, उपाध्याय को सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में लाने वाले उनके सहकर्मी चिकत्सक डॉ. उमेश पटेल ने बताया, ‘‘उपाध्याय ने इसी साल आठ अप्रैल को सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में संविदा चिकित्सक के रूप में ड्यूटी ज्वाइन की थी। वह वहां पर कोविड-19 मेडिकल अधिकारी थे।’’
उन्होंने कहा कि वह 28 अक्तूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे और तब से लेकर 10 नवंबर तक उनका इलाज सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में चल रहा था, लेकिन उनकी स्थिति अत्यधिक खराब होने के कारण उन्हें 10 नवंबर को भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रेफर किया गया और तब से उनका इलाज इसी अस्पताल में चल रहा था।
पटेल ने बताया, 'उपाध्याय को फेफड़े ट्रांसप्लांट करवाने के लिए चेन्नई के एमजीएम अस्पताल ले जाने की तैयारी चल रही थी। पिछले दो दिन से चेन्नई के चिकित्सकों की टीम यहां आकर उनकी निरंतर निगरानी भी कर रही थी।'
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कहा था कि उनके इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। पटेल ने बताया कि चिकित्सक विचार कर रहे थे कि जैसे ही वह थोड़ा स्थिर लगेंगे, उन्हें बेहतर उपचार हेतु भोपाल से विमान के जरिए चेन्नई ले जाया जाएगा, लेकिन, इसी बीच उपाध्याय ने दम तोड़ दिया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, 'मन पीड़ा और दुःख से भरा हुआ है। हमारे जांबाज कोरोना योद्धा डॉ. शुभम कुमार उपाध्याय, जो निःस्वार्थ भाव से दिन और रात एक कर कोविड-19 पीड़ितों की सेवा करते हुए संक्रमित हुए थे, उन्होंने आज अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। समाज की सेवा का अद्भुत और अनुपम उदाहरण डॉ. शुभम ने पेश किया।’’
उन्होंने कहा, 'डॉक्टर बनते समय उन्हें जो शपथ दिलाई गई है, उसका एक-एक अक्षर डॉ. शुभम ने सार्थक कर दिखाया। उन्होंने देश का एक सच्चा नागरिक होने का परिचय दिया। मैं भारत मां के ऐसे सपूत के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे दिवंगत आत्मा को शांति दें।'
चौहान ने आगे कहा, 'मुझे और पूरे मध्यप्रदेश को उन पर गर्व है। हमारी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं। ईश्वर उन्हें यह वज्रपात सहने की क्षमता प्रदान करें। मैं और प्रदेश सरकार, डॉ. शुभम उपाध्याय के परिवार के साथ खड़े है।'
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'कोरोना वायरस की भीषण महामारी में कोरोना योद्धा की भूमिका निभाने वाले सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शुभम उपाध्याय के निधन की खबर बेहद दुखद है। उन्होंने कोरोना वायरस की इस भीषण महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर कई मरीजों की सेवा कर अपनी कर्तव्यनिष्ठता का परिचय दिया, लेकिन बेहद अफसोस है कि संक्रमित होने के बाद उनकी जान बचायी नहीं जा सकी। मैं दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।'
उन्होंने लिखा, 'मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि उनके परिजनों की अन्य कोरोना योद्धाओं की तरह आर्थिक मदद की जाए और शासन की तरफ से उनकी हरसंभव मदद की जाए।'